Vishing Calls: एक सामान्य ऑफिस कर्मचारी रमेश जोशी को एक दिन एक अजनबी कॉल आई। कॉल करने वाले ने खुद को भारतीय स्टेट बैंक से बताया और कहा कि उसकी अकाउंट में कुछ संदिग्ध गतिविधियां देखी जा रही हैं। उसने रमेश से तुरंत अपनी बैंक डिटेल्स और ओटीपी देने को कहा, ताकि बैंक उसकी अकाउंट की सुरक्षा सुनिश्चित कर सके।
रमेश ने किसी संकोच के बिना अपनी जानकारी दी, क्योंकि उसे यह सुनिश्चित करने का विश्वास था कि यह कॉल बैंक से ही है। कुछ समय बाद, उसके अकाउंट से 70,000 रुपये की राशि निकाल ली गई। जब रमेश को एहसास हुआ कि वह धोखाधड़ी का शिकार हो चुका है, तो उसने तुरंत अपने बैंक को सूचित किया, लेकिन रकम की वापसी के कोई ठोस रास्ते नहीं थे।
रमेश ने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई, लेकिन उसके पैसे वापस नहीं आए। इसके बाद, उसे समझ में आया कि वह विशिंग कॉल के जरिए धोखा खा गया था, जो बैंकों के नाम पर अपने शिकार से व्यक्तिगत जानकारी प्राप्त करने का प्रयास करते हैं।
यह घटना यह साबित करती है कि कैसे एक असली नाम और संस्थान के नाम का उपयोग करके अपराधी व्यक्ति को धोखा दे सकते हैं, अगर वह सतर्क न हो।
विशिंग कॉल्स क्या होते हैं?
विशिंग कॉल्स एक प्रकार का धोखाधड़ी तकनीक है, जिसमें अपराधी आपको फोन करके खुद को किसी कंपनी, बैंक, या सरकारी अधिकारी के रूप में पेश करते हैं। उनका उद्देश्य आपको धोखा देना और आपकी व्यक्तिगत जानकारी जैसे कि बैंक अकाउंट डिटेल्स, पिन, ओटीपी या क्रेडिट कार्ड डिटेल्स हासिल करना होता है। ये कॉल्स बहुत ही शातिर तरीके से की जाती हैं, ताकि आपको यह एहसास न हो कि आप धोखाधड़ी का शिकार हो रहे हैं।
कैसे काम करता है विशिंग फ्रॉड?

विशिंग कॉल्स में अक्सर अपराधी खुद को किसी प्रतिष्ठित संस्था जैसे बैंक, सरकार या कोई पॉपुलर कंपनी के प्रतिनिधि के रूप में पेश करते हैं। वे आपको यह विश्वास दिलाने की कोशिश करते हैं कि आपको कुछ महत्वपूर्ण करना है, जैसे कि आपके बैंक अकाउंट को अपडेट करना या आपके कार्ड की सुरक्षा को बढ़ाना। फिर वे आपको आपकी व्यक्तिगत जानकारी देने के लिए मजबूर करते हैं, या किसी लिंक पर क्लिक करने को कहते हैं, जिससे वे आपके अकाउंट तक पहुंच बना सकते हैं।
शिकार होने पर क्या करें?
तुरंत कॉल बंद करें
अगर आपको लगता है कि आप धोखाधड़ी का शिकार हो गए हैं, तो सबसे पहले कॉल को तुरंत काट दें। कॉल करने वाले व्यक्ति से कोई जानकारी साझा न करें और अपना ध्यान इधर-उधर न भटकने दें।
बैंक या संबंधित संस्थान को सूचित करें
अपने बैंक को तुरंत सूचित करें और उन्हें बताएं कि आपको धोखा दिया गया है। वे आपकी अकाउंट गतिविधियों का विश्लेषण कर सकते हैं और आपकी सुरक्षा को बढ़ाने के लिए जरूरी कदम उठा सकते हैं। अगर किसी अन्य संस्था से धोखाधड़ी हुई है, तो उस संस्था से भी संपर्क करें।
अकाउंट को लॉक करें
अगर आपने अपनी बैंक जानकारी दी है, तो तुरंत अपने बैंक अकाउंट को अस्थायी रूप से लॉक करवाएं, ताकि कोई और आपकी जानकारी का दुरुपयोग न कर सके। आप अपने बैंक के हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करके यह प्रक्रिया शुरू कर सकते हैं।
ओटीपी और पिन को बदलें
आपके द्वारा दी गई ओटीपी या पिन को तुरंत बदलें। अगर आपने क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड की जानकारी साझा की थी, तो कार्ड को ब्लॉक करवाकर नया कार्ड जारी करवा लें।
पुलिस में शिकायत दर्ज करें
अगर आपको नुकसान हुआ है, तो तुरंत पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करें। पुलिस को सभी जानकारी दें जैसे कि कॉल की डिटेल्स, क्या पूछा गया था, और आपने क्या जानकारी दी थी। पुलिस द्वारा यह मामला जांचा जा सकता है और अपराधियों तक पहुंचने के प्रयास किए जा सकते हैं।
डिजिटल फोरेंसिक्स की मदद लें
अगर आपको लगता है कि आपके डिवाइस में कोई मैलवेयर या ट्रैकिंग सॉफ़्टवेयर डाला गया है, तो इसे स्कैन करवाना बेहद जरूरी है। एक भरोसेमंद एंटीवायरस या डिजिटल सुरक्षा सेवा का उपयोग करें, ताकि आपके डिवाइस पर कोई खतरनाक सॉफ़्टवेयर न हो।
अपनी अन्य खातों की सुरक्षा बढ़ाएं
अगर आपने किसी अन्य अकाउंट की जानकारी भी साझा की है, तो उसे भी सुरक्षित करें। अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स, ईमेल, और अन्य महत्वपूर्ण खातों के पासवर्ड बदलें और सुरक्षा सेटिंग्स को अपडेट करें।
धोखाधड़ी की रिपोर्ट करें
आप अपनी स्थानीय या राष्ट्रीय साइबर क्राइम एजेंसी से भी धोखाधड़ी की रिपोर्ट कर सकते हैं। भारत में, आप नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंद पोर्टल पर ऑनलाइन शिकायत दर्ज कर सकते हैं। इस तरह, आपका केस रजिस्टर हो जाएगा और अपराधी पर कार्रवाई हो सकती है।
मानसिक रूप से तैयार रहें
विशिंग कॉल से शिकार होने पर कई बार मानसिक दबाव और चिंता हो सकती है। अगर आप परेशान महसूस कर रहे हैं, तो मानसिक रूप से अपने आप को शांत रखें और आवश्यकता पड़ने पर किसी से मदद लें।
कैसे बचाव करें?
दो-चरणीय सत्यापन (Two-Factor Authentication)
अपने सभी बैंक अकाउंट्स और महत्वपूर्ण खातों पर दो-चरणीय सत्यापन सक्षम करें। यह एक अतिरिक्त सुरक्षा परत है, जिससे किसी भी अनधिकृत व्यक्ति के लिए आपकी जानकारी तक पहुंच बनाना मुश्किल हो जाता है। जब भी कोई व्यक्ति आपके अकाउंट से लॉगिन करने की कोशिश करता है, तो एक ओटीपी या कोड आपके पंजीकृत मोबाइल नंबर पर भेजा जाता है।
सावधानीपूर्वक लिंक पर क्लिक करें
कभी भी किसी संदिग्ध कॉल या संदेश में दिए गए लिंक पर क्लिक न करें। ये लिंक आपको धोखाधड़ी वाले वेबसाइट्स पर ले जा सकते हैं, जहां आपकी व्यक्तिगत जानकारी चुराई जा सकती है। हमेशा सुनिश्चित करें कि लिंक आधिकारिक और सुरक्षित है।
कॉलर ID को चेक करें
कभी भी किसी कॉल का जवाब देने से पहले कॉलर ID को ध्यान से देखें। यदि कॉल किसी बैंक से होने का दावा कर रहा है, तो आप पहले अपनी बैंक की हेल्पलाइन पर कॉल करके यह जांच सकते हैं कि क्या सचमुच आपकी बैंक से कॉल की गई है।
सुरक्षा सेटिंग्स को अपडेट करें
अपने स्मार्टफोन और कंप्यूटर की सुरक्षा सेटिंग्स को नियमित रूप से अपडेट करें। इससे आपका डिवाइस नए सुरक्षा खतरों से बचा रहेगा। खासकर, अपने मोबाइल और ईमेल अकाउंट्स की सुरक्षा सेटिंग्स को पुख्ता रखें।
बैंक से पुष्टि करें
अगर आपको किसी कॉल के द्वारा आपके अकाउंट की जानकारी या ओटीपी मांगी जाती है, तो तुरंत बैंक के ग्राहक सेवा नंबर पर संपर्क करके पुष्टि करें। बैंकों के लिए यह सामान्य प्रक्रिया नहीं है कि वे आपको फोन करके आपकी जानकारी मांगें। हमेशा शंका होने पर सत्यापन करें।
अजनबियों से संपर्क में न आएं
कभी भी अजनबी से फोन, ईमेल या संदेश के माध्यम से संपर्क करने पर अपनी कोई भी व्यक्तिगत जानकारी न दें। धोखाधड़ी करने वाले अक्सर आपको लुभावनी ऑफर या भ्रामक प्रस्ताव देते हैं। ऐसे में हर बार सतर्क रहें।
विशिंग कॉल्स से बचाव में सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि सतर्कता और जागरूकता। अगर आप खुद को सुरक्षित रखना चाहते हैं, तो इन बातों का पालन करें और हमेशा सुनिश्चित करें कि आप अपनी जानकारी केवल आधिकारिक और विश्वसनीय स्रोतों से ही साझा कर रहे हैं।
