Dr. Ngozi Okonjo-Iweala: इस साल महिलाओं का बोलबाला हर क्षेत्र में नजर आ रहा है। अगर देश की बात की जाए तो अंजू जॉर्ज को बेस्ट प्लेयर का सम्मान मिला। वहीं विदेश की बात की जाए तो पहली बार विश्व व्यापार संगठन को पहली महिला अध्यक्ष मिली। यह इस पद पर पहुंचने वाली पहली अश्वेत नागरिक भी हैं। वहीं साल बीतते के अंत में भारती मूल की गीता गोपीनाथ को आईएमएफ की फर्स्ट डिप्टी मैनेजिंग डायरेक्टर (First Deputy Managing Director) बनाया गया है। यह आईएमएफ में दूसरा सबसे जरूरी पद है। गीता गोपीनाथ का संबंध भारत से है तो उनके बारे में हर भारतीय को मालूम होगा। दूसरी ओर, अंजू जॉर्ज तो हर भारतीय महिला की प्रेरण है ही। लेकिन क्या आपको विश्व व्यापार संगठन की पहली महिला अध्यक्ष का नाम पता है ?
नहीं।
तो चलिए आज उनके बारे में ही जानते हैं।
कौन है WTO की पहली महिला अध्यक्ष
WTO एक व्यापारिक संगठन है जो पूरे विश्व के व्यापारियों और कंपनियों पर नजर रखता है। यह एक वैश्विक नियामक की तरह है। इसका गठन 1 जनवरी 1995 को हुआ था और तब से लेकर अब तक इसे एक भी महिला अध्यक्ष नहीं मिली थी। लेकिन 2021 में 26 साल के बाद WTO को पहली महिला अध्यक्ष मिली।
इनका नाम है- डॉ. नगोजी ओकोंजो-इवेला (Ngozi Okonjo-Iweala)। यह इस पद पर काबिज होने वाली पहली अश्वेत नागरिक भी हैं। यह पूरी दुनिया के लिए बहुत बड़ी बात है क्योंकि लड़कियों को शीर्ष पर पहुंचाने और दुनिया में बराबरी लाने की बात करने वाले संस्थान संयुक्त राष्ट्र को अपने 1945 में स्थापित होने के बाद से अब तक कोई महिला अध्यक्ष नहीं मिली है या अब तक किसी को महिला अध्यक्ष बनाया नहीं गया है।
डॉ. नगोजी ओकोंजो-इवेला
डॉ. नगोजी नाइजीरिया की हैं और 66 वर्ष की हैं। इन्हें हाल ही में अमेरिका की नागरिकता भी मिली है। इस तरह से इनके पास दो नागरिकता है। नगोजी, विश्व व्यापार संगठन की महानिदेशक बनने वाली पहली महिला और पहली अफ्रीकी बनने वाली हैं। WTO के अध्यक्ष पद के लिए चुनाव साल की शुरुआत में ही हुआ था। इस चुनाव में इनके प्रतिद्वंद्वी दक्षिण कोरिया की यू म्योंग थे जिन्होंने WTO महानिदेशक के पद की चुनाव से पहले दावेदारी छोड़ दी। जिसके बाद नगोजी सीधे डब्ल्यूटीओ की महानिदेशक बन गईं।
2025 तक रहेंगी इस पद पर
डॉ. नगोजी ने 1 मार्च 2021 से अपना कार्यभार संभाला है और वे इस पद पर 31 अगस्त, 2025 तक रहेंगी। डॉ. नगोजी ने इससे पहले अपने देश में वित्त मंत्री बनकर इतिहास रच दिया है। डॉ. नगोजी नाइजीरिया की पहली महिला वित्त मंत्री (2003 से 2006 के बीच और फिर 2011-2015 के दौरान) बनी थीं। वह अपने देश की विदेश मंत्री भी रह चुकी है। वर्ष 2006 में उन्होंने कुछ समय के लिए विदेश मंत्री का पद संभाला था।
हार्वर्ड से की पढ़ाई
इनका जन्म 1954 में नाइजीरिया में हुआ। पढ़ाई के लिए इन्होंने 1973 में अमेरिका का रुख किया। नगोजी शुरू से ही पढ़ाई में तेज रही हैं जिसके कारण उन्हें सीधे हार्वर्ड में एडमिशन मिल गया। इन्होंने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से 1973-76 में अर्थशास्त्र में पढ़ाई पूरी की और फिर 1981 में मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से अर्थशास्त्र और विकास में पीएचडी की डिग्री पूरी की।
विश्व बैंक में रह चुकी हैं प्रबंध निदेशक
डॉ. नगोजी ने 25 साल तक विश्व बैंक में काम किया है। विश्व बैंक में काम करने के दौरान उन्होंने कई ऐसे प्रोजेक्ट एक्जीक्यूट किया जो हालात के हिसाब से जरूरी थे लेकिन लोग फैसले लेने से घबराते थे। उनके दृढ़ता भरे काम करने के तरीके को दखते हुए वर्ष 2007 में विश्व बैंक का प्रबंध निदेशक बनाया गया। यह पद नंबर दो की हैसियत रखता है। इस पद पर रहने के दौरान डॉ. नगोजी ने मध्य एशिया, दक्षिणी एशिया, और यूरोप के 81 अरब डॉलर के कार्यकारी पोर्टफोलियो की ज़िम्मेदारी संभाली थी।
गरीबों के लिए उठाए कदम
डॉ. नगोजी ने विश्व बैंक में काम करने के दौरान गरीबों के लिए कई सारे काम किए हैं। जिनमें गरीबों के लिए 50 अरब डॉलर का फंड भी शामिल है। दरअसल वर्ष 2008 में आई मंदी से पूरी दुनिया संभल रही थी जिसमें गरीब देशों की हालत काफी खराब थी। ऐसे में डॉ. नगोजी ने इंटरनेशनल डेवेलपमेंट एसोसिएशन (IDA) के लिए दानदाताओं से 50 अरब डॉलर जुटाए। IDA, विश्व बैंक का वो फंड है, जिसके माध्यम से सबसे कम आमदनी वाले देशों की मदद की जाती है।
अपने पर विश्वास
डॉ. नगोजी को खुद पर और खुद के लिए गए फैसलों पर पूरा विश्वास है। वे दूसरों को साथ लेकर चलने में यकीन रखती हैं। आप इनके विश्वास की झलक इनके अगस्त 2020 में साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट को दिए एक इंटरव्यू में दिए गए वक्तव्य से लगा सकती हैं। इस वक्तव्य में उन्होंने कहा था, कि, ‘अगर आप मेरे लंबे करियर पर नज़र डालें तो आपको पता चलेगा कि मैंने सुधार किए हैं…और वो सुधार बेहद क्रांतिकारी थे…अगर आप मुझे इजाज़त दें, तो मैं कहना चाहूंगी कि वो बड़े साहसिक क़दम थे।’
अचानक बनीं विश्व व्यापार संगठन की अध्यक्ष
डॉ. नगोजी विश्व व्यापार संगठन की अध्यक्ष अचानक बनी हैं। क्योंकि हाल-फिलहाल में इस संगठन के महानिदेशक पद का चुनाव नहीं होने वाला था। विश्व व्यापार संगठन को नए महानिदेशक पद के लिए अचानक चुनाव कराने की ज़रूरत तब पड़ गई जब इसके पूर्व प्रमुख रॉबर्टो एज़ेवेडो ने अपना कार्यकाल खत्म होने से पहली ही अचानक इस्तीफा दे दिया।
रॉबर्टो एज़ेवेडो ने 31 अगस्त 2020 को अचानक से आधिकारिक रूप से विश्व व्यापार संगठन के महानिदेशक का पद छोड़ दिया था। जिसके बाद संगठन नेतृत्व विहीन हो गया। जिसके कारण व्यापार जगत में काफी हलचल मच गई। यह कोरोना के दौरान का समय था जब पूरी दुनिया मंदी की चपेट में थी और व्यापार जगत कोरोना की वजह से नई रोक झेल रहा था। इसके अलावा दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था अमेरिका और चीन के बीच तकनीकी और व्यापार युद्ध छिड़ा हुआ है। ऐसे में संगठन की छवि पर काफी नकारात्मक असर पड़ रहा था। इन्हीं आपातकालीन जैसे समय के बीच डॉ. नगोजी का चयन हुआ।
डॉ. नगोजी का चयन गरीब और विकासशील देशों की बड़ी उपलब्धि
डॉ. नगोजी का चयन गरीब और विकासशील देशों की बड़ी उपलब्धि बताया जा रहा है। इससे विकासशील और गरीब देशों में कुछ उम्मीद जगी है कि यह संगठन उनके लिए भी अब कुछ कार्य करेगा। गौरतलब है कि WTO के 27 प्रतिशत सदस्य अफ्रीकी हैं और 35 फ़ीसदी सदस्य विकासशील देश के हैं।