tej patta

औषधीय गुणों से भरपूर तेजपत्ता

यदि आप भी ऐसा ही कुछ शौक़ रखते हैं तो इस बार बागवानी करते हुए कुछ मसालों के पौधे अपने बाग में लगा सकते हैं।

Bay Leaf Gardening: बागवानी का शौक भला किसे नहीं होता है। लोग अपने घर में हर तरह के पौधे लगाना पसंद करते हैं। ऐसे में कुछ ऐसे भी पौधे लगा सकते हैं जो औषधीय गुणों से भरपूर होते और हमारे भारतीय घरों में खाने का स्वाद बढ़ाने के लिए मसाले के तौर पर उपयोग में लाए जाते हैं। यदि आप भी ऐसा ही कुछ शौक़ रखते हैं तो इस बार बागवानी करते हुए कुछ मसालों के पौधे अपने बाग में लगा सकते हैं। सबसे पहले आप अपनी शुरुआत तेजपत्ते के पौधे के पौधे लगाने से कर सकते हैं। औषधीय गुणों से भरपूर यह तेजपत्ता सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होता है। आइए जानते हैं इसे घर में उगाने का तरीका। तेजपत्ते का पौधा कैसे लगाएं?

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Ingredients

तेजपत्ते का बीज या पौधा: तेजपत्ते का बीज या पौधा आपको बहुत ही आसानी से बाज़ार अथवा नर्सरी में मिल जाएगा। जिसे आप बीज से उगा सकते हैं या फिर नर्सरी से छोटा पौधा खरीदकर भी आप अपने बाग में लगा सकते हैं। दोनों ही तरीके से तेजपत्ते को लगाना आसान है। 

गमला: बाज़ार में तरह तरह के गमले तरह तरह के साइज़ में उपलब्ध हैं। तेजपत्ते के पौधे के लिए 12-14 इंच गहरा और चौड़ा गमला उपयुक्त होता है। यह आपको बाज़ार और नर्सरी दोनों में ही आसानी से मिल जाएगा। अपने पौधे के लिए ऐसा गमला चुने जिससे हवा और पानी आसानी से निकल जाए। 

मिट्टी: किसी भी पौधे की अच्छी ग्रोथ के लिए सबसे ज़रूरी होती है पोषक से भरपूर मिट्टी। तेजपत्ते के लिए आप अच्छी जल निकासी वाली रेतीली-दोमट मिट्टी का उपयोग कर सकते हैं। आप इसके लिए बगीचे की मिट्टी और रेत को मिलाकर ख़ुद भी मिट्टी बना सकते हैं।

खाद: किसी भी पौधे के लिए जितनी ज़रूरी मिट्टी और पानी होती है उतनी ही ज़रूरी खाद। खाद हमारे पौधे को पोषण देने का काम करती है। इसके लिए सबसे उपयुक्त जैविक खाद मानी जाती है। जिसे आप अपने घर पर ही बना सकते हैं, यह पौधों के लिए बहुत ही ज़्यादा उपयोगी होती है। 

Method of applying bay leaf

बीज से तेजपत्ता उगाने के लिए बीज को 24 घंटे के लिए पानी में भिगो दें जिससे की उसे अंकुरण में सहायता मिल सके। फिर सही साइज़ के एक गमले में मिट्टी भरें और बीजों को डेढ़ इंच दूर बोएं और प्लास्टिक की थैली से ढक दें। इस बात का ख़्याल रखें कि मिट्टी में नमी की मात्रा बनी रहे। 1-2 सप्ताह में बीज अंकुरित होने लगेंगे। 

नर्सरी से पौधा खरीद रहे तो उसकी रीपोटिंग करना बिल्कुल भी नहीं भूले। 12-14 इंच गहरे और चौड़े गमले में यह अच्छे से विकसित होता है। फिर तैयार की गई मिट्टी में इसे अच्छी तरह से लगाएं। गमले की मिट्टी को अच्छी तरह से पानी देते रहे और धूप वाली जगह पर रखें। गमले की मिट्टी को सूखने दें और हर 2-3 महीने में एक बार गोबर खाद और जैविक खाद डालते रहें। पौधे की लगातार छंटाई करते रहें ताकि यह घना और स्वस्थ रहे। तेजपत्ते का पौधा कीटों से प्रभावित हो सकता है। इनसे बचाव के लिए नीम तेल या फिर किसी अन्य जैविक कीटनाशक का उपयोग करें। 

संजय शेफर्ड एक लेखक और घुमक्कड़ हैं, जिनका जन्म उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में हुआ। पढ़ाई-लिखाई दिल्ली और मुंबई में हुई। 2016 से परस्पर घूम और लिख रहे हैं। वर्तमान में स्वतंत्र रूप से लेखन एवं टोयटा, महेन्द्रा एडवेंचर और पर्यटन मंत्रालय...