तीन दिन में तमिलनाडु राज्य में स्थित महाबलीपुरम घूमने की पूरी जानकारी: 3-Day Mahabalipuram Itinerary
3 Day Mahabalipuram Itinerary

महाबलीपुरम की सबसे ख़ास बात

एक तटीय शहर होने के नाते इस जगह पर आपको एक बहुत बड़ा और ख़ूबसूरत समुद्री किनारा देखने को मिलता है। साथ ही साथ यह नगर अपने प्राचीन मंदिरों, चट्टानों को काटकर बनाई गई मूर्तियों आदि के लिए भी जाना जाता है।

Mahabalipuram Itinerary: महाबलीपुरम तमिलनाडु ही नहीं बल्कि हमारे देश के सबसे प्रमुख और लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में गिना जाता है। इस  जगह को पर्यटन के साथ- साथ अपने प्राकृतिक वातावरण और जैव विविधता के लिए जाना जाता है। इस जगह पर घूमने और देखने के लिए काफ़ी कुछ है। एक तटीय शहर होने के नाते इस जगह पर आपको एक बहुत बड़ा और ख़ूबसूरत समुद्री किनारा देखने को मिलता है। साथ ही साथ यह नगर अपने प्राचीन मंदिरों, चट्टानों को काटकर बनाई गई मूर्तियों आदि के लिए भी जाना जाता है। यह यात्रियों के लिए एक सुंदर और उत्कृष्ट गंतव्य है। एक ना एक बार आपको इस जगह पर ज़रूर आना चाहिए। ऐसे तो यह जगह काफ़ी बड़ी और विविधतापूर्ण है लेकिन इस लेख के माध्यम से हम आपको यह बताने वाले हैं कि महज़ 3 दिन में महाबलीपुरम कैसे घूम सकते हैं। 

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Mahabalipuram Itinerary
First day in Mahabalipuram

तट मंदिर – यूनेस्को विश्व धरोहर में शामिल तट मंदिर को महाबलीपुरम के प्रमुख पर्यटन स्थलों में गिना जाता है। जिसकी वजह से इस जगह पर आने वाले सैलानियों के बीच यह मंदिर काफी पॉप्युलर है। इस जगह पर आकर लोग इस जगह के इतिहास और वास्तुकला को समझने का प्रयास करते हैं। आठवीं शताब्दी ईस्वी में बना यह मंदिर पल्लव वास्तुकला का एक शानदार नमूना है। यह मंदिर भगवान शिव और भगवान विष्णु को समर्पित है। यह मंदिर दक्षिण भारत के सबसे पुराने संरचनात्मक पत्थर के बने मंदिरों में से एक है। इस जगह पर लोग घूमने के साथ साथ अपनी धार्मिक आस्था को प्रकट करने के लिए आते हैं। 

पंच रथ – पंच रथ को लोग पाँच रथ मंदिर के रूप में भी जानते हैं। यह तमिलनाडु के सबसे प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों में गिना जाता है। एक ख़ूबसूरत मंदिर एक ही चट्टान से बने पांच अखंड मंदिरों का एक समूह है। इस समूह का प्रत्येक मंदिर एक अलग देवता को समर्पित किया है। इस मंदिर को द्रविड़ वास्तुकला का एक ख़ूबसूरत नमूना बताया जाता है। मंदिरों पर बहुत ही खूबसूरती के साथ नक्काशी की गई है। इसकी दीवालों पर पौराणिक दृश्यों को दर्शाती हुई कई जटिल मूर्तियां बनाई गई हैं। इस जगह कला और इतिहास प्रेमियों के लिए काफ़ी महत्व की है। 

कृष्ण की मक्खन गेंद – कृष्ण की मक्खन गेंद वैसे तो एक बहुत बड़ी चट्टान है। इस चट्टान की सबसे ख़ास बात यह है कि ये गुरुत्वाकर्षण के बल को चुनौती देती है। यह भारी भरकम चट्टान बिना लुढ़के एक ढलान पर खड़ी है। जिसकी वजह से महाबलीपुरम घूमने आने वाले के लिए यह एक बहुत बड़ा आकर्षण का केंद्र रहता है। महाबलीपुरम में आने वाला हर सैलानी इस जगह पर आता ही आता है। इस चट्टान की विडीओग्राफी और फोटोग्राफी करता है। इस चट्टान से स्थानीय स्तर पर कई लोककथायें भी जुड़ी हुई हैं। जिसकी वजह से इसे कृष्ण भगवान की चंचलता के रूप में देखा जाता है।

Second Day
Second day in Mahabalipuram

वराह गुफा मंदिर – वराह गुफा मंदिर महाबलीपुरम का एक बहुत ही दर्शनीय मंदिर है। जिसके बारे में बहुत कम लोगों को पता है। यह एक सुंदर सी पहाड़ी की गुफा में स्थित है। भगवान विष्णु को समर्पित इस मंदिर के बारे में बहुत ही कम लोगों को पता है। जिसकी वजह से इस जगह पर भीड़भाड़ नहीं रहती और बहुत कम लोगों का आना होता है। इस मंदिर को 7वीं शताब्दी ईस्वी में बनाया गया था। वर्तमान में लोग इस मंदिर की सुंदर नक्काशी, मूर्तियों और शिलालेखों को देखने के लिए आते हैं और पल्लव वास्तुकला के इस अद्भुत नमूने को देखकर हैरान रह जाते हैं। 

महिषामर्दिनी गुफा – महिषामर्दिनी गुफा मंदिर महाबलीपुरम के सबसे ख़ास दर्शनीय स्थलों में गिना जाता है। यह मंदिर देवी दुर्गा को समर्पित है और एक सुंदर सी चट्टान को काटकर बनाया गया है। यह मंदिर एक बहुत ही ख़ूबसूरत सी पहाड़ी पर स्थित है जिसकी वजह से आसपास का नज़ारा बहुत ही मनभावन होता है। यह मंदिर अपनी नक्काशी और स्थानीय रूप से प्रचलित कहानियों को दर्शाने वाली मूर्तियों के लिए जाना जाता है। इस जगह पर आकर ऐसा लगता है कि हम किसी और ही समय में चले गए हैं। इस जगह पर मौजूद सभी मूर्तियाँ बहुत ही ख़ूबसूरत और जीवंत दिखाई देती हैं। यह एक बहुत ही सुंदर जगह है। आपको अपनी यात्रा के दौरान इस जगह पर ज़रूर आना चाहिए। 

Mahabalipuram
Day 3 in Mahabalipuram

बाघ की गुफा – टाइगर की गुफा महाबलीपुरम की एक लोकप्रिय जगहों में से एक है जोकि शहर के बाहरी इलाके में स्थित है। इस गुफा को एक बड़ी सी चट्टान को काटकर मंदिर का स्वरूप दिया गयाहै। माँ दुर्गा को समर्पित यह मंदिर है अपनी सुंदर नक्काशी के लिए जाना जाता है। इस जगह पर कई सुंदर मूर्तियाँ लगी हुई हैं। यह हरियाली से भारी हुई एक बहुत ही शांतिपूर्ण जगह है। इस जगह पर आकर लोग ध्यान और विश्राम करना पसंद करते हैं। जिसकी वजह से सैलानी इस जगह पर आना पसंद करते हैं आपको भी इस जगह पर आना चाहिए। 

महाबलीपुरम समुद्र तट – महाबलीपुरम का समुद्री किनारा भी बहुत ही ख़ूबसूरत है। इस जगह पर आकर आप बंगाल की खाड़ी के मनभावन दृश्य देख सकते हैं। यह तट अपनी सुनहरी रेत, शांत लहरों और सूर्यास्त के मनमोहक दृश्यों के लिए जाना जाता है। यह जगह सैर सपाटे और तैराकी के लिए भी काफी उपयुक्त है। महाबलीपुरम प्राकृतिक सुंदरता का मज़ा लेने के लिए एक बहुत ही प्यारी और उपयुक्त जगह है। जीवन का आनंद लेने के लिए इस जगह पर देश दुनिया भर से लोग आते हैं। आपको भी इस जगह पर आना चाहिए। 

महाबलीपुरम की सबसे ख़ास बात यह कि इस जगह पर इतिहास, संस्कृति और प्राकृतिक सुंदरता के साथ साथ वह सबकुछ है जो एक सैलानी को चाहिए। यह सब महाबलीपुरम के कुछ पर्यटन स्थल और आकर्षण हैं। इसके अलावा, इस जगह पर अर्जुन की तपस्या, गंगा का अवतरण और मूर्तिकला संग्रहालय भी स्थित है। इस तरह से आप दो से तीन दिन की एक बहुत ही ख़ूबसूरत ट्रिप प्लान कर सकते हैं। इस जगह पर आपको रहने और खाने पीने के लिए आपको हर तरह के होटल और रेस्त्रा मिल जायेंगे।