Eco Friendly Homestay: पर्यावरण संरक्षण के प्रति बढ़ती जागरूकता ने कहीं ना कहीं हम भारतीय यात्रियों की सोच और यात्रा शैली को गहराई से प्रभावित किया है। अब हम ऐसी जगहों को चुनने लगे हैं जो प्रकृति के प्रति जिमेदार हों। इसी बदलती सोच का परिणाम है ईको-फ्रेंडली होमस्टे की बढ़ती लोकप्रियता।
होमस्टे न केवल स्थानीय संसाधनों और परंपराओं के अनुसार बनाए जाते हैं बल्कि इनका संचालन भी सतत और पर्यावरण-संवेदनशील तरीकों से होता है। जैविक खाद्य सौर ऊर्जा, वर्षा जल संचयन और कचरा प्रबंधन जैसी पहल इन्हें विशिष्ट बनाती हैं। इसके साथ ही, यात्रियों को स्थानीय संस्कृति, खानपान और जीवनशैली से जुड़ने का अवसर भी मिलता है। ईको-फ्रेंडली होमस्टे अब केवल ठहरने की जगह नहीं बल्कि जिमेदार और संवेदनशील पर्यटन का एक माध्यम बनते जा
रहे हैं।
ईको-फ्रेंडली होमस्टे का बढ़ता क्रेज
पारंपरिक होटल और रिसॉर्ट्स अक्सर अधिक ऊर्जा, पानी और संसाधनों की खपत करते हैं जिससे स्थानीय पर्यावरण पर दबाव बढ़ता है। इसके विपरीत ईको-फ्रेंडली होमस्टे स्थानीय संसाधनों का संतुलित उपयोग करते हैं। जैसे कि सौर ऊर्जा, वर्षा जल संचयन और जैविक खाद्य सामग्री। ये स्थान न केवल पर्यावरण के प्रति सजग होते हैं बल्कि स्थानीय समुदायों को आर्थिक रूप से सशक्त
भी करते हैं क्योंकि इनका संचालन अक्सर स्थानीय परिवारों द्वारा किया जाता है। साथ ही, यात्री इन होमस्टे में रहकर स्थानीय संस्कृति, परंपरा और जीवनशैली से गहराई से जुड़ पाते हैं। यही वजह है कि देश के तमाम हिस्सों में ईको-फ्रेंडली होमस्टे का तेजी से विकास हो रहा है।
हिमाचल प्रदेश
हिमाचल प्रदेश में ईको-फ्रेंडली होमस्टे का विस्तार हाल के वर्षों में तेजी से हुआ है। विशेषकर कसोल, मनाली, तीर्थन घाटी और स्पीति जैसे क्षेत्रों में। इन स्थानों की प्राकृतिक सुंदरता, शांत वातावरण और साहसिक गतिविधियां पर्यावरण-संवेदनशील यात्रियों को आकर्षित करती हैं। कसोल जैसे इलाकों में युवाओं और बैकपैकर्स के लिए किफायती, कयुनिटी-बेस्ड और टिकाऊ सुविधाओं वाले होमस्टे उपलब्ध हैं। पारंपरिक पहाड़ी घरों को न्यूनतम निर्माणीय हस्तक्षेप के साथ होमस्टे में बदला जा रहा है जिससे स्थानीय वास्तुकला और पारिस्थितिकी को संरक्षित किया जा सके। वहीं स्पीति जैसे दूरस्थ और ऑफबीट क्षेत्रों में ईको-फ्रेंडली होमस्टे ने न केवल स्थानीय लोगों को पर्यटन से जोड़ा है बल्कि उनके लिए आय के सतत स्रोत भी बनाए हैं।
ईको-फ्रेंडली होमस्टे: द हिमालयन विलेज (कुल्लू)/निर्दोष होमस्टे (कसोल)
उत्तराखंड

ईको-फ्रेंडली होमस्टे का विस्तार उत्तराखंड में तेजी से हो रहा है। खासकर ऋषिकेश, लैंसडाउन और मुक्तेश्वर जैसे लोकप्रिय एवं शांत पर्यटन स्थलों में। इन होमस्टे की खासियत यह है कि ये पर्यावरण के अनुकूल जीवनशैली को बढ़ावा देते हैं। जैसे सौर ऊर्जा का उपयोग, वर्षा जल संचयन, स्थानीय
जैविक उत्पादों का प्रयोग और कचरे का जिमेदार प्रबंधन। ऋषिकेश में गंगा तट के पास स्थित ये ईको-होमस्टे योग, ध्यान और आध्यात्मिक यात्रा पर आए पर्यटकों को शांत, प्रदूषणमुक्त और प्राकृतिक परिवेश में ठहरने का अनुभव देते हैं।
ईको-फ्रेंडली होमस्टे: गोदियाला हॉलिडे होम (ऋषिकेश)/धूपगढ़ होमस्टे (मुक्तेश्वर)
केरल

केरल में ईको-फ्रेंडली होमस्टे का विस्तार राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और प्राकृतिक विविधता के कारण उल्लेखनीय रूप से बढ़ा है। अल्लेप्पी के बैकवॉटर क्षेत्र में स्थित कई होमस्टे पारंपरिक वास्तुकला, स्थानीय जैविक भोजन और सौर ऊर्जा जैसी टिकाऊ सुविधाओं के साथ पर्यटकों को हाउसबोट्स और शांत जलवायु का पर्यावरण-संवेदनशील अनुभव प्रदान करते
हैं। मुन्नार की चाय बागानों से घिरे ईको होमस्टे पर्यावरण के अनुकूल निर्माण शैली, वर्षा जल संचयन और स्थानीय उत्पादों के उपयोग के जरिए यात्रियों को हरियाली और ठंडी जलवायु में प्रकृति से जुड़ने का अवसर देते हैं। केरल के ईको-फ्रेंडली होमस्टे प्रकृति और संस्कृति दोनों के प्रति जिमेदारी का सुंदर उदाहरण प्रस्तुत करते हैं।
ईको-फ्रेंडली होमस्टे: लोटिंग कॉटेजेस (अल्लेप्पी)/ पानीमुडि ईको होमस्टे (मुन्नार)
गोवा

गोवा में ईको-फ्रेंडली होमस्टे का विस्तार उन यात्रियों की बढ़ती सं या के कारण हो रहा है जो पारंपरिक पर्यटन से हटकर स्थानीय संस्कृति, प्रकृति और स्थायित्व पूर्ण अनुभव की तलाश में हैं। मोरजी और पालोलिम जैसे शांत समुद्र तटों पर स्थित ये होमस्टे न केवल प्राकृतिक सौंदर्य और गोअन संस्कृति का सुंदर संगम प्रस्तुत करते हैं बल्कि पर्यावरण के प्रति जागरूकता भी दिखाते हैं, जैसे कि स्थानीय निर्माण सामग्री का उपयोग, सौर ऊर्जा, कम पानी की खपत और प्लास्टिक
मुक्त जीवनशैली। पणजी में पारंपरिक पुर्तगाली शैली के पुराने घरों को संवेदनशील पुनर्निमाण के जरिए होमस्टे में बदला गया है। ये ईको-होमस्टे बजट-फ्रेंडली होने के साथ-साथ मेहमानों को घरेलू वातावरण, स्थानीय भोजन और व्यक्तिगत जुड़ाव का अनुभव देते हैं।
ईको-फ्रेंडली होमस्टे: सराया इकोस्टे (संगोल्डा)/ दूधसागर प्लांटेशन (मोल्लेम)
सिक्किम

सिक्किम में ईको-फ्रेंडली होमस्टे का विस्तार राज्य की प्राकृतिक सुंदरता, सांस्कृतिक विविधता और शांत वातावरण के साथ-साथ सतत पर्यटन की बढ़ती मांग के कारण तेजी से हो रहा है। गंगटोक में स्थित कई ईको-होमस्टे पारंपरिक लेपचा और भूटिया संस्कृति को जीवित रखते हुए स्थानीय निर्माण शैलियों, जैविक भोजन और कचरा प्रबंधन जैसी टिकाऊ पहलों को अपनाते
हैं। ये होमस्टे यात्रियों को शहर के सुंदर दृश्य और स्थानीय संस्कृति का अनुभव देने के साथ-साथ पर्यावरणीय संतुलन भी बनाए रखते हैं। युक्सोम, जो अपने ऐतिहासिक महत्व और ट्रेकिंग रूट्स के
लिए प्रसिद्ध हैं, वहां के ईको-फ्रेंडली होमस्टे ट्रैकिंग प्रेमियों को स्थानीय जीवनशैली, प्राकृतिक संसाधनों के प्रति संवेदनशीलता और शांति का अनुभव कराते हैं।
ईको-फ्रेंडली होमस्टे: ट्रेडिशनल सिक्किम होमस्टे (पास्टांगा)/ ईशब होमस्टे (श्रीबदाम)
मेघालय
मेघालय में ईको-फ्रेंडली होमस्टे का विस्तार राज्य की अनूठी संस्कृति, घनी हरियाली और वर्षा से भरपूर प्राकृतिक वातावरण के कारण तीव्र गति से हो रहा है। शिलांग में स्थित कई होमस्टे स्थानीय खासी वास्तुकला और पर्यावरण-संवेदनशील जीवनशैली को अपनाते हुए पर्यटकों को जैविक भोजन, पारंपरिक संगीत और खासी संस्कृति का प्रामाणिक अनुभव प्रदान करते हैं। ये होमस्टे प्लास्टिक का न्यूनतम उपयोग, वर्षा जल संचयन और स्थानीय संसाधनों पर आधारित संचालन को प्राथमिकता देते हैं जिससे पर्यावरणीय संतुलन बना रहता है। वहीं, चेरापूंजी में स्थित ईको-फ्रेंडली होमस्टे, जीवित जड़ से बने पुलों, घने जंगलों और प्राकृतिक गुफाओं के बीच बसे होने के
कारण प्रकृति प्रेमियों को एक गहरा, शांत और टिकाऊ अनुभव देते हैं।
ईको-फ्रेंडली होमस्टे: डोपाची होमस्टे (ससतग्रे)/ ला कोपर होमस्टे (मावलिननोंग)
राजस्थान

राजस्थान में ईको-फ्रेंडली होमस्टे का विस्तार पारंपरिक संस्कृति, स्थापत्य कला और मरुधरा की जीवनशैली को संरक्षित करते हुए सतत पर्यटन को बढ़ावा दे रहा है। उदयपुर में झीलों के किनारे स्थित कई ईको-होमस्टे पारंपरिक राजस्थानी वास्तुकला का उपयोग करते हुए स्थानीय निर्माण सामग्री, वर्षा जल संचयन और सौर ऊर्जा जैसी टिकाऊ तकनीकों को अपनाते हैं। यहां पर्यटकों को न केवल राजस्थानी आतिथ्य, लोक-संगीत और पारंपरिक भोजन का अनुभव मिलता है बल्कि यह सब कुछ पर्यावरण के प्रति संवेदनशील ढंग से प्रस्तुत किया जाता है।
ईको-फ्रेंडली होमस्टे: अपणी धानी ईकोलॉज (नवलगढ़)/हक्रा धानी होमस्टे (ओसियां)
