विवाह में विलम्ब वास्तु दोष तो नहीं: Marriage Vastu Tips
Marriage Vastu Tips

Marriage Vastu Tips: वाह में विलंब वर्तमान समय में विवाह योग्य बच्चों के अभिभावकों के लिए एक प्रमुख समस्या है। विवाह में विलंब होने के अनेक कारण होते हैं। कुछ व्यावहारिक, कुछ ज्योतिषीय ग्रह जनित एवं कुछ कारक वास्तु जनित होते हैं। वास्तुदोष जनित कारण का समाधान करने से विवाह प्रस्तावों में आ रही अड़चनें दूर हो सकती हैं तथा शीघ्र विवाह की स्थितियां बन सकती हैं विवाह योग्य युवक एवं युवतियों के रहने के लिए उत्तर दिशा को अनुकूल बताया जाता है। विवाह योग्य युवकों को उत्तर-पूर्व दिशा में बने कमरों में निवास करना चाहिए तथा विवाह योग्य युवतियों को उत्तर या उत्तर-पश्चिम दिशा के कमरों में रहना चाहिए।

विवाह योग्य व्यक्तियों को सोते समय पैर उत्तर में अथवा सिर दक्षिण में रखना चाहिए।
विवाह योग्य व्यक्तियों के कक्ष में काले रंग की चादर, पर्दा, टेबल का कवर, दरवाजों या खिड़कियों पर काला रंग नहीं होना चाहिए।

विवाह योग्य व्यक्ति को यथा संभव ऐसे कक्ष में निवास करना चाहिए जिसमें एक से अधिक दरवाजे हैं। अविवाहित व्यक्तियों को ऐसे कक्ष में नहीं रहना चाहिए जो अधूरा बना हुआ हो अथवा जिस कक्ष में बीम लटका हुआ दिखाई देता हो।

अविवाहित व्यक्तियों के कक्ष की दीवारों एवं दरवाजों का रंग गुलाबी, हल्का पीला, सफेद (चमकीला) होना चाहिए। यदि विवाह के लिए अच्छे विवाह प्रस्ताव प्राप्त नहीं हो रहे हों तो अविवाहित व्यक्ति के कक्ष में पूर्वोतर दिशा में पानी का फव्वारा रखना चाहिए।

यदि किसी लड़के अथवा लड़की का मन विवाह के लिए तैयार न हो तो उसके कक्ष के उत्तर दिशा की ओर क्रिस्टल की बॉल कांच की प्लेट अथवा प्याली में रखनी चाहिए। यदि विवाह प्रस्तावों में बार-बार व्यवधान आ रहे हों तो विवाहवार्ता के लिए घर में आ रहे अतिथियों को ड्राइंग रूम में इस प्रकार बैठाना चाहिए कि उनका मुख घर में अंदर की ओर रहे। उन्हें द्वार दिखाई न पड़े।

यदि अविवाहित व्यक्ति की कक्ष में कोई अन्य व्यक्ति भी उसके साथ रहे तो अविवाहित व्यक्तियों को कक्ष के द्वार के नजदीक रहना चाहिए। यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में मंगलदोष के कारण विवाह में व्यवधान एवं विलंब हो रहा तो उसे अपने कक्ष में दरवाजों का रंग लाल अथवा गुलाबी रखना चाहिए। अविवाहित लड़के एवं लड़कियों को रहने के लिए यदि घर में दक्षिण या दक्षिण-पश्चिम का कमरा दे दिया जाए तो उनके विवाह प्रस्ताव आने भी बंद हो जाते हैं। यदि विवाह प्रस्ताव आए भी तो विवाद की स्थितियां बन जाती हैं। ऐसी स्थिति से बचने के लिए अविवाहित लड़के-लड़कियों का कमरा बदलकर उत्तर दिशा दिशा में कर देना चाहिए।

यदि घर में मुख्य द्वार के समीप ही वास्तु दोष हो तो संतान का विवाह तय करने के लिए अतिथियों से विवाह वार्ता उस घर में बैठकर नहीं करनी चाहिए अपितु किसी अन्य स्थान पर जाकर वार्ता करनी चाहिए।

विवाह वार्ता के समय यदि प्रस्तावित लड़का या लड़की कक्ष में दक्षिण दिशा की ओर बैठे तो विवाह वार्ताओं में व्यवधान आ जाता है तथा विवाह प्रस्ताव निरस्त हो जाते हैं। विवाह योग्य व्यक्तियों के कक्ष में कोई खाली टंकी, बड़ा बर्तन बंद करके नहीं रखना चाहिए। विवाह योग्य लड़की के कक्ष में कोई भारी वस्तु नहीं होनी चाहिए। सोने वाले पलंग के नीचे लोहे की वस्तुएं या व्यर्थ भारी सामान नहीं रखा जाना चाहिए।