विष्णु अवतार श्री कृष्ण के जन्मदिवस को जन्माष्टमी के रूप में समस्त भारत में मनाया जाता है। इस वर्ष 2 सितंबर 2018 को शाम 20:47 बजे के बाद अष्टमी तिथी शुरू होगी और 3 सितंबर 2018 को शाम 19:19 बजे तक रहेगी। इस दिन अगर आप अपनी राशि के अनुसार मंत्र का जाप करेंगे तो आपको भगवान् श्री कृष्ण की विशेष कृपा प्राप्त होगी। तो आइये जानते हैं किस राशि वाले को कौन सा मंत्र जाप करने से विशेष लाभ मिलेगा।
मेष राशि- मेष राशिवालों के राशि स्वामी मंगल इस समय अपने उच्च की राशि मकर से गोचर कर रहे हैं, जो कर्म स्थान है। इस समय इन राशि वालों को इस मंत्र का जाप करना चाहिए। “ॐ नमो भगवते नन्दपुत्राय आनन्दवपुषे गोपीजनवल्लभाय स्वाहा”… 28 अक्षरों वाले इस मंत्र के जाप करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होगी । कम से कम ग्यारह माला इस मंत्र का जाप अवश्य करें।
वृषभ राशि- वृषभ राशि वालों के राशि स्वामी शुक्र इस समय अपने मूल त्रिकोण राशि तुला में स्वग्रही हैं। ये समय है कर्ज़ मुक्ति और शत्रुओं पर विजय प्राप्त करने का। इस समय वृषभ राशि वालों को “ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्रीकृष्णाय गोविंदाय गोपीजन वल्लभाय श्रीं श्रीं श्री” मंत्र का जाप करने से लाभ होगा। 23 अक्षरों वाले श्रीकृष्ण के इस मंत्र से इस समय जीवन में आ रही सभी प्रकार की बाधाओं को दूर किया जा सकता है।
मिथुन राशि- मिथुन राशि के राशि स्वामी बुध इस समय सिंह राशि में गोचर कर रहे हैं। यह आपके पराक्रम का समय है। इन राशि वालों को “नन्दपुत्राय श्यामलांगाय बालवपुषे कृष्णाय गोविन्दाय गोपीजनवल्लभाय स्वाहा” मंत्र का कम से कम पांच माला जाप करना चाहिए। 32 अक्षरों वाले इस मंत्र के जाप करने से समस्त मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
कर्क राशि- राशि में राहु के गोचर करने के कारण कर्क राशि वाले इस समय भारी मानसिक दवाब में गुज़र रहें हैं। आपको चाहिए कि इस मंत्र “ॐ नमः भगवते वासुदेवाय कृष्णाय क्लेशनाशाय गोविंदाय नमो नमः” का कम से कम 11 माला जाप करें। इस मंत्र के प्रभाव से मानसिक शांति मिलेगी और कई महीने से जो परेशानी चल रही है, श्री कृष्ण के कृपा से समाप्त हो जाएंगी।
सिंह राशि- सिंह राशि के राशि स्वामी सूर्य इस समय स्वग्रही होकर अपनी ही राशि में हैं। ये समय अहंकार त्यागकर प्रभु के चरणों में साधना करने का है। आपके लिए मूल मंत्र है “कृं कृष्णाय नमः”। 11 माला जाप करने से लंबे समय से रुका हुआ कार्य शीघ्र पूरा होगा और घर परिवार में सुख शांति की वर्षा होगी।
कन्या राशि- कन्या राशि वालों के लिए इस समय श्री कृष्ण की साधना आवश्यक है। राशि स्वामी बुध सिंह राशि में होकर द्वादश घर में गोचर कर रहे हैं। इन राशिवालों को इस मंत्र “ॐ कृष्ण कृष्ण महाकृष्ण सर्वज्ञ त्वं प्रसीद मे रमारमण विद्येश विद्यामाशु प्रयच्छ मे” का कम से कम 11 माला अवश्य जाप करना चाहिए। 33 अक्षरों वाले इस मंत्र को गोपनीय माना गया है। इस मंत्र के जाप से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होंगी।
तुला राशि- तुला राशि वालों के लिए श्री कृष्ण की विशेष कृपा प्राप्त करने का उत्तम समय है। राशि स्वामी शुक्राचार्य, देवगुरु बृहस्पति के साथ अपनी ही राशि में बैठे हैं। आपके लिए ज़रूरी है कि इस मंत्र का कम से कम 5 माला जाप करें, “कृष्णःकर्षति आकर्षति सर्वान जीवान् इति कृष्णः॥॥ ओम् वेदाः वेतं पुरुषः महंतां देवानुजं प्रतिरंत जीव से”॥ इसके जाप से प्रभु का आशीर्वाद प्राप्त होगा और मनोवांछित फल की प्राप्ति होगी ।
वृश्चिक राशि- वृश्चिक राशि के स्वामी मंगल इस समय अपनी उच्च की राशि मकर में पराक्रम भाव से गोचर कर रहे हैं। इन राशिवालों को चाहिए कि इस मंत्र “क्लीं ग्लौं क्लीं श्यामलांगाय नमः” का जाप करें। इस मंत्र के जाप करने से सभी बाधाओं से मुक्ति मिलेगी। आर्थिक स्थिति में सुधार होगा। अगर विदेश से सम्बंधित कार्य लंबित है तो कामयाबी मिलेगी।
धनु राशि- धनु राशि के स्वामी देवगुरु बृहस्पति तुला राशि में ग्यारहवें स्थान से गोचर कर रहें हैं साथ में शुक्राचार्य भी हैं। आपको चाहिए कि “ऐं क्लीं कृष्णाय ह्रीं गोविंदाय श्रीं गोपीजनवल्लभाय स्वाहा ह्र्सो” मंत्र की कम से कम पांच माला अवश्य जाप करें। इस मंत्र के जाप करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होगी।
मकर राशि- मकर राशि के स्वामी शनि इस समय अपने से द्वादश स्थान पर धनु राशि में गोचर कर रहें हैं। स्वास्थ को लेकर आप परेशान हैं। आपको चाहिए कि आप “ऊं श्रीं नमः श्रीकृष्णाय परिपूर्णतमाय स्वाहा” मंत्र का कम से कम ग्यारह माला जाप करें। यह बहुत ही प्रभावशाली मंत्र है शीघ्र लाभ होगा।
कुंभ राशि- आपके राशि स्वामी शनि इस समय आय भाव में धनु राशि में गोचर कर रहे हैं। आपके लिए ज़रूरी है कि आप “गोवल्लभाय स्वाहा” मंत्र का कम से कम ग्यारह माला जाप करें। देखने में भले ही ये मंत्र दो ही शब्द का है, लेकिन है बहुत पॉवरफुल। सारी मनोकामनाएं पूर्ण होगी।
मीन राशि- मीन राशि वालों के राशि स्वामी देवगुरु बृहस्पति अष्टम स्थान से गोचर कर रहें हैं। आपके लिए आवश्यक है कि “गोकुल नाथाय नमः” मंत्र का ग्यारह माला जाप करें। आठ अक्षरों वाला यह मंत्र बहुत शक्तिशाली है। सभी मनोकामनाएं पूर्ण होगी।

(स्पिरिचूअल हीलर मृत्युंजय शर्मा से बातचीत पर आधारित)
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