श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की धूम श्रीकृष्ण युगों से भक्तों की आस्था के केंद्र रहे हैं। वे कभी यशोदा मैया के लाल होते हैं तो कभी ब्रज के नटखट कान्हा। कभी गोपियों का चैन चुराते छलिया दिखते हैं तो कभी अर्जुन को गीता का ज्ञान देते हुए नजर आते हैं। श्रीकृष्ण के रूप अनेक हैं और वह हर रूप में संपूर्ण हैं उन्हीं श्रीकृष्ण के जन्म उत्सव को जन्माष्टमी के रूप में मनाया जाता है और इस अवसर को ये भजन और भी पावन कर देता हैं।
भजन – ‘नन्द के आनंद भयो’

आनंद उमंग भयो, जय हो नन्द लाल की।
नन्द के आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की॥
बृज में आनंद भयो, जय यशोदा लाल की।
हाथी घोडा पालकी, जय कन्हैया लाल की॥जय हो नंदलाल की, जय यशोदा लाल की।
गोकुल में आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की॥आनंद उमंग भयो, जय हो नन्द लाल की।
नन्द के आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की॥बृज में आनंद भयो, जय यशोदा लाल की।
हाथी घोड़ा पालकी, जय कन्हैया लाल की॥आनंद उमंग भयो, जय हो नन्द लाल की।
नन्द के आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की॥
बृज में आनंद भयो, जय यशोदा लाल की।
नन्द के आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की॥आनंद उमंग भयो, जय हो नन्द लाल की।
गोकुल में आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की॥जय हो नंदलाल की, जय यशोदा लाल की।
हाथी घोडा पालकी, जय कन्हैया लाल की॥आनंद उमंग भयो, जय हो नन्द लाल की।
नन्द के आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की॥बृज में आनंद भयो, जय यशोदा लाल की।
नन्द के आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की॥आनंद उमंग भयो, जय हो नन्द लाल की।
नन्द के आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की॥कोटि ब्रह्माण्ड के अधिपति लाल की।
हाथी घोडा पालकी, जय कन्हैया लाल की॥
गौ चरने आये, जय हो पशुपाल की।
गोकुल में आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की॥कोटि ब्रह्माण्ड के अधिपति लाल की।
नन्द के आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की॥गौ चरने आये, जय हो पशुपाल की।
नन्द के आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की॥पूनम के चाँद जैसी शोभी है बाल की।
हाथी घोडा पालकी, जय कन्हैया लाल की॥
आनंद उमंग भयो, जय हो नन्द लाल की।
गोकुल में आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की॥कोटि ब्रह्माण्ड के अधिपति लाल की।
नन्द के आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की॥गौ चरने आये, जय हो पशुपाल की।
नन्द के आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की॥भक्तो के आनंदनंद जय यशोदा लाल की।
हाथी घोड़ा पालकी, जय कन्हैया लाल की॥
जय हो यशोदा लाल की, जय हो गोपाल की।
गोकुल में आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की॥कोटि ब्रह्माण्ड के अधिपति लाल की।
नन्द के आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की॥गौ चरने आये, जय हो पशुपाल की।
नन्द के आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की॥आनद से बोलो सब जय हो बृज लाल की।
हाथी घोड़ा पालकी, जय कन्हैया लाल की॥जय हो बृज लाल की,पावन प्रतिपाल की।
गोकुल में आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की॥कोटि ब्रह्माण्ड के अधिपति लाल की।
नन्द के आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की॥गौ चरने आये, जय हो पशुपाल की।
नन्द के आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की॥आनंद उमंग भयो, जय हो नन्द लाल की।
नन्द के आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की॥बृज में आनंद भयो, जय यशोदा लाल की।
नन्द के आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की॥जय हो नंदलाल की, जय यशोदा लाल की।
हाथी घोडा पालकी, जय कन्हैया लाल की॥आनंद उमंग भयो, जय हो नन्द लाल की।
हाथी घोडा पालकी, जय कन्हैया लाल की॥बृज में आनंद भयो, जय यशोदा लाल की।
नन्द के आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की॥जय हो नंदलाल की, जय यशोदा लाल की।
नन्द के आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की॥आनंद उमंग भयो, जय हो नन्द लाल की।
नन्द के आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की॥बृज में आनंद भयो, जय यशोदा लाल की।
नन्द के आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की॥
