Call Forwarding Scam
Call Forwarding Scam

Call Forwarding Scam: शाम का समय था। नेहा अपने घर में चाय की चुस्कियां ले रही थी, तभी उसका फोन बजा। फोन की दूसरी तरफ से एक घबराई हुई आवाज़ आई, “मैडम, मैं आपके बैंक से बोल रहा हूं। आपके खाते पर संदिग्ध गतिविधि हुई है। इसे तुरंत रोकने के लिए आपको एक नंबर डायल करना होगा।” नेहा पहले तो हिचकिचाई, लेकिन फिर उस आवाज़ की गंभीरता और जल्दबाजी के आग्रह को सुनकर घबरा गई। उसने बताए गए नंबर को डायल किया, बिना यह सोचे कि इसके पीछे कोई चाल हो सकती है।

अगले ही दिन नेहा को अहसास हुआ कि उसके व्हाट्सऐप अकाउंट का एक्सेस किसी और के पास है। उसका बैंक बैलेंस खाली हो चुका था, और उसके दोस्तों और परिवार को अजीब संदेश भेजे जा रहे थे। नेहा समझ ही नहीं पाई कि आखिर उसके साथ यह सब कैसे हुआ।

आज के डिजिटल युग में, जहां तकनीक ने हमारी जिंदगी को आसान बना दिया है, वहीं इसने धोखेबाजों को भी नए तरीके प्रदान किए हैं। कॉल फॉरवर्डिंग स्कैम एक ऐसा ही खतरनाक जाल है, जो किसी भी मासूम व्यक्ति की जिंदगी को पल भर में बर्बाद कर सकता है।

यह लेख आपको बताएगा कि कॉल फॉरवर्डिंग कैसे काम करता है, स्कैमर्स इसे कैसे अपना हथियार बनाते हैं, और सबसे अहम बात – इससे बचने के तरीके।

कॉल फॉरवर्डिंग एक वैध सेवा है जो आपको अपने आने वाले कॉल्स को किसी अन्य नंबर पर डायवर्ट करने की सुविधा देती है। यह तब उपयोगी हो सकती है जब आप किसी मीटिंग में हों, फोन उपलब्ध न हो या ट्रेवल कर रहे हों।

कॉल फॉरवर्डिंग के दो तरह होते हैं:

अनकंडीशनल फॉरवर्डिंग: यह सेवा सभी कॉल्स को डायवर्ट करती है, चाहे आप उपलब्ध हों या नहीं। यह तब उपयोगी होती है, जब आप अस्थायी वर्क नंबर पर कॉल्स लेना चाहते हैं या विदेश यात्रा पर हों।

कंडीशनल फॉरवर्डिंग: केवल तब कॉल्स फॉरवर्ड होती हैं जब फोन व्यस्त हो, अनुत्तरित हो या नेटवर्क से बाहर हो।

लेकिन जब यह सुविधा गलत हाथों में चली जाती है, तो इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं।

स्कैमर्स कॉल फॉरवर्डिंग के फीचर का दुरुपयोग कर पीड़ितों के कॉल्स और महत्वपूर्ण जानकारी तक पहुंच बना लेते हैं। यह प्रक्रिया आमतौर पर इस प्रकार होती है:

स्कैमर पीड़ित से फोन, ईमेल या सोशल मीडिया के जरिए संपर्क करते हैं।

वे आपको किसी “आपातकालीन स्थिति” का बहाना देकर तुरंत कार्रवाई करने को कहते हैं।

वे आपको *401# जैसे कोड डायल करने का निर्देश देते हैं, जिससे कॉल फॉरवर्डिंग चालू हो जाती है।

स्कैमर पीड़ित के बैंक अकाउंट, व्हाट्सऐप और अन्य महत्वपूर्ण सेवाओं तक पहुंच बना लेते हैं।

अब आपके फोन पर आने वाले सभी कॉल्स स्कैमर्स के पास पहुंच जाते हैं।

स्कैमर्स बैंक खाते से पैसे निकाल सकते हैं या भारी फोन बिल बना सकते हैं।

आपकी व्यक्तिगत जानकारी का दुरुपयोग कर सकते हैं।

कॉल फॉरवर्डिंग का उपयोग कर OTP चुरा लेते हैं और आपके व्हाट्सऐप का नियंत्रण अपने हाथ में ले लेते हैं।

  • कॉल्स सीधा वॉइसमेल पर जा रही हैं।
  • अनजान नंबर आपके कॉल लॉग में दिखाई देते हैं।
  • फोन बिल में अचानक बढ़ोत्तरी होती है।
  • दूसरों का कहना कि आपकी कॉल्स नहीं लग रही हैं।

कभी भी किसी अनजान व्यक्ति के कहने पर *21, *90 या कोई अन्य कोड डायल न करें। यह कॉल फॉरवर्डिंग को सक्रिय कर सकता है।

यदि कोई अनजान व्यक्ति बैंक अधिकारी, पुलिस, या सरकारी कर्मचारी बनकर कॉल करे और आपकी जानकारी मांगे, तो तुरंत कॉल डिस्कनेक्ट करें।

किसी भी संदिग्ध कॉल के बाद सीधे अपने बैंक या सेवा प्रदाता के कस्टमर केयर नंबर पर कॉल करें।

कभी भी OTP, पिन, पासवर्ड, या बैंक की जानकारी कॉल पर साझा न करें। बैंक या सेवा प्रदाता ऐसी जानकारी फोन पर नहीं मांगते।

SMS या ईमेल में आए लिंक पर क्लिक न करें, भले ही वह वैध लगे।

स्कैमर्स अक्सर घबराहट पैदा करने की कोशिश करते हैं। शांत रहें और बिना पुष्टि के कोई कार्रवाई न करें।

यदि आप स्कैम का शिकार हो जाएं, तो तुरंत स्थानीय साइबर सेल या टेलीकॉम कंपनी को सूचित करें।

अपने फोन की कॉल फॉरवर्डिंग सेटिंग्स की नियमित जांच करें और अनधिकृत फॉरवर्डिंग को तुरंत हटाएं।

कॉल फॉरवर्डिंग को डीएक्टिवेट करें:

  • एंड्रॉइड: फोन ऐप > सेटिंग्स > कॉल सेटिंग्स > कॉल फॉरवर्डिंग> डिसेबल करें
  • आईफोन: सेटिंग्स > फोन > कॉल फॉरवर्डिंग> बंद करें
  • जागरूकता ही सबसे बड़ा बचाव है। यदि कुछ भी संदिग्ध लगे, तो ठहरें, जांच करें, और फिर ही कदम उठाएं।

सोनल शर्मा एक अनुभवी कंटेंट राइटर और पत्रकार हैं, जिन्हें डिजिटल मीडिया, प्रिंट और पीआर में 20 वर्षों का अनुभव है। उन्होंने दैनिक भास्कर, पत्रिका, नईदुनिया-जागरण, टाइम्स ऑफ इंडिया और द हितवाद जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में काम किया...