Majestic elephants roaming freely in Rajaji National Park forests.
Rajaji National Park blends wildlife beauty with Himalayan foothills.

Summary: राजाजी नेशनल पार्क की ख़ास बात

राजाजी नेशनल पार्क यह उद्यान लगभग 820 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला है और हरिद्वार, देहरादून तथा पौड़ी जनपदों के कुछ हिस्सों को समेटे हुए है।

Rajaji National Park : उत्तराखंड की हरियाली और पर्वतीय सौंदर्य के बीच बसा राजाजी टाइगर रिजर्व न केवल वन्यजीव प्रेमियों का तीर्थस्थल है बल्कि प्रकृति की लय और जीवन की धड़कन को महसूस करने का अद्भुत स्थान भी है। यह राष्ट्रीय उद्यान हर वर्ष 15 नवंबर से 15 जून तक पर्यटकों के लिए खुलता है और इस अवधि में देश-विदेश से हजारों सैलानी यहाँ की जंगल सफारी का रोमांच लेने आते हैं। इस वर्ष भी 15 नवंबर 2025 से सफारी का शुभारंभ होने जा रहा है जिसकी तैयारियाँ अंतिम चरण में हैं।

राजाजी नेशनल पार्क में पंजीकरण ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से होता है। ऑनलाइन पंजीकरण के लिए उत्तराखंड वन विभाग की वेबसाइट www.safari.uk.gov.in पर जाएं, वहाँ “राजाजी टाइगर रिजर्व” चुनकर तारीख, जोन, जीप सफारी या कैन्टर सफारी का चयन करें, फिर पहचान पत्र व शुल्क जमा करें। ऑफलाइन पंजीकरण के लिए हरिद्वार, चिल्ला, मोतीचूर, कोटद्वार या रानीपुर गेट पर पर्यटक केंद्र में जाकर फॉर्म भरना और शुल्क देना होता है। रजिस्ट्रेशन के बाद तय समय पर पहचान पत्र के साथ जाना होता है।

Majestic elephants roaming freely in Rajaji National Park forests.
Raja ji national park

राजाजी पार्क का सबसे बड़ा आकर्षण है इसकी विविध वन्यजीव प्रजातियाँ। यहाँ एशियाई हाथी, रॉयल बंगाल टाइगर, तेंदुआ, स्लॉथ भालू, चित्तीदार हिरण, सांभर, और धारीदार लकड़बग्घा जैसी दुर्लभ प्रजातियाँ पाई जाती हैं। इसके अलावा, यह पार्क पक्षी प्रेमियों के लिए भी किसी स्वर्ग से कम नहीं। यहाँ 300 से अधिक पक्षी प्रजातियाँ दर्ज की गई हैं जिनमें मोर, हॉर्नबिल, किंगफिशर और ईगल प्रमुख हैं। सुबह के समय जब पक्षियों का कलरव घने साल के वृक्षों में गूँजता है तो जंगल जीवंत हो उठता है।

राजाजी टाइगर रिजर्व नदियों, जंगलों और घास के मैदानों का मनोहारी संगम है। गंगा और सोंग नदी इस उद्यान से होकर बहती हैं,जो इसकी सुंदरता में चार चाँद लगाती हैं। यहाँ के हरे-भरे जंगल, शाल-सागौन के पेड़ और खुले मैदान पर्यटकों को प्रकृति से गहरा जुड़ाव महसूस कराते हैं। सूर्योदय के समय सुनहरी किरणें जब पेड़ों के बीच उतरती हैं तो पूरा वन जैसे किसी चित्रकार की तूलिका से सजा प्रतीत होता है।

Majestic elephants roaming freely in Rajaji National Park forests.
Raja ji national park

राजाजी रिजर्व में पर्यटकों के लिए जीप और कैंटर सफारी की व्यवस्था है। मुख्य रूप से चीला, मोतीचूर, और रानीपुर रेंज में सफारी संचालित की जाती है। सुबह और शाम की सफारियाँ विशेष रूप से लोकप्रिय हैं क्योंकि इस समय वन्यजीवों की गतिविधियाँ अधिक रहती हैं। अनुभवी गाइडों की मदद से पर्यटक न केवल जानवरों का दर्शन करते हैं बल्कि जंगल की पारिस्थितिकी, पेड़-पौधों और पक्षियों के व्यवहार को भी समझ पाते हैं। इस अनुभव में रोमांच, शांति और प्रकृति के प्रति गहरी संवेदना का अनूठा संगम होता है।

राजाजी टाइगर रिजर्व का क्षेत्र केवल वन्यजीवों तक सीमित नहीं है यहाँ के आसपास के गाँव उत्तराखंड की समृद्ध गढ़वाली और कुमाऊँनी संस्कृति की झलक भी दिखाते हैं। हरिद्वार और ऋषिकेश जैसे धार्मिक शहरों की निकटता इस यात्रा को आध्यात्मिक रंग प्रदान करती है। सफारी के बाद गंगा तट पर सूर्यास्त का दृश्य या ऋषिकेश के घाटों पर आरती का अनुभव किसी अविस्मरणीय स्मृति से कम नहीं।

Majestic elephants roaming freely in Rajaji National Park forests.
wildlife beauty

पर्यटकों को सलाह दी जाती है कि वे अपनी सफारी ऑनलाइन अग्रिम बुकिंग के माध्यम से सुनिश्चित करें। हल्के और आरामदायक कपड़े, टोपी, दूरबीन और पानी साथ रखें। फोटोग्राफी की अनुमति है परंतु वन्यजीवों को परेशान करने से बचें और फ्लैश का उपयोग न करें। पार्क प्रशासन ने सुरक्षा, गाइड सेवा और पर्यावरण संरक्षण के दिशा-निर्देशों को सख्ती से लागू किया है ताकि हर आगंतुक को सुरक्षित और यादगार अनुभव मिल सके।

संजय शेफर्ड एक लेखक और घुमक्कड़ हैं, जिनका जन्म उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में हुआ। पढ़ाई-लिखाई दिल्ली और मुंबई में हुई। 2016 से परस्पर घूम और लिख रहे हैं। वर्तमान में स्वतंत्र रूप से लेखन एवं टोयटा, महेन्द्रा एडवेंचर और पर्यटन मंत्रालय...