Japanese Technique: ओवरथिंकिंग यानी अधिक सोचने की समस्या गंभीर हो सकती है। अक्सर लोग ऐसी चीजों के बारे में सोचते हैं जो उन्हें नापसंद होती हैं। ये उनके दुखी होने का कारण भी बन सकती है। ओवरथिंकिंग ऑफिस के कार्यों, लोगों के तानों और दुर्व्यवहार से बढ़ जाती है। कुछ चीजों को लोग मन में बैठा लेते हैं और इन्हें लेकर परेशान होते रहते हैं। सोचने की ये आदत न केवल तनाव और सिरदर्द का कारण बनती हैं बल्कि मानसिक स्थिति पर भी प्रभाव डाल सकती हैं। ओवरथिंकिंग की समस्या से निपटने के लिए मेडिटेशन और मेडिकेशन के अलावा आप जापानी टेक्नीक को अपनी लाइफ का हिस्सा बना सकते हैं। ये टेक्नीक तनाव को कम करने के साथ ओवर थिंकिंग की समस्या पर भी लगाम लगा सकती है। जापानी टेक्नीक क्या है और ये कैसे काम करती है चलिए जानते हैं इसके बारे में।
क्या है जापानी टेक्नीक

ओवरथिंकिंग और तनाव पर काबू पाने के लिए कई सालों से जापानी लोग ऐसी टेक्नीक का इस्तेमाल कर रहे हैं जो पूरी तरह से स्वयं पर केंद्रित होती है। इस टेक्नीक के माध्यम से आप मन की बातों को भुला पाते हैं और मुश्किलों का सामना पूरी दृढ़ता के साथ करते हैं। इस टेक्नीक का इस्तेमाल करने के बाद आत्म नियंत्रण, निष्पक्षता, लचीलापन, एकाग्रता और मानसिक स्पष्टता जैसे फायदे दिखाई देना शुरू हो जाते हैं।
ओवरथिंकिंग के नुकसान
ओवरथिंकिंग कोई आदत नहीं है जिसे हम अपनाना चाहते हैं लेकिन इसपर हमारा कंट्रोल नहीं है। न चाहते हुए भी लोग चीजों के बारे में सोचते हैं जो मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य को प्रभावित करता है।
नींद पर असर: कई बार हम ऐसी चीजों के बारे में सोचते रहते हैं जिससे हमारा कोई लेनादेना नहीं होता। ओवरथिंकिंग जब हद से ज्यादा बढ़ जाती है तो उसका प्रभाव मानसिक स्थिति पर पड़ सकता है। जिससे नींद प्रभावित हो सकती है।
मानसिक समस्या: ओवरथिंकिंग मानसिक स्वास्थ्य पर भी प्रभाव डाल सकती है। इस समस्या के चलते व्यक्ति पूरे दिन विचारों में खोया रहता है। अपने से बात करता है और खुद ही सवालों के जबाव देने लगता है।
हार्मोनल बदलाव: जरूरत से ज्यादा सोचना सिर्फ मानसिक ही नहीं बल्कि शारीरिक रूप से भी नुकसानदायक हो सकता है। जब आपका दिमाग पूरी तरह से शांत और स्थिर नहीं होगा तब तक शरीर को भी आराम नहीं मिलेगा। जिसकी वजह से हार्मोनल बदलाव आने लगते हैं।
स्ट्रेस और एंग्जाइटी: ओवरथिंकिंग की वजह से स्ट्रेस और एंग्जाइटी की समस्या हो सकती है। इससे मेंटल डिसऑर्डर की समस्या हो सकती है।
ओवरथिंकिंग के लिए अपनाएं ये जापानी टेक्नीक

इकिगई: ये एक जापानी शब्द है जिसका अर्थ है जीवन का मूल्य पहचानना। यानी आप दूसरों को भूलकर अपने जीवन पर फोकस करें। लोग क्या बोलते हैं, क्या सोचते हैं इसका आपके जीवन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता। इसलिए लोगों की चिंता करना छोड़ अपने बारे में सोचें।
काईजेन: इस शब्द का अर्थ है लगातार सुधार करना। यानी लगातार अपनी आदतों में सुधार करना। ओवरथिंकिंग एक आदत है जो आपके मानसिक तनाव का कारण बन सकती है इसलिए इस आदत में सुधार करना आवश्यक है।
फॉरेस्ट बाथिंग: ये एक शारीरिक या मनोवैज्ञानिक प्रक्रिया है जिसमें जंगल या नेचर में समय बिताना शामिल है। ये हाई ब्लड प्रेशर से लेकर ओवरथिंकिंग की समस्या में भी सुधार कर सकती है।
माइंडफुल मेडिटेशन: माइंडफुल मेडिटेशन से आपको तनाव और ओवरथिंकिंग को कम करने में मदद मिल सकती है। इसमें अपनी सोच या विचार को केंद्रित करना होता है।
