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जीव-जंतुओं और चाय के बग़ानो के लिए प्रसिद्ध स्थल

समुद्र तल से तक़रीबन दो मीटर की ऊँचाई पर स्थित यह पूरी दुनिया में अपनी प्रकृतिक सुंदरता, विभिन्न तरह के जीव-जंतुओं और चाय के बग़ानो के लिए जाना जाता है।

Darjeeling Tourism: दार्जिलिंग का नाम ज़ेहन में आते ही एक ख़ूबसूरत जगह का ख़्याल मन में उतर आता है। यह पश्चिम बंगाल राज्य के उत्तर में स्थित एक बहुत ही खुबसूरत हिल्स स्टेशन है। समुद्र तल से तक़रीबन दो मीटर की ऊँचाई पर स्थित यह पूरी दुनिया में अपनी प्रकृतिक सुंदरता, विभिन्न तरह के जीव-जंतुओं और चाय के बग़ानो के लिए जाना जाता है। पूर्वी हिमालय की तलहटी में होने के नाते दार्जिलिंग की ख़ूबसूरती और भी ज़्यादा बढ़ जाती है। दार्जिलिंग की बांग्लादेश, भूटान और नेपाल के साथ जुड़ी हुई सीमाएं इसकी सशक्त भौगोलिक स्थिति को ज़ाहिर करती हैं। 

दार्जिलिंग का इतिहास 

Darjeeling Tourism
Darjeeling History

दार्जलिंग का इतिहास वैसे तो ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा अधिग्रहण के बाद से लोगों के ज़ेहन में आया पर यह इससे पहले सिक्किम राज्य के एक हिस्से के तौर पर जाना जाता था। इससे भी थोड़ा पीछे जाकर देखें तो यह नेपाल का एक अभिन्न अंग था। परंतु 1829 में अपनी सीमाओं को लेकर नेपाल और सिक्किम के बीच विवाद शुरू होने लगा। तत्कालीन गवर्नर जनरल के तौर पर लॉर्ड विलियम बेंटिक ने इस समस्या को सुलझाने की कोशिश की। इस प्रक्रिया के दौरान दार्जिलिंग में एक प्रमुख चौकी का निर्माण और चाय की खेती के लिए अनुकूल पाया। ब्रिटिश अधिकारियों की आवाजाही शुरू हुई और इसकी सुन्दरता को ख़ूब सराहा गया। जिसकी वजह से दार्जिलिंग एक लोकप्रिय पर्यटक स्थल बनता चला गया।

दार्जिलिंग के पर्यटक स्थल 

Darjeeling Places
Darjeeling Places

दार्जिलिंग पूरी तरह से पर्यटन के अनुकूल है और पूरी दुनिया में अपने पर्यटन सम्बंधित गतिविधियों के लिए जाना जाता है। इस जगह पहुँचकर आपको विभिन्न बौद्ध मठों, हिमालय की ख़ूबसूरत चोटियों का दीदार होगा। चाय के ख़ूबसूरत बाग़ान और बेहद ही मनमोहक वादियाँ देखने को मिलेगी। सुंदरता इतनी की आपका मन इसकी तरफ़ आकर्षित हुए बग़ैर रह ही नहीं सकता है। इस लेख के माध्यम से हम दार्जिलिंग के दर्शनीय पर्यटक स्थल और घूमने की की पूरी जानकारी देने वाले हैं ताकि आपकी यात्रा सुखद और आरामदायक बन सके। 

दार्जिलिंग का टाइगर हिल

Darjeeling Hill Station
Darjeeling Hill Station

दार्जलिंग की घूमने वाली जगहों में सबसे पहला नाम टाइगर हिल का आता है। समुद्र तल से ताक्रिबन 2590 मीटर की ऊँचाई पर स्थित यह जगह दार्जिलिंग से लगभग 12 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। टाइगर हिल पर पर्यटक शाम के समय उस जगह पर जाकर डूबते हुए सूरज को देखना पसंद करते हैं। इस जगह से कंचनजंगा का बहुत ही सुंदर और खूबसूरत नजारा देखने को मिलता है। टाइगर हिल की इससे भी दिलचस्प जगह घूम का शिखर और बर्फ से ढंकी रहने वाली पहाड़ियां है। यह अपने यहाँ आने वाले पर्यटकों के मन को पूरी तरह से मोह लेती हैं। 

दर्शनीय स्थल बतासिया लूप

Batasia Loop
Batasia Loop

दार्जिलिंग की प्रकृतिक ख़ूबसूरती का कोई जवाब नहीं है। इस वक़्त इसकी ख़ूबसूरती को देखने और समझने के लिए सबसे अच्छा विकल्प बतासिया लूप है। बतासिया लूप देश के सबसे सुरम्य ट्रेन मार्गों में आता है, जोकि प्राकृतिक रूप से एक हरा-भरा ट्रेन मार्ग है। इस मार्ग को बनाने का उद्देश्य रेलवे की ऊंचाई को कम करना है। इस जगह की प्राकृतिक सुंदरता इतनी अद्भुत है कि किसी भी पर्यटक का मन मोह ले। दार्जिलिंग से तक़रीबन 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित इस जगह के निर्माण का उद्देश्य पर्यटकों की पहुंच को आसान बनाना है, इस जगह से कंचन जंगा की ख़ूबसूरती और बर्फीली पहाड़ियों का नजारा बहुत ही अच्छी तरह से देखा जा सकता है।

दार्जिलिंग घूमने के लिए रोपवे 

रोपवे 

दार्जिलिंग पूरी दुनिया में सबसे मनोरम हिल स्टेशन के रूप में जाना जाता है। इस जगह की ख़ूबसूरती का दीदार करने के लिए ही इस जगह पर दुनिया के कोने-कोने से लोग आते हैं। इस जगह पर ख़ूबसूरत वादियों से लेकर चाय के बाग़ानों तक के नज़ारे मन को मोहते जान पड़ते हैं। ऐसे में दार्जिलिंग घूमने के लिए रोपवे का होना पर्यटकों के लुत्फ़ को कई गुना बढ़ा देता है। रोपवे से घूमते हुए इस जगह का समूचा दृश्य दिखाई देता है जोकि काफ़ी मनमोहक और सुखद होता है। इसलिए, आप जब भी दार्जिलिंग की यात्रा पर जाए, इस मनभावन दृश्य को देखना और रोपवे का आनंद लेना बिल्कुल भी नहीं भूले।

हिमालय पर्वतारोहण संस्थान 

Himalayan Mountaineering Institute
Himalayan Mountaineering Institute

दार्जिलिंग में स्थित हिमालयन पर्वतारोहण संस्थान देश भर में लोकप्रिय है। यह पूरी दुनिया के उम्दा और सर्वश्रेष्ठ पर्वतारोहण संस्थानों में से एक है। 1954 में स्थापित इस संस्थान का उद्देश्य पर्वतारोहण जैसी गतिविधियों में लोगों के हित और रूचि को प्रोत्साहित करना था। जिसने इस काम में अपनी भरपूर भूमिका निभाई और अपनी नई पहचान बनाई। वर्तमान में इस जगह पर दुनिया भर से पर्वतारोही अपने कौशल को निखारने के लिए इस संस्थान में आते और इसका भरपूर लाभ उठाते हैं।

नाइटेंगल पार्क 

नाइटेंगल पार्क 

दार्जिलिंग में स्थित नाइटेंगल पार्क को सार्वजनिक पार्क के रूप में जाना जाता है। ब्रिटिश शासनकाल के समय इसे सर थॉमस टार्टन जोकि एक अंग्रेज़ अधिकारी थे, उनके बंगले के एक निजी आंगन के तौर पर उपयोग किया जाता था जिसका नाम ‘द श्रॉबरी’ था। नाइटेंगल पार्क को एक लम्बे समय के बाद नवीकरण करने के बाद वर्ष 2011 में पर्यटन सम्बंधित गतिविधियों के लिए उपयोग में लिया गया। इस जगह पर अब पर्यटको की भीड़ रहती है और लोग यहां से कंचनजंघा के भव्य दृश्यों को देखने के लिए आते हैं। 

सिंगालीला राष्ट्रीय उद्यान 

Singalila National Park
Singalila National Park

दार्जिलिंग का प्रसिद्ध सिंगालीला राष्ट्रीय उद्यान के बारे में हम सभी जानते हैं। समुद्र तल से तक़रीबन 7000 फीट की ऊंचाई पर स्थित यह उद्यान अपनी पर्यटन से सम्बंधित गतिविधियों के लिए जाना जाता है। इस जगह पर लोग दार्जिलिंग की प्राकृतिक सुंदरता और जैव विविधता को देखने के लिए आते हैं। इस जगह पर आकर आपको कुंवारी रोडोडेंड्रॉन वन देख सकते हैं। यह पूरी घाटी एक अल्पाइन घाटी के तौर पर जानी जाती है। यह तरह तरह के जानवरों और अपने यहाँ पाए जाने वाले ऑर्किड की दुर्लभ प्रजातियों के लिए जाना जाता है। सिंगालीला राष्ट्रीय उद्यान में आप दुर्लभ हो चुका विदेशी लाल पांडा और हिमालय के काले भालू को भी देख सकते हैं।

पदमाजा नायडू हिमालयन जूलॉजिकल पार्क

हिमालयन जूलॉजिकल पार्क
हिमालयन जूलॉजिकल पार्क

दार्जिलिंग के पदमाजा नायडू जूलॉजिकल पार्क को सैलानियों के बीच एक खूबसूरत चिड़ियाघर के तौर पर जाना जाता है। इस जगह पर जानवरों की अच्छी-ख़ासी और घनी आबादी रहती है, जिसकी वजह से इसे सभी प्रकार के जानवरों का स्वर्ग कहा जाता है। इस पार्क में आपको ऐनिमल लवर्ज़ और प्रकृति के प्रति उत्साही लोगों की भीड़ देखने को मिलेगी। इस जगह पर हिम तेंदुआ और लाल पांडाओं के लिए प्रजनन केंद्र भी बनाया गया है। इस जगह पर आप एशियाई काले भालू, तेंदुए, भौंकने वाले हिरण, नीले और पीले रंग के मैकॉ, लेडी एमहर्स्ट, हिमालयन वुल्फ, तेंदुए बिल्ली, तीतर, लाल जंगल फाउल और हिमालयी मोनाल भी पाए जाते हैं।