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हमारे दैनिक जीवन पर चन्द्रमा का सबसे अधिक प्रभाव पड़ता है, क्यों कि चन्द्रमा पृथ्वी का सबसे निकटतम ग्रह है और बहुत गतिशील है। चन्द्रमा मन, यात्रा, और जल का कारक है। पूर्णिमा के दिन चंद्रमा अपने पूरे निखार पर होता है। अक्सर मैने देखा है कि पूर्णिमा के दिन व्यक्ति खुश रहते हैं। इसी के विपरीत अमावस्या के दिन मन में टेनशन, परेशानी, दुविधा अधिक रहती है।
किसी ने सही कहा है मन खुश तो सब खुश।जन्म के समय चन्द्रमा जिस राशि में गोचर कर रहा होता है वह आपकी जन्म राशि है। चन्द्रमा की अपनी राशि है कर्क, उच्च राशि है वृष और नीच राशि है वृष्चिक। चन्द्रमा एक राशि में ढ़ाई दिन या 54 घण्टे रहता हैं।अगर आपको अपनी जन्म तिथि या समय का ज्ञात नहीं है तो आप अपने नाम से भी अपनी राशि जान सकते है। भारतीय ज्योतिष में चन्द्रमा का विशेष महत्व है। जन्म कुण्डली के बाद चन्द्र कुण्डली को विशेष महत्व दिया जाता है।
आपका दिन कैसा होगा।
आपका दिन कैसा होगा, यह जानने के लिए अपनी चन्द्र राशि देखें। वह आपके चन्द्रमा का प्रथम भाव है। उससे अगला भाव दूसरा, फिर तीसरा। इस प्रकार कुण्डली के बारह भाव होते है। और गिनती ऐन्टी क्लाक बाइस होती है। अब आपने जिस दिन की गणना करनी है उस दिन देखिये चन्द्रमा कहाँ गोचर कर रहा है।
उदाहरण– आपकी चन्द्र राशि सिंह है और चन्द्र उस दिन वृष राशि में गोचर कर रहा है जो कि आपकी चन्द्र कुण्डली का दसवा भाव है।
सभी भावों का फल
1. प्रथम भाव में है तो चन्द्रमा का गोचर भाग्योदय, प्रसन्नता और लाभ देता है।
2. द्वितीय भाव में है तो आपका दिन हानिकारक हो सकता है। मन में दुविधा, अशांति रहने की सम्भावना है।
3. तृतीय भाव में है तो यात्रा से आपको लाभ मिल सकता है। भाई बहनों के साथ समय व्यतीत कर सकते हैं।
4. चतुर्थ भाव में है तो घर में कलह हो सकती है। विदेश से लाभ, परन्तु खर्च अधिक हो सकता है।
5. पंचम भाव में है तो बच्चों के कारण परेशानी या दुविधा आ सकती है। सम्मान में वृद्धि हो सकती है।
6.षष्टम भाव में है तो शत्रु पर विजय होगी। नौकरी में लाभ मिलने की सम्भावना हो सकती है। शिक्षा में व्यवधान।
7. सप्तम भाव में है तो दिन अच्छा रहेगा। व्यापार में फायदा हो सकता है। पत्नी के साथ सम्बन्ध अच्छे हो सकते हैं।
8. अष्टम भाव में है तो दिन कष्टकारी रहेगा। सेहत के लिये खराब हो सकता है। सावधानी रखें।
9.नवम भाव में है तो धन से लाभ। यात्रा का योग हो सकता है। सरकारी कार्यों में सचेत रहने की आवश्यकता है।
10.दशम भाव में है तो खुशी भरा दिन, शुभ सन्देश मिल सकता है।
11.ग्यारहवें भाव में है तो परिश्रम के बाद कार्य सफल हांेगे। मनोकामना पूरी हो सकती है।
12. बारहवें भाव में है तो व्यय बढ़ेगा, दिन परेशानी भरा हो सकता है। सतर्कता की आवश्यकता है।
नोटः- यह भविष्यवाणी जन स्तर पर है। व्यक्ति विशेष की कुण्डली पर अन्य ग्रहों के गोचर का भी प्रभाव होता है। जिसके कारण गणना बदल जाती है, जिसके कारण उपरलिखित सम्भावनायें बदल भी सकती हैं। सही भविष्य जानने की लिये किसी ज्योतिष विशेषज्ञ की राय लें।

निशा घई (ज्योतिष आचार्य)
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