बोए जाते हैं बेटे, उग जाती है बेटियां … खाद-पानी बेटों को, पर लहराती है बेटियां… ये कविता भारतीय जनमानस पर बिलकुल सटीक बैठती है। क्योंकि हमारे यहां आज भी बेटियों के प्रति अभिभावकों और समाज में उदासीनता का भाव देखने को मिलता है। लेकिन इस सामाजिक भेदभाव के बावजूद देश की तमाम बेटियां अपने हुनर के दम पर अपनी पहचान बना रही हैं और अपने साथ ही अपने समाज और देश का मान बढ़ा रही है। इस ‘डॉटर्स डे’ के मौके पर गृहलक्ष्मी की टीम देश की ऐसी होनहार बेटियों को सलाम करती है। आज हम आपको देश की ऐसी ही कुछ बेटियों से परिचय कराने जा रहे हैं, जिन्होंने इस साल अलग-अलग मोर्चे पर देश का मान-सम्मान बढ़ाया है।
हिमा दास

हिमा दास, बीते जुलाई के महीने में यूरोप में हुई अंडर-20 वर्ल्ड चैंपियनशिप में 5 गोल्ड जीत सुर्खियों में आई हैं। हिमा किसी इंटरनेशनल ट्रैक इवेंट में गोल्ड मेडल जीतने वाली पहली भारतीय खिलाड़ी हैं।
पीवी सिंधु

पीवी सिंधु, भारत की स्टार बैडमिंटन खिलाड़ी हैं, जिन्होंने हाल ही में विश्व चैम्पियन बनने का गौरव हासिल कर देश का मान बढ़ाया।
भावना कांत

इस साल फ्लाइंग लेफ्टिनेंट भावना कांत के रूप में देश को पहली महिला फाइटर पायलट भी मिल चुकी है। बिहार के दरभंगा जिले की भावना ने अकेले मिग-21 लड़ाकू विमान उड़ा कर अपना प्रशिक्षण पूरा किया है।
अपूर्वी चंदेला

अपूर्वी चंदेला ने भी इस साल जर्मनी में हुए ISSF वर्ल्ड कप में 10 मीटर एयर राइफल स्पर्धा का स्वर्ण पदक जीत देश का नाम रौशन किया है। आपको बता दें कि अपूर्वी ने विश्व कप में अव्वल रहने का ये रिकॉर्ड दूसरी बार बनाया है।
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