Fake Vaccination Call: साइबर क्राइम को अंजाम देने वाले ठग धोखाधड़ी के लिए रोजाना नए-नए तरीके आजमा रहे हैं। कभी कोरोना टेस्टिंग के नाम पर धोखाधड़ी तो कभी कोविड वैक्सीन के रजिस्ट्रेशन के नाम पर लोगों को शिकार बनाना। वैक्सीनेशन रजिस्ट्रेशन के नाम पर आजकल ठग लोगों के साथ फ्रॉड हो रहे हैं। ठगों ने अब तक कई लोगों को शिकार बनाया है। ऐसे में आप इस तरह की ठगी के शिकार न बन जाएं, उसके लिए इस लेख में कुछ जानकारियां दी गई, जो आपके लिए बेहद जरुरी साबित हो सकती हैं।
दरअसल, वैक्सीनेशन रजिस्ट्रेशन के लिए कॉल करने वाले ठग लोगों से आधार नंबर या पैन नंबर जैसी जानकारियां लेते हैं। फिर वेरिफिकेशन कोड के नाम पर ओटीपी मांगते हैं। ओटीपी मिलते ही ठग व्यक्ति के बैंक आकउंट से पैसे उड़ा लेता है। या फिर आधार और पैन नंबर जैसी जानकारियां मिलने के बाद ठग सामने वाले व्यक्ति के नाम पर लोन लेने के बाद गायब हो जाता है। ऐसे में जिस व्यक्ति की जानकारियां हैं वो फंस जाता है।
किस तरह होती है ठगी?

क्राइम करने वाले ठग एक पढ़े लिखे युवक या युवती की तरह आपको कॉल करके वैक्सीनेशन रजिस्ट्रेशन के लिए कहते हैं। उनके पूछे गए सवाल के हिसाब से आप जवाब देते हैं। अगर आपको कोरोना वैक्सीन नहीं लगी है तो ठग वैक्सीन घर पर ही वैक्सीन लगाने के लिए रजिस्ट्रेशन के लिए कहता है। वे लगातार आपको अपनी बातों में उलझाए रखते हैं।
अगर आप ठग की बातों में आ जाते हैं तो उनके कहे अनुसार आप अपनी जानकारियां साझा करते जाते हैं। जानकारियां ठग तक पहुंचने के बाद वे आपको ओटीपी या रजिस्ट्रेशन कोड के बारे में बताने को कहते हैं। ओटीपी मिलने के बाद ठग आपके साथ ठगी को अंजाम देते हैं। और बाद में अपने फोन नंबर को बंद या आपके नंबर को ब्लॉक करके गायब हो जाते हैं। किसी भी तरह के ऑनलाइन क्राइम से बचने के लिए जरूरी है ओटीपी या किसी भी तरह की निजी जानकरियों को किसी से भी साझा न करना।
ठगी से कैसे बचें?
- जिस मैसेज के जरिये ओटीपी भेजा गया है उसको खुली आंखों से पढ़ें, किसी भी तरह की लापरवाही आपको ठगी का शिकार बना सकती है।
- किसी भी अनजान व्यक्ति, कॉल और मैसेज पर अपनी जरूरी जानकारियां जैसे:-आधार नंबर, पैन नंबर और बैंक अकाउंट नंबर साझा न करें।
- पैन नंबर बेस्ड ओटीपी का इस्तेमाल कई तरह की फाइनेंशियल सर्विस जैसे:-बैंक अकाउंट से पैसे निकालने के काम आता है। इसलिए आधार और पैन नंबर जैसी जानकरियों को गोपनीय रखना आपकी जिम्मेदारी है।
- किसी भी तरह के साइबर क्राइम के बाद साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन और नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल https://cybercrime.gov.in पर सूचित करें।
