Alternative to Plastic: आमतौर पर हम रोजमर्रा के कामों के लिए बजट फ्रेंडली चीजें तलाशते हैं, जिनमें प्लास्टिक भी शामिल है। लोग इसे प्रयोग करने के इतने आदी हो चुके हैं कि उन्होंने कभी इसके अन्य विकल्प और स्वास्थ्य पर पड़ने वाले दूरगामी परिणामों के बारे में सोचा ही नहीं। आज हम आपको सिंगल यूज प्लास्टिक से जुड़े उन सभी सवालों के जवाब सहित उसके विकल्प बताने वाले हैं।
अकसर महिलाएं घर के किचन में रखी सब्जियों से लेकर बाजार से आने वाला राशन और आम जरूरत की चीजें तक पॉलीथिन में रखती हैं। क्योंकि वह प्लास्टिक की पतली सी पॉलीथिन कभी पति और बच्चों के टिफिन पैक करने में काम आती है तो कभी गृहणियां उस पॉलीथिन में घर का कूड़ा करकट समेटकर भर देती हैं। तभी तो वे इसे घर में इकठ्ठा कर लेती हैं और जरूरत पड़ने पर प्रयोग में लाती हैं। अगर आप भी इन आदतों को सालों से अपना रही हैं तो आज ही आपको अपनी यह आदत छोड़नी होगी क्योंकि अब यह सिंगल यूज प्लास्टिक पूरी तरह से बैन कर दी गई है। यानी अब इसे बनाने वाले और इस्तेमाल में लाने वाले, दोनों के लिए ही इस तरह की प्लास्टिक मुसीबत खड़ी कर सकती है।
सिंगल यूज प्लास्टिक में केवल पॉलीथिन शामिल नहीं है बल्कि कई और वस्तुएं भी इसमें शामिल हैं। कई बार फूड आर्डर करते समय आने वाली प्लास्टिक की कटलरी जैसे- गिलास, चम्मच, फोक और प्लेट भी साथ में आती हैं। वहीं विशेष मौकों पर और मेहमानों को दी जाने वाली मिठाई को पैक करने वाली पन्नी, इनविटेशन कार्ड पर लगाई जाने वाली प्लास्टिक की पन्नी, बच्चों को लुभाने के लिए खरीदी जाने वाले गुब्बारों, आइसक्रीम और कैंडी की डंडी ये सभी सिंगल यूज प्लास्टिक के कुछ सामान्य उदाहरण हैं।
सिंगल यूज प्लास्टिक से जुड़े सवालों के जवाब
अब जब सिंगल यूज प्लास्टिक पर बैन लग गया है तो इससे कुछ परेशानियां तो होंगी ही क्योंकि अपनी आदतों को एक दम से बदल देना हर किसी के बस की बात नहीं। अब आपके मन में भी कई तरह के सवाल होंगे कि भला सिंगल यूज प्लास्टिक में कौन सी वस्तुएं शामिल हैं और अगर उस पर बैन लग गया है तो उसके विकल्प क्या हैं? तो चलिए घर की महिलाओं को हम बताते हैं सिंगल यूज प्लास्टिक से जुड़ी कुछ अहम जानकारियां और गृहणियां कैसे इनके अन्य विकल्पों को ढूंढ कर अपनी परेशानी को हल कर सकती हैं।
क्या है सिंगल यूज प्लास्टिक?

सिंगल यूज प्लास्टिक ऐसी प्लास्टिक होती है जिन्हें केवल एक ही बार के प्रयोग के बाद फेंक दिया जाता है। ये सभी यूज एंड थ्रो श्रेणी में आने वाली प्लास्टिक है। इस तरह की ऐसी कुल 19 प्लास्टिक की वस्तुएं हैं जैसे-
- पोलीस्टाइरीन (थर्मोकोल)
- प्लास्टिक कैरी बैग (75 माइक्रोन से कम मोटाई वाले)
- प्लास्टिक के झंडे
- सिगरेट के पैकेट
- मिठाई के डिब्बे पैक करने वाली पन्नी
- निमंत्रण कार्ड पर लगाई जाने वाली पन्नी
- प्लास्टिक के प्लेट
- प्लास्टिक के कप
- प्लास्टिक के गिलास
- लास्टिक के कांटे
- प्लास्टिक के चम्मच
- प्लास्टिक के चाकू
- प्लास्टिक के ट्रे
- आइसक्रीम स्टिक
- गुब्बारे की स्टिक
- प्लास्टिक स्टिक वाले ईयर बड्स कैंडी स्टिक
- 100 माइक्रोन से कम के सजावट के लिए प्रयोग में आने वाली पॉलिस्ट्रीन 100 माइक्रोन से कम के बैनर
सिंगल यूज प्लास्टिक के बुरे प्रभाव

सिंगल यूज प्लास्टिक हमारे पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने के साथ-साथ घर-परिवार के सदस्यों की सेहत के लिए बहुत हानिकारक हो सकती है। यह किस तरह हमें बीमार बना रही है इसका तो हम अंदाजा भी नहीं लगा सकते हैं क्योंकि हम सिंगल यूज प्लास्टिक प्रयोग में लाने के इतने आदी हो चुके हैं। एक शोध के अनुसार इसके प्रयोग से न जाने कितनी ही बार खाने के रास्ते रासायनिक और जहरीले केमिकल हम घर-परिवार के लोगों और खुद के शरीर तक पहुंचा देते हैं। इससे पेट से जुड़ी छोटी समस्याओं से लेकर गंभीर बीमारी जैसे- कैंसर तक का खतरा बन सकता है।
नियमों का पालन न करने के भारी परिणाम

- अगर कोई भी इन वस्तुओं का इस्तेमाल करता है, तो उसे जुर्माना या जेल या फिर दोनों ही सजा हो सकती है। इसमें 7 साल तक की जेल और 1 लाख रुपये तक का जुर्माना लग सकता है।
- यदि घरों में से सिंगल यूज प्लास्टिक का कचरा निकलता है तो उस पर 500 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा।
भारत समेत इन देशों ने किया बैन
प्रदूषण पूरे विश्व के लिए एक बड़ा खतरा बनता नजर आ रहा है क्योंकि इसका सीधा संबंध जलवायु पर पड़ता है। प्लास्टिक भी इसी प्रदूषण का एक हिस्सा है जिसे न तो डिकम्पोज किया जा सकता है और न ही जलाया जा सकता है क्योंकि इसे जलाने से निकलने वाले जहरीले रसायन पर्यावरण के लिए बहुत बड़ा खतरा हैं। सयुंक्त राष्ट्र के अनुसार विश्व के 80 देश ऐसे हैं जहां पूर्ण या आंशिक रूप से सिंगल यूज प्लास्टिक पर बैन है। अफ्रीका में जहां एक तरफ यह पूरी तरह से बैन है तो वहीं यूरोप में इसके इस्तेमाल पर भारी टैक्स लगाया गया है।
सिंगल यूज प्लास्टिक के क्या है विकल्प?

- अगर आप बाहर खरीदारी के लिए जा रहे हैं तो अपने साथ एक कपड़े का या जूट का थैला लेकर जाएं, जिसमें आप सामान जैसे- सब्जियां और राशन का सामान रख सकें। कपड़े के थैले आप घर के प्रयोग में न आने वाले कपड़ों से भी सिल सकते हैं।
- खाने-पीने की शौकीन हैं तो माॢकट जाते समय अपने बैग में छोटी प्लेट, चम्मच और कटोरी रख सकते हैं।
- सिंगल यूज प्लास्टिक के विकल्प के रूप में कागज, जूट, कांच की वस्तुएं प्रयोग में अधिक लाएं। कोशिश करें कि स्टील के बर्तन और कागज से निर्मित थैले को ही अपने रोजमर्रा के कामों में इस्तेमाल करने की आदत डालें।
- घर का कूड़ा-करकट समेटने के लिए आप मोटे कागज से बने थैले प्रयोग में लाएं। आप घर के वेस्ट कागज से भी बना सकते हैं।
आज ही लें स्वयं को और परिवार की सुरक्षा का प्रण
हमने ऊपर सिंगल यूज प्लास्टिक के कुछ विकल्प सुझाएं हैं, जो कुछ हद तक आपकी आदतों को बदल सकते हैं बस चाहिए तो आपकी ओर से एक पहल। हम बजट फ्रेंडली होने के चक्कर में कई बार आसान विकल्प की तलाश करते हैं पर आपका हमारा यह प्रण और छोटा सा इनिशिएटिव भावी पीढ़ी का जीवन सरल बनाएगी। तो चलिए सभी गृहणियां स्वयं को और अपने परिवार को सुरक्षित करने के लिए आज ही सिंगल यूज प्लास्टिक प्रयोग में न लाने का प्रण लें।
