कहते हैं कि पैसा एक ऐसी चीज है, जो हर रिश्ते में खटास पैदा कर देता है, फिर चाहे वो पति-पत्नी का रिश्ता ही क्यूं ना हो, क्योंकि हर कपल के जीवन में एक वक्त ऐसा आता है जब वित्तीय मामलों पर दोनों के बीच मतभेद शुरू होने लगते हैं। पर यदि दोनों मिलकर मनी मैनेजमेंट को सही ढंग से रहे तो शायद कभी भी पैसे को लेकर पति-पत्नी के बीच कलह पैदा ना हो और जिदंगी स्मूथ चले।
1. एक-दूसरे को सैलरी के बारे में बताएं
अकसर देखने को मिलता है कि बहुत से लोग अपने साथी से पैसों से सम्बन्धित बातें छुपाते हैं और उन्हें इसके बारे में पता भी नहीं चलता कि उनके साथी के पास कितने पैसे हैं और कितनी सैलरी है, जो कि गलत है। हर व्यक्ति को अपने साथी की इनकम की जानकारी होनी चाहिए। नेशनल सर्वे ऑफ फैमिलीज एंड हाउस होल्ड द्वारा 4500 परिवारों में सर्वे करने के बाद यह पता चला है कि अधिकतर तलाकों का कारण पैसों से सम्बन्धित समस्याएं होती हैं तो इनका समाधान शुरुआत में करना बेहतर होता है, जिससे आगे भविष्य सुखी बन सके। एक्सपर्ट कहते हैं कि जो भी जोड़े अपने रिश्ते की शुरुआत कर रहे हैं उनको अपनी सैलरी, बचत और उधार के बारे में दूसरे को बताना चाहिये। इसके अलावा जो बहुत समय से साथ हैं, उन्हें अपने खर्चे साथ बांटने चाहिये।
2. क्या जरूरतें पूरी हो रही हैं
अगर बातचीत के दौरान आपको यह एहसास होता है कि पैसों को लेकर आप सही दिशा में नही जा रहे हैं तो आप कुछ महीनों के लिए एक-दूसरे के पैसों का हिसाब रख सकते हैं। जैसे- एक-दूसरे के खर्चों को देखें और समझें कि पैसे कहां-कहां खर्च हो रहे हैं और कहां से आ रहे हैं। उसके बाद एक-दूसरे से सलाह करें कि कौन सा खर्च अनावश्यक है। किस में फायदा नहीं है। यह सुनने में थोड़ा अजीब लगेगा लेकिन अगर कोई ऐसा खर्चा है, जो एक जोड़े के रूप में आपको कोई फायदा ना दे रहा हो उसे आपको छोडऩा होगा। बिजली के बिल इत्यादि जैसी चीजों के बारे में चर्चा करना आपको अच्छा नहीं लगेगा लेकिन यह करना आवश्यक होता है। लेकिन अपने दोस्तों के साथ पार्टी करने में पैसे खर्चने से बेहतर है कि आप एक-दूसरे के साथ एक अच्छे डिनर पर जाएं। जब आप साथ में होंगे तो निश्चित तौर पर आपका खर्चा बहुत कम होगा।
3. जानें सबसे महत्वपूर्ण लक्ष्य क्या है
पूरे जीवन में हम सबकी जरूरतें बदलती रहती हैं और यह हर साल होता है, तो अपनी जरूरतों का हिसाब रखना जरूरी होता है। हो सकता है आपको अपने क्रेडिट कार्ड का बिल भरना हो या नई गाड़ी खरीदनी हो। कुछ लोगों के लिए अपने बच्चों के स्कूल के लिए पैसे बचाना चाहते हो या बाहर छुट्टियां मनाने के लिए पैसे बचाना चाहते हो। तो यह बहुत जरूरी है कि आप दोनों साथ बैठकर अपने गोल्स पर काम करें।
4. आपके लिए पैसा क्या है
चाहे आप अपने रिश्ते के किसी भी स्टेज पर क्यों ना हों, यह सवाल आप अपने साथी से पूछ सकते हैं कि बचपन में उनके लिए पैसे क्या मायने रखते थे और उनके लिए वे कितने जरूरी थे। हो सकता है आपके साथी एक ऐसे परिवार में पले-बढ़े हों जहां पैसों को लेकर हमेशा चिंता रहती थी, या उनकी मां को हमेशा पैसे खर्चने की आदत हो, या उनके दादाजी को पैसे छुपाकर रखने की आदत हो। हर व्यक्ति के जीवन में पैसों को लेकर कोई ना कोई ऐसी कहानी होती है, जिसका उनपर सकारात्मक या नकारात्मक असर पड़ा हो। यह सब जानने से आपको अपने साथी को समझने में आसानी होगी।
5. मिल बांट कर करें खर्च
जब तक आप दोनों का काम, काम करने का समय और सैलरी एक जैसी नहीं होगी, तब तक किसी एक व्यक्ति को घर के खर्चों में अधिक पैसे देने ही पड़ेंगे। एक दूसरे से बात करके देखें कि आप मिल बांटकर घर चलाने के फैसले से कितना सहमत हैं। क्या कुछ फिक्स्ड खर्चों के लिए आप एक अकाउंट बनाने से सहमत है या नहीं। क्या आप इस बात से खुश हैं कि आपका साथी अपनी सैलरी में से कुछ पैसे बाद के लिए सेव करके रखे। यह महत्वपूर्ण नहीं होता कि कौन किस चीज के लिए कितने पैसे दे रहा है, जरूरी होता है कि हर जोड़े को एक दूसरे के पैसों से सम्बन्धित सभी बातें पता हो। पैसों को बांटने के बहुत से तरीके होते हैं और अगर आप सही तरीके से एक-दूसरे से बात करें तो यह बहुत आसान हो जायेगा और आपको एक दूसरे की चीजों की खबर भी रहेगी।
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6. पैसों को लेकर चर्चा करें
रिश्ते में जिस प्रकार आप हर बात को लेकर चर्चा करते हैं, उसी प्रकार से पैसों के विषय पर चर्चा करना भी जरूरी होता है। चाहे आपके क्रेडिट कार्ड का बिल बहुत अधिक हो या उनकी पैसों की बचत न की हो, हर व्यक्ति के जीवन में पैसों से सम्बन्धित कोई ना कोई परेशानी अवश्य होती है। इन सभी समस्यों को खत्म करने के लिए आप एक दूसरे के साथ इस विषय पर प्रेम से बातचीत करें। एक-दूसरे पर इल्ज़ाम लगाने से यह आपके रिश्ते को बिगाड़ सकता है और आपके बीच दूरी ला सकता है।
7. इनकम एक्सपेंडिचर चार्ट करें तैयार
अब चूंकि आपको अपनी मासिक इनकम और खर्चे पता हैं, तो फिर इसके लिए बजट बनाकर इन्हें जॉइन्टली प्लान करें। इसमें आप अपने हाउस रेंट और अन्य खर्चे भी शामिल करें और उसी के अनुसार अपनी लाइफ प्लान करें।
8. बिल के लिए भी जॉइन्ट सेविंग अकाउंट
यूं तो कपल्स में जॉइन्ट अकाउंट का चयन काफी पुराना है, मगर सेविंग के लिए ही नहीं, बल्कि अपने खर्चों के लिए भी जॉइन्ट अकाउंट बनाएं। ध्यान रखें कि इसमें खर्चों के पैसे शामिल हों।
9. इमरजेंसी फंड की व्यवस्था
इमरजेंसी कभी भी किसी भी समय आ सकती है। ऐसी स्थिति में इमरजेंसी के लिए सेविंग करना बहुत जरूरी है। मगर यह सेविंग यूं ही न करें, बल्कि इसके लिए अलग से फंड बनाएं।
10. ट्रांसपैरेंसी का रखें ध्यान
इन खर्चों को लेकर आप दोनों के मन में किसी तरह की कोई गलतफहमी न पैदा हो, इसके लिए ट्रांसपैरेंसी बहुत जरूरी है। अगर आप घर खर्च से अलग भी कहीं खर्च करते हैं, तो बेहतर है कि इसके बारे में अपने पार्टनर को जरूर सूचित कर दें।
11. समझौते और डिस्कशन करें
वित्तीय मामलों को समझदार और मैच्योर बनकर डिस्कस करें। ध्यान रखें कि दोनों पार्टनर को कुछ समझौते करने पड़ सकते हैं। अगर आप इन सारी बातों का ध्यान रखकर आगे की प्लानिंग करते हैं, और आपसी सहमति से काम करते हैं। जीवन में पैसे की कमी के बाद भी पति-पत्नि में कभी भी तनाव नहीं आएगा।
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