औषधीय पौधे बीमारियों को दूर करके हमारे शरीर को निरोग बनाते हैं।
औषधीय पौधे हमारे यहाँ आयुर्वेद के जरूरी हिस्सा हैं, जिसका इस्तेमाल हमारे ऋषि मुनि सदियों से रोगों के उपचार करने के लिए करते रहे हैं। वर्तमान में भी इनकी बहुत ज़्यादा उपयोगिता है।
Ayurvedic Herbs Plant: कुछ औषधीय पौधे ऐसे होते हैं जो सारी बीमारियों को दूर करके हमारे शरीर को निरोग बनाते हैं। ये औषधीय पौधे हमारे यहाँ आयुर्वेद के जरूरी हिस्सा हैं, जिसका इस्तेमाल हमारे ऋषि मुनि सदियों से रोगों के उपचार करने के लिए करते रहे हैं। वर्तमान में भी इनकी बहुत ज़्यादा उपयोगिता है। इस तरह के हर्बल उपचार में हमारे शारीरिक और मानसिक रोगों को ठीक करने की असीम क्षमता होती है। इनके इन्हीं आयुर्वेदिक गुणों के कारण ही लोग आजकल अपने घरों में इन पौधों को लगाने पर जोर दे रहे हैं। लेकिन औषधी से भरपूर सभी पौधे आपके लिए फायदेमंद साबित ही होंगे, ये जरूरी नहीं है। इन सबकी अपनी अपनी उपयोगिता के साथ-साथ साइड इफेक्ट्स भी हो सकते हैं।
किसी भी बीमारी के लिए एक सही पौधा चुनना ऐसे व्यक्ति के लिए काफी मुश्किल है, जो बिना दवा के ठीक होना चाहता है। इसीलिए सबसे प्रभावी और चिकित्सीय पौधों के बारे में सही जानकारी का होना बहुत ही ज़रूरी हो जाता है। बिना सही जानकारी के इनका उपयोग फ़ायदे की जगह नुक़सानदेह भी हो सकता है।
लैवेंडर

लैवेंडर का पौधा अमूनन हमारे हर भारतीय घर में मिल जाएगा। कई शोध बताते हैं कि डेंटल प्रॉब्लम से पीडि़त लोगों के लिए लैवेंडर बहुत असरदार साबित होता है। एक इंटरनेशनल जर्नल ऑफ न्यूरोसाइंस में छपी शोध यह भी बताती है कि यह पौधा हमारे मूड को बहुत ज़्यादा प्रभावित करता है। लैवेंडर में एंटी इंफ्लेमेट्री गुण पाए जाते हैं जिसकी वजह से यह अक्सर अरोमाथैरेपी आदि में इस्तेमाल किया जाता है। लैवेंडर को लगाने पर त्वचा में हल्की जलन महसूस हो सकती है, ऐसे में घबराने अथवा परेशान होने की ज़रूरत नहीं। इसे हमेशा पतला करके लगाएँ अन्यथा हार्मोन में उतार-चढ़ाव जैसी समस्या उत्पन्न हो सकती है।
कैमोमाइल

कैमोमाइल औषधीय गुणों से भरपूर एक बहुत ही उपयोगी पौधा है। इस पौधे में बहुत अच्छी मात्रा में एंटी एंजाइटी गुण पाए जाते हैं जिसकी वजह से इसकी उपयोगिता बहुत ज़्यादा बाधा जाती है। एक औषधि के रूप में इसका इस्तेमाल काफ़ी प्रभावी और सुरक्षित है। कैमोमाइल का इस्तेमाल ज्यादातर लोग एक टी फ्लेवर के तौर पर करते हैं। लेकिन इसे आप तरल पदार्थ, कैप्सूल या फिर टैबलेट के रूप में भी ले सकते हैं। एक स्टडी यह भी बताती है कि एन्जाइटी डिसऑर्डर का इलाज करने में यह बहुत ही कारगर साबित हो रहा है। लेकिन कभी-कभी यह एलर्जी के लिए भी जिम्मेदार होता है, इसलिए बिना विशेषज्ञ की सलाह के इसके इस्तेमाल से बचे।
अलसी

यह एक बहुत ही उपयोगी पौधा है। जिसका हमारे डाइयट में कई तरह से प्रयोग होता है। यह हमारे शरीर को स्वस्थ और निरोगी बनाता है। यह इतना उपयोगी है कि कई लोग इसे अपने डाइट सप्लीमेंट के तौर पर लेते हैं। अलसी के कोई साइड इफ़ेक्ट नहीं हैं, यह एक सुरक्षित विकल्पों में से एक है। शोध में पाया गया है कि अलसी में कुछ ऐसे भी गुण गोते हैं जो ब्लड प्रेशर और मोटापे को कम कर सकते हैं। अलसी सेवन करने का सबसे अच्छा तरीका इसे अपने खानपान में शामिल करना है। इसका उपयोग इसके बीज अथवा तेल के रूप में आप कर सकते हैं। कुछ लोग इसे अनाज या सलाद पर छिड़कर खाते हैं तो कई लोग सलाद में अलसी का तेल मिलाकर।
टी-ट्री ऑयल

टीट्री औषधीय गुणों से भरपूर एक बहुत ही उपयोगी पौधा है। यह हमारे खानपान में एक तेल के तौर पर उपयोग में लाया जाता है। यह ऑयल विशेष रूप से एथलीट फुट, छोटे घाव, कीड़े के काटने और ख़राब त्वचा को सही करने में सहायक होता है। एक अध्ययन में यह भी पाया गया है कि टी ट्री ऑयल मुहांसे आदि पैदा की समस्या को दूर करने में भी सक्षम है। जिसकी वजह से इसका महत्व बढ़ जाता है और यह ज़्यादातर असेंसिशल ऑयल के रूप में उपयोग किया जाता है। टी ट्री ऑयल का उपयोग हमारे हार्मोन को भी प्रभावित कर सकता है। इसलिए बिना किसी डॉक्टर की सलाह के इसका उपयोग नहीं करें।
अंगूर के बीज का अर्क

अंगूर का पौधा कई तरह से हमारे लिए उपयोगी होता है। यह फल के तौर पर हमारे डाइट में उपयोग होता है। यह हमारे शरीर को स्वस्थ बनाता है। साथ ही साथ अंगूर के बीज का अर्क जो होता है, वह पूरी तरह से औषधीय गुणों से भरा हुआ है। इसका इस्तेमाल मेडिकल में गोलियों और कैप्सूल के रूप में किया जाता रहा है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट की उपस्थिति होती है जो बैड कोलेस्ट्रॉल को कम करता है। इस में पैरों की नसों में खराब ब्लड सकुर्लेशन के लक्षणों को कम करने की भी क्षमता होती है। एक शोध में यह तक पाया गया है कि अंगूर के बीज के अर्क के नियमित सेवन से कैंसर सेल्स को विकसित होने से रोका जा सकता है।
हल्दी का पौधा

हल्दी का हमारे लिए बहुत ही बहुआयमी उपयोग है। यह प्राचीनकाल से ही अपने औषधीय गुणों के लिए जानी जाती है। यह एक बहुत ही उपयोगी और शानदार जड़ी-बूटी है। हल्दी को हम अपने खाने में इस्तेमाल करते हैं। ऐसा कहा जाता है कि भारत में उत्पन्न होने वाली हल्दी में एंटी कैंसर गुण होते हैं। जिसकी वजह से यह डीएनए म्यूटेशन को रोकने में सहायक होते हैं। एंटीइंफ्लेमेट्री गुण के कारण इसे एक सप्लीमेंट के रूप में भी लिया जाता है। गठिया आदि रोगों के लिए यह बहुत फायदेमंद है। एक शोध के अनुसार, हल्दी कई तरह के त्वचा रोग और जॉइंट अर्थराइटिस को ठीक करने में बहुत ही सहायक है। सप्लीमेंट के रूप में हल्दी का ज्यादा इस्तेमाल करने से बचे क्योंकि इसका लम्बे समय तक उपयोग नुकसानदायक भी हो सकता है।
तुलसी का पौधा

यह अपने औषधीय गुणों के करना सदियों से इस्तेमाल किया जा रहा है। तुलसी का पौधा कई तरह की बीमारियों को ठीक करके हमारे शरीर को निरोग बनाता है। यह हमारे आसपास के वातावरण को शुद्ध करता है। साथ ही, इस पौधे के अन्य कई सारे स्वास्थ्य लाभ हैं। यह एंटी-बैक्टीरियल के साथ-साथ कफ आदि को दूर करने में सहायक होता है। तुलसी से सर्दी-खांसी को दूर करने में भी मदद मिलती है।
तुलसी में विटामिन-सी होता है, कैल्शियम और मिनरल्स होते हैं, साथ ही साथ इसमें एंटी-ऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेंटरी गुण पाए जाते हैं, जो सेहत के लिए अच्छे होते हैं। चाय बनाते वक़्त उबलते पानी में तुलसी के थोड़े से पत्ते डालें। फिर इसे चाय के रूप में पिएं।