नार्थ ईस्ट जाने की सोच रहे हैं, तो इन 10 जगहों पर जरूर जाएं: North East India Tour 
North East India Tour 

10 जगहों पर ज़रूर जाएं जब नॉर्थ ईस्ट का प्लान बनाएं

यहाँ स्थित सात राज्यों को 'सेवन सिस्टर्स' के नाम से जाना जाता है और यह अपनी विशेष संस्कृति और विविधताओं को लेकर काफ़ी प्रसिद्ध है।

North East India Tour: हमारा देश विविधताओं का देश है। तरह तरह के लोकरंग, तरह तरह के लोग, लोक और संस्कृति। भारत का पूर्वोत्तर भी बिल्कुल ऐसा ही है। यहाँ स्थित सात राज्यों को ‘सेवन सिस्टर्स’ के नाम से जाना जाता है और यह अपनी विशेष संस्कृति और विविधताओं को लेकर काफ़ी प्रसिद्ध है। पहाड़ों, नदियों और खूबसूरत वादियों से भरे भू-भाग इसे एक लोकप्रिय पर्यटन के अनुकूल बनाते हैं। घुमक्क्ड़ों के लिए पूर्वोत्तर यानी नॉर्थ ईस्ट किसी स्वर्ग से कम नहीं है! अगर आप नॉर्थईस्ट जाने की सोच रहे हैं तो इन जगहों पर जाना बिल्कुल भी नहीं भूलें। 

गंगटोक, सिक्किम 

North East India Tour 
North East India Tour -Sikkim

पूर्वी हिमालय रेंज में शिवालिक की पहाड़ियों के ऊपर स्थित गंगटोक सिक्किम जाने वाले पर्यटकों के बीच एक प्रमुख आकर्षण रहता है। यह सिक्किम पर्यटन का मुख्‍य आधार तिब्‍बती बौद्ध संस्‍कृति को सीखने का मुख्‍य केंद्र है, क्‍योंकि यहां विभिन्‍न मठ, धार्मिक शिक्षा केंद्र और तिब्‍बतशास्‍त्र केंद्र हैं। इस जगह पर आकर आप तरह तरह के बौद्ध मठ देखने के साथ प्रकृति का आनंद ले सकते हैं।

उनाकोटि

उनाकोटि
उनाकोटि

इस जगह को शिव की जादुई दुनिया और एक करोड़ श्रापित देवता की भूमि कहा जाता है। जंगल के बीच जहां आसपास कोई बसावट नहीं एक साथ इतनी मूर्तियों का निर्माण कैसे संभव हो पाया यह आज भी शोध का विषय है। कोई ठोस प्रमाण तो नहीं मिलता लेकिन इस जगह से तमाम तरह की लोककथाएं जुड़ी हुई हैं, जो इस जगह को अद्भुत और रहस्यमयी बनाने का काम करती हैं। यह जगह दुनिया की भीड़भाड़ से दूर समय बिताने के लिहाज़ से काफ़ी सुंदर है। 

पेलिंग, सिक्किम 

Pelling
Pelling

इस जगह का समृद्ध इतिहास और संस्कृति पेलिंग को गंगटोक के बाद सिक्किम का सर्वाधिक महत्वपूर्ण पर्यटन गंतव्य बनाते हैं। यह कभी जंगलों से भरी हुई भूमि हुआ करती थी जो कि अनेक वन्य प्राणियों का घर थी। दो बौद्ध मठों पेमयांग्स्ते और संगाचोलिंग के बीच में स्थित होने की वजह से यह क्षेत्र एक अच्छे खासे पर्यटन स्थल के रूप में विकसित हो सका। वर्तमान में यह जगह व्हाईट वॉटर रॉफ्टिंग, कयाकिंग, ट्रेकिंग, बाइकिंग और अन्य साहसिक गतिविधियों के लिए प्रसिद्ध है।

माजुली नदी द्वीप, असम

माजुली नदी द्वीप
माजुली नदी द्वीप

माजुली को असम की सांस्कृतिक राजधानी कहा जाता है लेकिन इसके हिस्से के अपने कुछ दुःख भी है। इस द्वीप का साल दर साल सिकुड़ना असम की 500 साल पुरानी सांस्कृतिक विरासत के लिए खतरे की घंटी है। इस जगह पर घूमने की बजाय यहां के लोगों, यहां के जीवन और यहां की सांस्कृतिक बहुलता को समझना ज़्यादा अच्छा लगता है। इस जगह पर आकर आपको अहसास होगा कि मौजुली जैसी खूबसूरत जगह धरती पर कोई और नहीं है।

ग्लोरी पीक फुटसेरो, नागालैंड

Nagaland
Nagaland

यह नागालैंड की सबसे उंचाई पर स्थित पहाड़ों में से एक है जिसकी वजह से इसे ब्रह्मांड की भूमि कहा जाता है। यह हिमालय का बहुत ही आश्चर्यजनक और मंत्रमुग्ध कर देने वाला दृश्य प्रस्तुत करता है। इस जगह से दुनिया के सबसे ऊँचे पर्वत माउंट एवरेस्ट को स्पष्टतौर पर देखा जा सकता है। एक पर्यटन स्थल के रूप में पिछले कुछ सालों में इसकी पहचान में अद्भुत इज़ाफ़ा हुआ है।

जीरो वैली, अरुणाचल प्रदेश

लोअर सुबानसिरी जिले में स्थित जीरो वैली अरुणाचल प्रदेश के प्रसिद्ध स्थलों में गिना जाता है। यह एक पुरानी और ख़ूबसूरत घाटी है। इस जगह पर आपको प्राकृतिक वातावरण और भरपूर जैव विविधता देखने को मिलेगी। ज़ीरो वैली  के हरे-भरे बांस के जंगल, देवदार के ख़ूबसूरत पेड़ और पहाड़ों के खेत आपका मन मोह लेंगे। यह घाटी अपनी समृद्ध वन्यजीव के लिए जानी जाती है और अपनी ‘अपातिनी जनजाति’ के लिए काफ़ी प्रसिद्ध है। अरुणाचल प्रदेश अगर आप घूमने का प्लान बनाएं, तो जीरो वैली ज़रूर जायें।

दार्जिलिंग, पश्चिमी बंगाल 

दार्जिलिंग देश के सबसे खूबसूरत और लोकप्रिय हिल स्टेशनों में शुमार किया जाता है और पूरी दुनिया में अपने चाय के बाग़ानों के लिए जाना जाता है। यह नोर्थईस्ट घूमने वालों के लिए एक बहुत ही सुंदर विकल्प देता है। दार्जिलिंग इतना  ख़ूबसूरत है कि इसे पहाड़ों की रानी कहा जाता है और इस जगह पर हर साल लाखों लोग सिर्फ़ घूमने के लिए आते हैं। यह जगह अपनी प्राकृतिक ख़ूबसूरती, जैव विविधता और पर्यटन स्थलों के लिए जानी जाती है। इस जगह पर सबसे ज़्यादा लोग हनीमून डेस्टिनेशन के तौर पर पसंद करते हैं। दार्जिलिंग में स्थित हिमालयन रेलवे इसे यूनेस्को विश्व धरोहर में सम्मिलित करता है। 

शिलांग, मेघालय 

मेघालय 

भारत के उत्तर-पूर्वी भाग में स्थित शिलांग देश के सबसे महत्वपूर्ण पर्यटन स्थलों में गिना जाता है। देवदार के पेड़ों से घिरा शिलांग अपनी प्राकृतिक सुंदरता, जैव विविधता, प्राचीन विरासत और विशिष्ट परंपराओं के लिए जाना जाता है। यह इतना ख़ूबसूरत है कि इसे पूर्व का स्कॉटलैंड कहा जाता है। शिलांग में घूमने और देखने के लिए काफ़ी कुछ है, लेकिन यहाँ के झरनों की बात ही निराली है। इस जगह के पहाड़ों से गिरते झरने आपका मन मोह लेंगे। आप चाहें तो यहाँ के संग्रहालय और चिड़ियाघर की भी यात्रा कर सकते हैं।

चेरापूंजी, मेघालय 

चेरापूंजी, मेघालय 

मेघालय में स्थित चेरापूंजी को वैसे तो देश में सबसे अधिक बारिश होने वाली जगह के रूप में जाना जाता है, लेकिन यह एक बहुत ही ख़ूबसूरत और लोकप्रिय पर्यटन स्थल भी है। इसलिए इस जगह पर हर साल लाखों लोग घूमने और इस जगह की जैव विविधता को देखने के लिए आते हैं। इस जगह पर आकर यहाँ के लोगों के जीवन और सांस्कृतिक परम्पराओं को समझना चाहिए। ख़ासकर, यहाँ की ख़ासी जनजाति को देखना अच्छा लगेगा। इस जगह पर आपको कई ख़ूबसूरत रहस्यों से भरी घाटियाँ और झरने देखने को मिलेंगे। यह जगह शिलांग के काफ़ी क़रीब पड़ती है।

त्रिपुरा

त्रिपुरा

नार्थईस्ट में स्थित त्रिपुरा भारत का एक राज्य है जोकि नारंगी, रबर, चाय और बांस के बागानों के लिए जाना जाता है। यही राज्य जितना छोटा है कहीं उससे भी ज़्यादा ख़ूबसूरत और विविधतापूर्ण। इस जगह पर देखने और जानने के लिए काफ़ी कुछ है और इसे देश का अनछुआ ख़ज़ाना कहा जाता है। भारतीय भूमि का यह टुकड़ा आदिवासी लोगों की एक ऐसी छोटी दुनिया को प्रदर्शित करता है जो अभी भी पूरी तरह से एक्सप्लोर नहीं हो पायी है। इस जगह पर लोग आकर लोग यहाँ के सूती कपड़े, लकड़ी, बांस, बेंत की बनी वस्तुओं को ख़रीदना पसंद करते हैं। 

संजय शेफर्ड एक लेखक और घुमक्कड़ हैं, जिनका जन्म उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में हुआ। पढ़ाई-लिखाई दिल्ली और मुंबई में हुई। 2016 से परस्पर घूम और लिख रहे हैं। वर्तमान में स्वतंत्र रूप से लेखन एवं टोयटा, महेन्द्रा एडवेंचर और पर्यटन मंत्रालय...

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