बचपन में हमारी परवरिश, हमारा उठना बैठना, आना जाना, बात करना, इन सभी से हमारे अंदर आदतों का यां डेली हैबिटस का विकास होता है। बहुत सी ऐसी आदतें होती है, जो हमें अच्छाई दिलाती हैं और हमारा रूतबा भी बढ़ाती है। मगर कुछ आदतें हमारे अंदर ऐसी भी होती है, जो दूसरों को हमसे धीरे धीरे दूर ले जाती हैं यां फिर हमारे प्रति उनका नज़रिया बदल देती हैं। सबसे पहले हम जिस बुरी आदत की बात करेंगे वो हैं, बात बात पर गुस्सा आना
बात बात पर गुस्साना
आज की दौड़ीभाग से भरी इस जिंदगी में प्रतिस्पर्धा यानि काम्पीटिशन बढ़ता ही जा रहा है। कोई व्यक्ति किसी की कही यां सुनी हुई बात को सुनकर चुप नहीं रहता है और हाज़िर जवाबी के कारण अपना मनोबल खो देता है, जिससे हमारे अंदर भर जाता है गुस्सा। फिर बात बात पर गुस्सा करना हमारा स्वभाव बन जाता है। जाहिर सी बात ये आदत गलत है, हालांकि इस आदत के कारण कोई भी आपको जल्दी दबाने की कोशिश नहीं कर पाएगा। मगर स्वभाव में खराबी ज़रूर आ जाएगी और फिर लोग आपके नज़दीक आने से भी डरेंगे।
अपने आप में खोए रहना
अपना ख्याल तो हर कोई रख लेता है, लेकिन असली मज़ा तो तब है, जब दूसरों का हाथ थामें और उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करें। मगर कुछ लोग ऐसी सोच नहीं रखते। उनकी दुनिया बस खुद तक ही मिसटी हुई है। खुद का खाना, पहनना, घूमना, और आराम करना। मगर इस बात का फायदा ये है कि इससे आपको खुद का ख्याल रखने का तो पूरा मौका मिल जाता है, लेकिन दूसरों के बारे में सोच नहीं पाते हैं।
बार बार रोना
छोटी मोटी बातों से ही घर संसार की गाड़ी आगे बढ़ती है। मगर हर बार रोना और फिर दिनभर उसी बात में खोए रहना, गलत है। हर बात को समझना ज़रूरी है और हर किसी के स्वभाव को भी ध्यान में रखना ज़रूरी है। हांलाकि बार बार रोने से हमारी आंखों के अंदर जो गंदा पानी है, वो निकल जाता है, मगर बार बार रोने से हमारा व्यक्तित्व कमज़ोर पड़ने लगता है और साथ ही आंखे भी कमज़ोर होने लगती हैं।
सम्मान करना
दूसरों को आदर और सम्मान देना हमारे संस्कारों में सबसे उपर माना गया है। हर इंसान दूसरे से केवल सम्मान की ही अपेक्षा करता है। ऐसे में खुद को सर्वश्रेष्ठ मानने के साथ साथ दूसरों को भी इज्जत देना और उन्हें महत्वपूर्ण होने का एहसास दिलाना ज़रूरी है।
दिनभर चाय की चुस्कियां लेना
चाय एक ऐसा पेय पदार्थ, जिसके साथ बहुत से लोगों के दिन की शुरूआत होती है। मगर कुछ लोग ऐसे भी होते हैं, जो चाय को दिनभर में बार बार पीना पसंद करते है। हांलाकि इससे हमारी थकान और शरीर में होने वाले दर्द को कुछ पल के लिए राहत मिलती है। मगर इससे गैस और भूख न लगने जैसी परेशानियां भी शरीर में पैदा हो सकती है। 
घर का खाना न पसंद करना
आज की युवा पीढ़ी खाने के मामले में काफी चूज़ी हो चुकी है। मगर घर का खाना, उनकी ज़बान पर नहीं टिकता है। चाईनीज़ और कोन्टिीनेंटल ही उनकी पहली पसंद बनी हुई है। जहां घर का खाना पोषक तत्वों ेसे पूण है, तो जंक फूड मोटापा बढ़ाने में काफी कागरर साबित हो रहा है। कई लोगों का मानना है कि घर का खाना खाने से हम आउटडेटिड साबित हो जाएंगे। मगर खुद की इमेज बिल्ट करने के चक्कर में शरीर को क्यों नुकसान पहुंचाना।
देर रात तक गपशप करना
घंटों फोन पर बातें करना, गप करना, रेसिपी शेयर कुछ लोगों को बेहद पसंद है। मगर खासतौर पर औरतों में ये आदत पाई जाती है, वे हमेशा गोसिप्स में अपना खली वक्त व्यतीत करती है। इससे हमें मानसिक शांति तो मिल जाती है, मगर दूसरे की इमेज और व्यक्तित्व को ताक पर रखकर बातें करने से हूारा सोशल सर्कल ज़रूर खराब होता है। अगर गलती से आपकी बातों का खुलासा हो जाए, तो आप हमेशां के लिए अच्छे दोस्तों को खो देते हंै।
डकार लेना और फार्ट करना
कई बार सोशल गैदरिंग में अचानक से खाने के बाद डकार लेना यां फार्ट करना हमें बेहद असहज कर देता है। ऐसे में हम लोगों से नज़रे नहीं मिला पाते है और आत्मग्लानि के भाव हमारे अंदर ही अंदर चलने लगता है। मगर ऐसा न सोचकर हमें इसके अच्छे प्रभावों को सोचना चाहिए। क्यों की शरीर की किसी भी प्रक्रिया को रोकना गलत है। वैज्ञानिकों की मानें, तो डकार और फार्ट करने से हमारा शरीर कार्बनडाईआॅक्साईड रिलीज़ करता है और हमारे शरीर को स्वस्थ भी रखता है। 
नाखून खाना
बचपन से ही कुछ लोगों को नाखून खाने की आदत होती है और जो आगे चलकर हमारे लिए समस्या का कारण बन जाती है। नाखून में जमा गंदगी हमारे शरीर में जाकर कई तरह की परेशानियां पैदा कर सकती है। ऐसे में नाखून खाने से बचें और अपनी सेहत का भी ख्याल रखें। 
देर तक सोना
रात देर तक जागने के बाद हम दिन में देर तक सोते रहते हैं। ऐसे में कुछ लोग हमे आलसी और नाकारा जैसे टैग्स भी दे देते हैं। मगर कहीं न कहीं देर तक सोना हमारी सेहत के लिए अच्छा माना गया है। मगर इससे हमारे दैनिक कार्य ज़रूर पिछड़ जाते हैं। दिनचर्या के कार्यों को पूरा करने के लिए हमें वक्त पर सोना और वक्त पर जागा आवश्यक है। 
आंखे झपकना
कुछ लोग बात करते वक्त बार बार आंखे झपकते है, जो सामने वाले व्यक्ति पर हमारी गलत छाप छोड़ता है। बात करते वक्त पूरा ध्यान सामने वाले व्यक्ति पर रखें और आंखों को कम झपके और हाथ पैर भी बार बार हिलाने से बचें। ताकि बात करने वाले का ध्यान कहीं और केंन्दित न हो। 
चंचल स्वभाव
कई बार हमारे व्यवहार में गंभीरता की कमी भी हमें आगे बढ़ने में रूकावट पैदा करती है। ऐसे में चंचल स्वभाव को छोड़कर बातों को समझना और उनकी गंभीरता तक पहुंचना बेहद ज़रूरी है। 
ज्यादा खाने से बचें
स्वाद स्वाद में हम अपनी सेहत के साथ खिलवाड़ कर बैठते हैं। दिनभर में कई बार खाना हमारे पांच तंत्र को प्रभावित कर सकता है और इससे मोटपा बढ़ने का भी खतरा बना रहता है। 
मोबाईल फोन से दिनभर न चिपकें
चाहे लंच टाईम हो यां स्लीप टाईम मोबाईल की स्क्रीन को हर वक्त देखने की आदत हमारी गलत आदतों में से ही एक है। मोबाईल को दिनभर में बहुत से कीटाणु घेरे रहते है। ऐसे में हम खाना खाते वक्त अचानक से फोन को उठाकर चेक करने लगते हैं, तो कभी कोई काम करते करते उन्ही हाथों को फोन को टच कर लेते हैं। ऐसे में कही न कहीं फोन पर बहुत से कीटाणु जमा हो जाते हैं। फोन को हाथ में लेकर खाना खान से बचें और खाने का पूरा स्वाद उठाएं। 
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