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आज के समय में अधिकांश लोग शादी विवाह से जुड़े रीति रिवाजों से अनजान होते हैं। उन्हें पता ही नहीं होता कि शादी जैसे शुभ संस्कार की शुरुआत कैसे करनी है, शॉपिंग की शुरुआत कैसे करनी है या मेहंदी कैसे लगानी चाहिए।
Indian Wedding Rituals: शादियों का मौसम चल रहा है। हर किसी की यही चाहत होती है कि उसकी शादी सबसे शानदार हो। वहीं घर परिवार के लोगों की यही कोशिश होती है कि शादी ब्याह के किसी भी कार्य में कोई बाधा नहीं आए। हर काम पूरे विधि विधान से हो और हर एक काम शुभ मुहूर्त में हो। लेकिन आज के समय में अधिकांश लोग शादी विवाह से जुड़े रीति रिवाजों से अनजान होते हैं। उन्हें पता ही नहीं होता कि शादी जैसे शुभ संस्कार की शुरुआत कैसे करनी है, शॉपिंग की शुरुआत कैसे करनी है या मेहंदी कैसे लगानी चाहिए। अगर आपके घर में भी जल्द ही कोई शादी होने जा रही है और आप भी ऐसे रीति रिवाजों से अनजान हैं तो आज हम आपकी इन परेशानियों को दूर करने जा रहे हैं।
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ऐसे करें शादी की शॉपिंग

वैसे तो शादी को लेकर हर घर परिवार के अपने रीति रिवाज होते हैं। लेकिन फिर भी कुछ सामान्य बातें ऐसी होती हैं जो सभी के लिए एक जैसी होती हैं। इसी में शामिल है शादी की शॉपिंग। शादी में शॉपिंग का अपना एक अलग महत्व होता है। लेकिन यह शॉपिंग आप कभी भी बिना सोचे समझे न करें। बड़े बुजुर्गों के अनुसार शादी की शॉपिंग में सबसे आपको हरे मूंग खरीदने चाहिए। फिर गुड़, साबुत धनिया, मोली और रोली खरीदनी चाहिए। इसके बाद ही शादी का अन्य सामान खरीदना चाहिए। ये सभी पांच चीजें हिंदू धर्म में बहुत महत्वपूर्ण और शुभ मानी जाती हैं। हर पूजन में इन्हें शामिल किया जाता है। यही कारण है कि इन शुभ चीजों को खरीदने के बाद ही आपको बाकी शॉपिंग शुरू करनी चाहिए।
मेहंदी लगाते समय रखें ध्यान
वैसे तो हिंदू धर्म में हर शुभ कार्य से पहले मेहंदी लगाने का बहुत ही बड़ा महत्व होता है। लेकिन शादी में इसका महत्व और भी ज्यादा बढ़ जाता है। शादी में मेहंदी के रंग से भी कई मान्यताएं जुड़ी होती हैं। दुल्हन के हाथों में लगी मेहंदी के रंग से ही उसके आगे वाले भविष्य की कल्पना भी की जाती है। यह भी एक अहम रिवाज है। बड़े बुजुर्गों के अनुसार इन दिनों लोग बाहर से मेहंदी आर्टिस्ट को बुलाते हैं और सीधे मेहंदी लगाना शुरू कर देते हैं। लेकिन यह गलत है। शादी में दुल्हन को मेहंदी लगाने से पहले किसी भी दीवार पर मेहंदी से सात बिंदिया लगानी चाहिए। ये सातों बिंदिया माता जी के नाम की होती हैं। इसके बाद दुल्हन के हाथों पर मेहंदी लगानी चाहिए। इस दौरान हाथ की सबसे छोटी अंगुली पर सबसे पहले मेहंदी लगानी चाहिए। बाद में बाकी अंगुलियों पर मेहंदी लगानी चाहिए। छोटी अंगुली को सुहाग की निशानी माना जाता है। माना जाता है कि इस अंगुली में माता पार्वती का वास होता है। इसलिए यहीं से मेहंदी की शुरुआत की जानी चाहिए। सबसे बाद में अंगूठे पर मेहंदी लगानी चाहिए। इसी के साथ पैर के तलवों के बीच में भी मेहंदी का एक टीका जरूर लगाना चाहिए। यह टीका जन्म देने वाली मां के लिए लगाया जाता है।
