• जो अपने रिश्ते में ईमानदारी नहीं रखते, जैसे किसी दूसरे की शादीशुदा जिंदगी को तोड़ने की कोशिश करना और दूसरे के पति या पत्नी पर बुरी नजर रखना यह भी पाप की श्रेणी में आता है।
  • दूसरों के धन पर अपनी बुरी नज़र रखना, पैसों की हेराफेरी करना और किसी का धन लूटना भी पाप की श्रेणी में आता है।
  • अगर आपने भले ही अपने कार्य से किसी का बुरा नहीं किया हो, लेकिन किसी के लिए बुरा बोलना भी  पाप के समान है।
  • भगवान उन्हें ही पसंद नहीं करते हैं, जो किसी के सम्मान को हानि पहुंचने की नीयत से झूठ बोलते हैं और यही लोग पाप के भागीदारी बनते हैं।
  • शिव पुराण के अनुसार माना जाता है कि आप किसी का बुरा नहीं चाहने के बावजूद भी उसके लिए बुरी सोच रखते हैं, यह भी पाप के श्रेणी में आता है 
  • किसी गर्भवती महिला को कड़वा कहना या फिर अपनी बातों से उसका दिल दुखाना यह अक्षम्य अपराध और पाप के बराबर है। 
  • किसी निर्दोष व्यक्ति को कष्ट देना, उसे नुकसान पहुंचाना और उसके लिए बाधाएं पैदा करना भी पाप के बराबर है।

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