बच्चे को भी बनाएं जिम्मेदार, अपनाएं ये आसान तरीके
समय रहते बच्चों को छोटी छोटी बातों में जिम्मेदारी का एहसास कराना चाहिए ताकि बच्चा अपनी चीज़ों की कद्र करना सीखें।
Parenting Tips: बच्चे का कोमल मन कच्ची मिट्टी के सामान होता है। वो जैसा अपने आसपास होते हुए देखेगा उसे ही अपने व्यवहार में शामिल कर लेगा। ऐसे में बच्चे को डांटना या झिड़क देना पूरी तरह से गलत है। अगर हम चाहते हैं बच्चा ठीक व्यवहार करे तो हम उन्हें सिखा या समझा नहीं सकते हैं, बल्कि जैसा हम अपने बच्चे को बनाना चाहते हैं ठीक वैसा ही हमें भी बनना पड़ेगा। समय रहते बच्चों को छोटी छोटी बातों में जिम्मेदारी का एहसास कराना चाहिए ताकि बच्चा अपनी चीज़ों की कद्र करना सीखें, बच्चे जब थोड़े बड़े होने लगते हैं तो हमें उन्हें सही गलत की पहचान करना सिखाना चाहिए। बच्चों की परवरिश बहुत ही नाजुक काम है, जरा सी गलती हमारे बच्चे के व्यवहार में नकारात्मक रवैया ला सकती है। बच्चों के साथ दोस्त बन कर उन्हें बहुत अच्छे से समझाया जा सकता है।
आइये जानते हैं कैसे अपने बच्चे को उसकी चीज़ों की कद्र करना सिखाएं।
अपनी आदतों पर भी करें गौर

अक्सर जल्दबाजी में हम अपनी चीज़ों को यूँ ही रख छोड़ते हैं। ये सोचकर की घर वापस आ कर हम इन्हे इनकी सही जगह रख देंगे। लेकिन कई बार हम बाहर से आने के बाद इतने ज्यादा थक जाते हैं की उन चीज़ों के बारे में भूल ही जाते हैं जिन्हें हमें उनकी सही जगह पर वापस रखना था। हमारा ये रवैया बच्चों को लापरवाह बनता है।
चीज़ों की अहमियत समझाएं

बच्चों से पूछें की उनके लिए उनके खिलौने और किताबें क्यों इतनी अहमियत रखते हैं, वो खुद ही अपने शब्दों में आपको बता देंगे की उनकी चीज़ें उनके लिए बहुत ख़ास हैं। ठीक ये जवाब सुनने के बाद बच्चों को समझाएं की अगर वो अपनी चीज़ों से इतना ही प्यार करते हैं तो उनको सही जगह पर रखें।
समाज के आस पास की जानकारी दें

बच्चों को समझाएं उनकी चीज़ें अगर सही जगह पर राखी होंगी तो समय रहते वो खूब अच्छे से उनका इस्तेमाल कर पाएंगे। उन्हें बताएं की हमारे आस पास ऐसे बहुत से लोग हैं जो अपने बच्चों के लिए खिलोने या किताबें भी ले पाने असमर्थ हैं। अगर वो चाहें तो अपनी चीज़ों का ख्याल रख कर उन्हें इस्तेमाल करें और उनमें से कुछ चीज़ें उन बच्चों में भी बाँट दें जो इन्हे ले पाने में असमर्थ हैं। इस तरह आपके बच्चे के मन में दयालुता की भावना आएगी।
खेल खेल में प्रोत्साहित करें

बच्चों को समझाएं की उनकी चीज़ें जितने अच्छे से वो सभालेंगे उतने ही स्टार या पॉइंट्स उनको मिलेंगे और एक निश्चित मात्रा में पॉइंट्स मिलने के बाद बच्चों को उनके स्कूल और उनकी जरुरत से जुडी चीज़ें भी ला कर दी जाएंगी। जैसे पेंसिल बॉक्स, पानी की बोतल, लंच बॉक्स ,फ्रूट बॉक्स इत्यादि। इसके विपरीत बच्चों को लालच बिलकुल ना दें जैसे चिप्स टॉफ़ी कहीं घूमने जाना आदि का। इस तरह का वादा करें जो बच्चों के हित में हो। इस तरह बच्चे बहुत जल्दी समझने लगेंगे की उनकी चीज़ें उन्हें ही सभाल कर रखनी है, जरुरत पड़ने पर माता पिता की मदद ली जा सकती है।
