Worship Rules: रोजाना घर पर पूजा-पाठ करने के साथ ही देवी-देवताओं के दर्शन और पूजन के लिए मंदिर जाना भी बेहद जरूरी होता है। शास्त्रों में मंदिर जाने के कई लाभ बताए गए हैं। नियमित रूप से सुबह या संध्या के समय मंदिर जाना बहुत ही शुभ माना जाता है। मंदिर जाने से व्यक्ति का मानसिक विकास होता है, एकाग्रता बढ़ती है, तनाव से मुक्ति मिलती है, सकारात्मक ऊर्जा का संचार बढ़ता है और आध्यात्म के प्रति रुचि बढ़ती है। इसलिए अपनी दिनचर्या में मंदिर जाने की आदत को शामिल करें।
शास्त्रों में मंदिर जाने के अनेकों लाभ बताए गए हैं, लेकिन कई लोग मंदिर दर्शन के बाद घर लौटते समय जाने-अनजाने में कुछ गलतियां कर देते हैं, जिससे कि उन्हें पूजा का पूर्ण फल प्राप्त नहीं होता। गरुड़ पुराण, विष्णु पुराण जैसे धर्म ग्रथों में भी बताया गया है कि वो कौन से काम के जिन्हें मंदिर दर्शन के बाद घर लौटते समय हमें नहीं करना चाहिए। आइए जानते हैं विस्तार से कि मंदिर से लौटते समय क्या न करें।
प्रसाद से जुड़ी गलतियां

जब हम पूजा के लिए मंदिर जाते हैं तो भगवान को प्रसाद या भोग भी अर्पित करते हैं और अपने साथ भी भोग लेकर आते हैं। लेकिन कुछ लोग रास्ते में ही मंदिर का प्रसाद खाने लगते हैं, जोकि गलत है। मंदिर से लाया गया प्रसाद घर लौटने के बाद परिवार के सभी सदस्यों में वितरण करने के बाद खाना चाहिए।
खाली लोटा घर लेकर आना

मंदिर जाते समय हम पूजा की थाली सजाते हैं और लोटे में जलभर कर जाते हैं। लेकिन लौटते समय लोग खाली लोटा घर लेकर आते हैं। कहा जाता है कि मंदिर से कभी भी खाली लोटा लेकर घर नहीं आना चाहिए। भगवान को जल चढ़ाते समय थोड़ा जल बचा लें और इस जल को घर ले आएं, इससे घर की समृद्धि बढ़ती है और नकारात्मकता दूर होती है। अगर किसी कारण जल लाना संभव न हो तो आप लोटे मे अक्षत के दाने या पूजा के फूल भी ला सकते हैं। लेकिन किसी भी स्थिति में खाली लोटा मंदिर से घर लेकर नहीं आना चाहिए। यह दुर्भाग्य का कारण बन सकता है।
घर आकर पैर न धोएं

मंदिर के भीतर हम सभी खाली पांव ही जाते हैं, जिससे कि पैर गंदे हो जाते हैं। इसलिए घर आकर लोग तुरंत पानी से अपने पैर धो लेते हैं। लेकिन शास्त्रों की माने तो मंदिर से घर आकर तुंरत पांव नहीं धोने चाहिए। दरअसल मंदिर की धूल-मिट्टी में भी सकारात्मक ऊर्जा होती है। इसलिए इसे अपने शरीर में कुछ समय के लिए रहने दें और आधे-एक घंटे बाद पांव धो लें। अगर पैर ज्यादा गंदे हो गए हों तो आप किसी सूखे कपड़े से पांव पोंछ सकते हैं।
तुरंत भोजन करना

मंदिर से आकर तुरंत भोजन नहीं करना चाहिए। खासकर मांसाहार भोजन तो बिल्कुल न करें। मंदिर से आकर सबसे पहले फूल-प्रसाद को उचित स्थान पर रखें। फूलों को आप किसी गमले आदि में डाल करते हैं। फिर कुछ समय शांत बैठे और भगवान का ध्यान करें। इसके बाद सबसे पहले प्रसाद ग्रहण करें फिर भोजन खाएं।
