Eco Tourism in India: जब भी हम छुट्टियों की योजना बनाते हैं तो अक्सर भीड़भाड़ और शोरगुल वाली जगहें हमारे सामने आ जाती हैं। लेकिन अगर आप इस बार प्रकृति के करीब रहकर शांत और टिकाऊ पर्यटन का अनुभव लेना चाहते हैं तो भारत में कई ऐसे खूबसूरत स्थान हैं जो न केवल आपके दिल को सुकून देंगे बल्कि पर्यावरण के प्रति आपके प्यार को भी मजबूत करेंगे। आइए जानते हैं भारत की 5 ऐसी पर्यावरण अनुकूल जगहों के बारे में जहाँ आप अपनी अगली यात्रा की योजना बना सकते हैं।
सिक्किम

सिक्किम भारत का पहला पूर्णतः जैविक राज्य है। यहाँ खेती से लेकर पर्यटन तक सबकुछ पर्यावरण के अनुकूल तरीके से होता है। गंगटोक, युक्सोम, लाचुंग और जीरो प्वाइंट जैसे स्थान न केवल प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर हैं बल्कि यहाँ प्लास्टिक के प्रयोग पर भी सख्त प्रतिबंध है। स्थानीय लोग सतत विकास में विश्वास रखते हैं और पर्यटकों को भी प्रकृति के संरक्षण के लिए प्रेरित करते हैं। सिक्किम का स्वच्छ वातावरण और हरियाली इसे सस्टेनेबल टूरिज्म के लिए आदर्श बनाते हैं।
कोडाइकनाल, तमिलनाडु
कुहासे का शहर कहे जाने वाले कोडाइकनाल का एक हिस्सा वट्टाकनाल है जो मुख्यधारा के पर्यटन से थोड़ा अलग है। यहाँ आप शांत पहाड़ों, घने जंगलों और जैविक फार्मिंग के अनुभव के बीच समय बिता सकते हैं। कई होमस्टे और रिसॉर्ट्स स्थानीय संसाधनों का इस्तेमाल करते हैं और पर्यावरण को नुकसान पहुँचाए बिना सेवाएँ प्रदान करते हैं। वट्टाकनाल में लंबी वॉकिंग ट्रेल्स और प्राकृतिक झरने, प्रकृति प्रेमियों के लिए एक आदर्श स्थान हैं।
काबिनी, कर्नाटक

अगर आप जंगल सफारी का शौक रखते हैं लेकिन पारिस्थितिकी तंत्र का ध्यान भी रखना चाहते हैं तो काबिनी एक बेहतरीन विकल्प है। यह जगह नागरहोल राष्ट्रीय उद्यान के पास स्थित है और यहाँ कई ईको-रिसॉर्ट्स मौजूद हैं जो वन्य जीवन के संरक्षण में मदद करते हैं। काबिनी नदी के किनारे बसे रिसॉर्ट्स न्यूनतम प्लास्टिक उपयोग और सौर ऊर्जा जैसी टिकाऊ तकनीकों का उपयोग करते हैं जिससे आप बिना अपराधबोध के प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद ले सकते हैं।
खोनोमा, नागालैंड
खोनोमा भारत का पहला ग्रीन विलेज कहलाता है। इस गाँव ने शिकार पर पूर्ण प्रतिबंध लगाकर और जंगलों के संरक्षण के जरिए मिसाल कायम की है। खोनोमा में होमस्टे कल्चर है जहाँ आप स्थानीय जीवनशैली का अनुभव कर सकते हैं और प्रकृति के साथ एक गहरा रिश्ता बना सकते हैं। यहाँ की स्वच्छता, हरियाली और पारंपरिक तरीके से बनाई गईं गलियाँ किसी भी यात्री को मंत्रमुग्ध कर देती हैं।
कुमाऊँ क्षेत्र, उत्तराखंड
उत्तराखंड का कुमाऊँ क्षेत्र खासकर कसार देवी, मुक्तेश्वर और चोखोरी जैसी जगहें, पर्यावरण के अनुकूल पर्यटन को बढ़ावा देती हैं। यहाँ के कई होमस्टे और ईको-लॉज वर्षा जल संचयन, सौर ऊर्जा और ऑर्गेनिक फॉर्मिंग जैसी विधियों का पालन करते हैं। पहाड़ियों की गोद में बसे इन छोटे-छोटे गाँवों में आप न केवल आराम कर सकते हैं बल्कि स्थायी जीवनशैली का भी अनुभव कर सकते हैं।
कुछ और महत्वपूर्ण जानकारी
अगर आप इस बार की यात्रा में भीड़भाड़ से दूर रहकर प्रकृति के करीब रहना चाहते हैं और पर्यावरण संरक्षण में भी योगदान देना चाहते हैं, तो भारत की ये पर्यावरण अनुकूल जगहें आपके लिए आदर्श विकल्प हैं। याद रखें, एक जिम्मेदार यात्री बनकर हम आने वाली पीढ़ियों के लिए भी इस सुंदर पृथ्वी को बचा सकते हैं।
