जन्माष्टमी व्रत में भूलकर भी न करें ये गलतियां: Janmashtami Puja Tips
आइए जानते हैं जन्माष्टमी पर कौन सी गलतियां करने से बचना चाहिए।
Janmashtami Puja Tips: जन्माष्टमी का पर्व आज यानी 26 अगस्त को मनाया जाएगा। वहीं जन्माष्टमी पर लोग व्रत रखते हैं और रात को ठीक 12 बजे भगवान का जन्मोत्सव मनाया जाता है। लेकिन आपको बता दें कि जन्माष्टमी पर कुछ लोग पूजा और व्रत रखते समय कुछ जाने और अनजाने में गलतियां कर देते हैं। जिसकी वजह से व्रत खंडित हो सकता है। साथ ही जीवन में दरिद्रता आ सकती है। आइए जानते हैं जन्माष्टमी पर कौन सी गलतियां करने से बचना चाहिए।
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तुलसी न तोड़े

जन्माष्टमी के दिन भूल कर भी तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ने चाहिए। भगवान विष्णु को श्रीकृष्ण का अवतार माना जाता है। मान्यता के अनुसार तुलसी भगवान विष्णु को अत्यंत प्रिय हैं, इसलिए इस दिन तुलसी के पत्ते तोड़ना शुभ नहीं माना जाता है।
चावल नहीं खाएं

जो लोग जन्माष्टमी का व्रत नहीं रखते हैं, उन्हें भी इस दिन चावल नहीं खाना चाहिए। एकादशी और जन्माष्टमी के दिन चावल और जौ से बने भोज्य पदार्थ खाना वर्जित माना जाता है।
लहसुन और प्याज से बनाए दूरी

जन्माष्टमी वाले दिन लहसुन और प्याज के अलावा मांस मदिरा का सेवन भी नहीं करना चाहिए। ऐसा करना अशुभ माना जाता है।
अनादर न करें
कृष्ण जन्माष्टमी के दिन भूलकर भी किसी का अनादर ना करें। भगवान कृष्ण के लिए अमीर या गरीब सभी भक्त एक समान ही हैं। किसी भी गरीब का अपमान करने से श्री कृष्ण अप्रसन्न हो सकते हैं।
पेड़ों को न काटे
जन्माष्टमी के दिन पेड़ों को काटना भी अशुभ माना जाता है। श्री कृष्ण हर चीज में बसते हैं और हर चीज उनमें बसती है। बल्कि हो सके तो इस दिन ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाने चाहिए। इससे घर और परिवार में सुख और शांति बनी रहती है।
गाय की पूजा

जन्माष्टमी के दिन ब्रह्मचर्य का पालन करना अनिवार्य होता है। इस दिन पूरे पवित्र मन-तन से भगवान की पूजा करनी चाहिए। इसके अलावा इस दिन भूल कर भी गायों का अपमान नहीं करना चाहिए। भगवान कृष्ण को गायों से बहुत प्रेम था। कान्हा बचपन गायों के साथ ही खेलते थे. ऐसी मान्यता है कि जो भी गाय की पूजा करता है उसे श्री कृष्ण का आशीर्वाद जरूर मिलता है।
ऐसे खोले व्रत
जन्माष्टमी वाले दिन व्रत रात में 12:00 बजे के बाद खोलना चाहिए। उससे पहले व्रत खोलने से पूजा का फल नहीं मिलता है और व्रत भी अधूरा माना जाता है। ऐसे में पहले कृष्ण जी की पूजा कर ले उसके बाद ही व्रत खोलें।
