Chaitra 2025 Festival: होली के रंगों की मस्ती खत्म नहीं होती कि चैत्र मास अपने संग नए उल्लास और भक्ति की लहरें लेकर आता है। इस बार होली के अगले दिन धुलेंडी के साथ चैत्र मास की शुरुआत होगी और फिर एक-के-बाद-एक त्योहारों का सिलसिला चलता रहेगा। यह महीना सिर्फ रंगों का नहीं, बल्कि भक्ति, परंपरा और त्योहारों का संगम भी है। गुड़ी पड़वा से सृष्टि के आरंभ का उत्सव, गणगौर में सुहागिनों की श्रद्धा और रामनवमी में प्रभु श्रीराम का जन्मोत्सव, हर दिन खास होगा। इस माह के खास पर्वों और उनकी तिथियों पर नज़र डालते हैं:
चैत्र मास के प्रमुख व्रत एवं त्योहार
16 मार्च – भाई दूज (चैत्र कृष्ण द्वितीया)
भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक यह दिन रक्षा बंधन की तरह ही खास होता है, जब बहनें अपने भाइयों के मंगल जीवन की कामना करती हैं।
19 मार्च – रंगपंचमी
होली के पांच दिन बाद रंगपंचमी आती है, जब रंगों से खेलकर खुशियां बांटी जाती हैं।
21 मार्च – शीतला सप्तमी
इस दिन माता शीतला की पूजा की जाती है और घरों में ठंडा भोजन करने की परंपरा होती है। इसे छोटी बसौड़ा भी कहते हैं।
22 मार्च – शीतला अष्टमी
जो लोग सप्तमी पर व्रत नहीं कर पाते, वे अष्टमी के दिन माता शीतला की आराधना करते हैं।
24 मार्च – दशा माता व्रत
परिवार की सुख-समृद्धि के लिए महिलाएं इस दिन व्रत रखती हैं और विशेष पूजन करती हैं।
25 मार्च – पापमोचनी एकादशी
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन व्रत रखने से समस्त पापों से मुक्ति मिलती है।
29 मार्च – शनिश्चरी अमावस्या
शनि देव की कृपा पाने और शनि दोष से मुक्ति के लिए यह दिन बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है।
30 मार्च – गुड़ी पड़वा (चैत्र शुक्ल प्रतिपदा)
यही वह पावन दिन है जब सृष्टि का आरंभ हुआ था। महाराष्ट्र में इसे खास तौर पर मनाया जाता है और इस दिन घरों में गुड़ी यानी विजय ध्वज स्थापित की जाती है।
1 अप्रैल – गणगौर तीज
राजस्थान और उत्तर भारत में विशेष रूप से मनाया जाने वाला यह पर्व सौभाग्य और अखंड सुहाग की कामना का प्रतीक है।
6 अप्रैल – रामनवमी
भगवान श्रीराम के जन्मोत्सव का यह पावन दिन राम भक्तों के लिए सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन मंदिरों में भजन-कीर्तन और झांकियां निकाली जाती हैं।
12 अप्रैल – हनुमान जयंती (चैत्र पूर्णिमा)
हनुमान जी के जन्मदिवस पर मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना होती है, और भक्तजन बजरंग बली की आराधना कर बल व बुद्धि की प्राप्ति की कामना करते हैं।
चैत्र मास का विशेष महत्व
चैत्र मास न केवल हिंदू नववर्ष की शुरुआत का प्रतीक है, बल्कि इसे सृष्टि के आरंभ का महीना भी माना जाता है। इसी माह में वासंती नवरात्रि भी आती है, जब मां दुर्गा की उपासना होती है। धर्म, आस्था और रंगों से सजा यह महीना हर किसी के लिए कुछ न कुछ खास लेकर आता है। इस चैत्र मास में उल्लास, भक्ति और परंपराओं का अद्भुत संगम मनाने की तैयारी कर लीजिए।
