Chhat Puja
Important Things Credit: Istock

Overview: छठ पूजा में होता है इन 4 चीजों का विशेष महत्व, पूजा में शामिल करना न भूलें

छठ पूजा में लौकी, चने की दाल, चावल, ठेकुआ, केला, ऑरेंज सिंदूर, नारियल, गन्ना और सूप का विशेष महत्व है। इन चीजों के बिना पूजा अधूरी मानी जाती है।

Important Things for Chhath Puja: छठ पूजा, भारत के प्रमुख धार्मिक और सांस्कृतिक पर्वों में से एक है, जिसे विशेष रूप से बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड और पूर्वी भारत में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। यह पर्व सूर्य देव और छठी मैया को समर्पित है, जिसमें 36 घंटे का कठिन निर्जला व्रत रखा जाता है। चार दिनों तक चलने वाली इस पूजा में नहाय-खाय, खरना, डूबते सूर्य को अर्घ्य और उगते सूर्य को अर्घ्य जैसे अनुष्ठान शामिल हैं। इस पर्व की पूजा में कुछ विशेष सामग्रियों का उपयोग अनिवार्य माना जाता है, जिनके बिना पूजा अधूरी मानी जाती है। आइए जानते हैं उन चार चीजों के बारे में, जो छठ पूजा में विशेष महत्व रखती हैं और जिन्हें पूजा में जरूर शामिल करना चाहिए।

लौकी, चने और चावल

छठ पूजा की आवश्‍यक चीजें
Gourd, gram and rice

छठ पूजा की शुरुआत नहाय-खाय के दिन से होती है। यह दिन व्रत की तैयारी और पवित्रता के लिए महत्वपूर्ण है। इस दिन व्रती को लौकी, चने की दाल और चावल से बना भोजन ग्रहण करना होता है। ये तीनों चीजें न केवल सात्विक भोजन का प्रतीक हैं, बल्कि इन्हें छठ पूजा की परंपरा का अभिन्न हिस्सा माना जाता है। मान्यता है कि इनके बिना नहाय-खाय की पूजा अधूरी रहती है। लौकी की सब्जी और चने की दाल को सादे चावल के साथ खाया जाता है, जो शरीर को शुद्ध और एनर्जेटिक बनाते हैं।

केला और ठेकुआ

छठ पूजा का प्रसाद ठेकुआ और केले के बिना अधूरा माना जाता है। ठेकुआ, जो गेहूं के आटे और गुड़ से बनाया जाता है, छठ पूजा का सबसे महत्वपूर्ण प्रसाद है। इसे छठी मैया को अर्पित किया जाता है और फिर परिवार में बांटा जाता है। केला भी इस पर्व का एक अनिवार्य हिस्सा है, जो सूर्य देव को अर्घ्य देते समय प्रसाद के रूप में शामिल किया जाता है। ये दोनों चीजें पूजा की पवित्रता और परंपरा को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। आप चाहें तो अन्य फल और मिठाइयां भी शामिल कर सकते हैं, लेकिन ठेकुआ और केले को शामिल करना न भूलें।

सूप, नारियल और गन्ना

छठ पूजा की आवश्‍यक चीजें
Soup, coconut and sugarcane

छठ पूजा में सूर्य देव को अर्घ्य देना सबसे महत्वपूर्ण अनुष्ठान है। इस दौरान नारियल और गन्ना प्रसाद के रूप में शामिल किए जाते हैं, जो शुभता और समृद्धि के प्रतीक हैं। इसके अलावा, सूप का उपयोग भी अनिवार्य माना जाता है। सूप, जो बांस से बना एक विशेष बर्तन होता है, पूजा सामग्री को रखने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। मान्यता है कि सूप के बिना पूजा अधूरी रहती है। ये सभी चीजें मिलकर छठ पूजा को पूर्णता प्रदान करती हैं और सूर्य देव और छठी मैया के प्रति भक्ति को व्यक्त करती हैं।

ऑरेंज सिंदूर

छठ पूजा में ऑरेंज सिंदूर का विशेष महत्व है, खासकर सुहागन महिलाओं के लिए। व्रत रखने वाली महिलाएं अपनी मांग में ऑरेंज सिंदूर लगाती हैं, जो सौभाग्य और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। मान्यता है कि बिना सिंदूर के पूजा पूर्ण नहीं होती। यह सिंदूर न केवल पूजा की सामग्री का हिस्सा है, बल्कि यह छठी मैया के प्रति श्रद्धा और विश्वास को भी दर्शाता है। यह छोटी सी चीज पूजा के धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व को बढ़ाती है।