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बॉलीवुड के इन 5 गानों को सुनकर आप भी कहेंगे गोविंदा आला रे..

  कृष्ण की शरारतों के कारण उन्हें नटखट नंदकिशोर भी कहते हैं। उनकी शरारतें मन को मोह लेने वाली होती है। जन्माष्टमी का उत्सव हर साल अपने साथ ढेरों खुशियां लेकर आता है। हर तरफ बस कान्हा..कान्हा ही सुनाई देता है। बॉलीवुड में भी हमेशा से इस उत्सव को खूब धूम-धाम से मनाया जाता है। […]

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श्रीकृष्ण जन्माष्टमी: इस उपवास की महिमा है अपरम्पार

भगवान श्री कृष्ण जगत के पालनहार हैं। उनका नाम लेते ही मनुष्य के चौरासी चक्र के बंधन से मुक्त हो जाता है। जो व्यक्ति जन्माष्टमी के व्रत को करता है, वह ऐश्वर्य और मुक्ति को प्राप्त करता है। आयु, कीर्ति, यश, लाभ, पुत्र व पौत्र को प्राप्त कर इसी जन्म में सभी प्रकार के सुखों को भोग कर अंत में मोक्ष को प्राप्त करता है। जो मनुष्य भक्तिभाव से श्रीकृष्ण की कथा को सुनते हैं, उनके समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं। वे उत्तम गति को प्राप्त करते हैं।

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नन्द के आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की….

  श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की धूम श्रीकृष्ण युगों से भक्तों की आस्था के केंद्र रहे हैं। वे कभी यशोदा मैया के लाल होते हैं तो कभी ब्रज के नटखट कान्हा। कभी गोपियों का चैन चुराते छलिया दिखते हैं तो कभी अर्जुन को गीता का ज्ञान देते हुए नजर आते हैं। श्रीकृष्ण के रूप अनेक हैं और […]

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किसी उत्सव से कम नहीं है वृंदावन की कृष्ण जन्माष्टमी

यद्यपि श्रीकृष्ण जन्माष्टमी समस्त विश्व में अत्यंत धूमधाम के साथ मनाई जाती है परंतु ब्रज में इस पावन पर्व पर जो वात्सल्यमय वातावरण दिखाई देता है, उसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती। यहां हरेक घर में ऐसा उत्साह व ऐसी खुशी दिखाई देती है मानो उसमें घर के सबसे छोटे व लाडले शिशु का जन्मोत्सव मनाया जा रहा हो।

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नटखट कान्हा का जन्म महोत्सवः श्रीकृष्ण जन्माष्टमी

श्रीकृष्ण भारत ही नहीं बल्कि दुनिया के अनेक देशों में युगों-युगों से आस्था के केंद्र रहे हैं। वे कभी यशोदा मैया के लाल होते हैं तो कभी ब्रज के नटखट कान्हा। कभी गोपियों का चैन चुराते छलिया दिखते हैं तो कभी अर्जुन को गीता का ज्ञान देते नजर आते हैं। श्रीकृष्ण के रूप अनेक हैं और वह हर रूप में संपूर्ण हैं।

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क्यों मनाते हैं दीवाली?

दीवाली भारत के विशेष त्योहारों में से एक है जिसे बड़े ही धूमधाम एवं हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। अधिकतर लोग इसका नाता श्रीराम चंद्र जी के वनवास से अयोध्या लौटने की खुशी के साथ जोड़ते हैं जबकि दीवाली मनाने के पीछे इसके अलावा कई अन्य कारण व अनेक मान्यताएं भी हैं।

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