Parenting Advice
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बच्चे का पलट कर जवाब देना है बिलकुल गलत, शांत बर्ताव से समझाएं माता पिता

माता-पिता को सजा ऐसी देनी चाहिए जिस से बच्चे के मन में अपने प्रति हीं भावना ना आये और माता पिता के प्रति गुस्सा और न बढे।

Parenting Advice: आजकल के बच्चों में माता-पिता के प्रति सम्मान की कमी और तुरंत पलट कर जवाब देने की आदत आम होती जा रही है। बच्चों का ये बर्ताव आजकल हर घर की आम समस्या बन गया है, जिसे माता-पिता अक्सर नजरअंदाज कर देते हैं या फिर ज्यादा ही गुस्से में बच्चे को डांट फटकार लगा देते हैं। माता पिता का बच्चे को गुस्से में जोर से डांट देना या जोर से चिल्ला कर बोल देना इस समस्या का हल नहीं है, हालांकि, बच्चों का जवाब देना और बदसुलूकी करना किसी भी तरह से ठीक नहीं है, लेकिन बच्चे के इस व्यवहार से निपटने के लिए माता-पिता को थोड़ा धैर्य रखना चाहिए और समझदारी से काम लेना चाहिए।

बच्चे को ये एहसास करना बहुत जरुरी है की उसका ये व्यवहार गलत है और समय रहते उसे अपना व्यवहार बदलना ही पड़ेगा।

जब बच्चा माता-पिता से बुरा या असम्मानजनक व्यवहार करता है, तो सबसे पहले ये जान लेना जरुरी है की उनके इस व्यवहार के पीछे की वजह क्या है। वो ऐसा किस वजह से कर रहा है। कई बार बच्चा किसी मानसिक दबाव की वजह से ऐसा बर्ताव करता है। ऐसे में माता-पिता को बच्चे से शांत व्यवहार करना चाहिए। उन्हें अपने गुस्से पर काबू रखना चाहिए और यह जानने की कोशिश करनी चाहिए कि बच्चे के व्यवहार के पीछे का कारण क्या है।

 कभी कभी बच्चे बिना वजह ही ऐसा व्यवहार करते हैं। वो ये महसूस कर चुके होते हैं जब उन्हें गुस्सा आता है तो माता पिता या परिवार का कोई अन्य सदस्य उनसे प्यार से पेश आता है और उस वक़्त उनकी बात जरूर मान लेता है। इसलिए, माता-पिता को अनुशासन बनाए रखने की जरूरत होती है। अगर बच्चा लगातार जवाब देने या बदसुलूकी करने की आदत डालता है, तो इसे सही समय पर रोकना जरूरी है।

कभी कभी बच्चों को सज़ा देना उनके व्यवहार में सुधार के लिए जरूरी होता है, लेकिन सजा देने का तरीका सही होना चाहिए। ज्यादा सख्ती से पेश आने पर बच्चे आक्रामक हो सकते हैं। इसलिए माता-पिता को सजा ऐसी देनी चाहिए जिस से बच्चे के मन में अपने प्रति हीं भावना ना आये और माता पिता के प्रति गुस्सा और न बढे। सज़ा के तौर पर आप कह सकते हैं की एक हफ्ते तक रोज़ उनको अपने काम खुद करने की कोशिश करनी है बिना माता पिता की मदद लिए।

अक्सर माता पिता गुस्से में बच्चों को दूसरे बच्चों का उदहारण देने लगते हैं।  ऐसा करने की जगह अपने बच्चे को उसकी ही अच्छी आदतों व्यवहार और सकारात्मक पहलुओं के बारे में याद दिलाएं। जैसे पूरे दिन भर में वो क्या क्या अच्छा काम करते हैं, किस तरह अपनी चीजें सम्हाल कर रखते हैं या खाने पीने में किसी तरह के नखरे नहीं करते हैं आदि, इस तरह बच्चे जल्दी ही अपनी ख़राब आदतों को अलविदा कह देंगे।  

उत्तराखंड से ताल्लुक रखने वाली तरूणा ने 2020 में यूट्यूब चैनल के ज़रिए अपने करियर की शुरुआत की। इसके बाद इंडिया टीवी के लिए आर्टिकल्स लिखे और नीलेश मिश्रा की वेबसाइट पर कहानियाँ प्रकाशित हुईं। वर्तमान में देश की अग्रणी महिला पत्रिका...