अजमेर शरीफ दरगाह यात्रा

संत मुइन-उद-दीन चिश्ती की दरगाह

अपनी धार्मिक परंपराओं और संस्कृतिक महत्व को ज़ाहिर करता यह शहर संत मुइन-उद-दीन चिश्ती की दरगाह शरीफ के लिए सबसे ज़्यादा प्रसिद्ध है।

Ajmer Sharif Dargah: लोकप्रिय पर्यटक स्थलों में गिना जाने वाला अजमेर एक ख़ूबसूरत जगह है। अरावली पर्वतमाला से घिरा हुआ यह शहर अपने यहाँ आने वाले सैलानियों को काफ़ी आकर्षित करता है। अपनी धार्मिक परंपराओं और संस्कृतिक महत्व को ज़ाहिर करता यह शहर संत मुइन-उद-दीन चिश्ती की दरगाह शरीफ के लिए सबसे ज़्यादा प्रसिद्ध है। यह एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल होने के साथ साथ सदियों से चली आ रही लोकाचार और शिल्प कौशल कला में पारंगत के लिए भी जाना जाता है। इस जगह पर दुनिया भर से श्रद्धालु और पर्यटक आते और अपनी आस्था को ज़ाहिर करते हैं।

इस शहर को अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए भी जाना जाता है। इस जगह के आसपास की पहाड़ियाँ काफ़ी सुंदर हैं और ख़ूबसूरत परिदृश्य उत्पन्न करती हैं। इस जगह पर लगने वाला उर्स त्यौहार संत मोइनुद्दीन चिश्ती की पुण्यतिथि के उपलक्ष्य में आयोजित किया जाता है। जिसमें देश दुनिया से हिंदु धर्म और मुस्लिम धर्म के अनुयाइयों की भीड़ जमा हो जाती है, यह उनके लिए एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है। अजमेर और इसके आसपास भी काफ़ी कुछ है, इस जगह पर यदि आप आते हैं तो इन जगहों को देखने के लिए ज़रूर जाना चाहिए। 

अजमेर के प्रमुख पर्यटन स्थल 

अजमेर राजस्थान का एक लोकप्रिय पर्यटक स्थल है। यह विभिन्न पर्यटक और दर्शनीय स्थलों से भरा हुआ हैं। यदि आप अजमेर घूमने का विचार बना रहे हैं तो अजमेर के इन प्रमुख पर्यटन स्थलों की जानकारी आपकी यात्रा को काफ़ी आसान और आरामदायक बना देगी। 

अजमेर शरीफ की मजार

अजमेर शरीफ की मजार राजस्थान ही नहीं बल्कि हमारे देश भारत का एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है। यह  मोईन-उद-दीन चिश्ती का मकबरा नैतिक और आध्यात्मिक मूल्यों को जनता के बीच फैलाने के साथ साथ उन्हें मानवता का संदेह देता है। जिसकी वजह से इस्लाम के साथ साथ हर धर्म के अनुयायियों के लिए एक पवित्र स्थान माना जाता है। यह अपने यहाँ आने वाले पर्यटकों को आध्यात्मिकता के प्रति एक सहज भाव प्रकट करता है। सूफी संत ख्वाजा मोइन-उद-दीन चिश्ती एक महान सूफी संत थे, उन्होंने अपना पूरा जीवन मानवता के उत्थान के लिए समर्पित कर दिया था। इसका निर्माण मुगल शासकों के द्वारा कराया गया था। इसलिए इसमें मुगल वास्तुकला की झलक देखने को मिलती है।

अजमेर में आनासागर झील 

अजमेर में स्थित अनासागर एक लुभावनी मानव निर्मित झील है, जिसको कृतिम तौर पर बनाया गया है। यह साल भर भारी रहने वाली झील गर्मियों के मौसम में सूख जाती है परंतु इस जगह से सूर्यास्त का नजारा बहुत ही ख़ूबसूरत होता है, साथ ही जब इस दौरान सूर्य की किरणे झील के जल में पड़ती हैं तो यह खिलखिला उठती है। इस झील के नज़द्दिक कई मंदिर भी बनाए गए हैं जो झील को और भी ज़ायद आकर्षक बनाने का काम करते जान पड़ते हैं। इस झील का निर्माण अंबाजी तोमर के शासन काल में हुआ था, जो राजा पृथ्वी राज चौहान के दादा थे। झील का नाम भी उन्हीं के नाम पर रखा गया है।

अजमेर का अढ़ाई दिन का झोपड़ा 

अढ़ाई दिन का झोपड़ा अजमेर में स्थित इंडो-इस्लामिक वास्तुकला को दर्शाती एक मस्जिद है। इस को बनवाने का श्रेय दिल्ली के पहले सुल्तान कुतुब-उद-दीन-ऐबक को जाता है। इस झोपड़े के बारे में कहा जाता है कि इस साइट का निर्माण ढाई दिनों में किया गया था और यहीं से इसका नाम अढ़ाई दिन का झोपड़ा पड़ गया। इस जगह पर अजमेर घूमने वाले पर्यटक आते हैं हालाकि इस जगह पर स्थित अधिकांश प्राचीन मंदिर खंडहरों में तब्दील हो चुके हैं। इस जगह पर आकर मीनारों और कुछ सुंदर स्तंभों को देख सकते हैं।

अकबर का महल और संग्रहालय 

अकबर का महल और संग्रहालय अजमेर में घूमने लायक एक ख़ूबसूरत जगह है। शहर के बीचोंबीच स्थित इस महल का निर्माण 1500 ए डी में करवाया गया था। इस जगह का नाम अकबर महल पड़ने के पीछे की कहानी यह है कि इस जगह पर कभी अकबर और उसके सैनिक रुके थे। इस जगह पर स्थित संग्रहालय में तमाम पुराने सैन्य हथियारों और तमाम उत्कृष्ट मूर्तियों को चित्रित किया गया है। इस संग्रहालय में राजपूत और मुगल शैली से जुड़े जीवन के तमाम पहलुओं को प्रदर्शित किया गया है। 

नारेली का जैन मंदिर 

नारेली जैन मंदिर अजमेर से लगभग 7 किलोमीटर की दूरी पर स्थित एक लोकप्रिय स्थल है। यह सुंदर संगमरमर से बना मंदिर कोणीय और हड़ताली जैसी आकर्षक डिजाइन के लिए जाना जाता है। यह खूबसूरत मंदिर देश विदेश से आए पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करने कामयाब रहा है। इस जगह के शांत वातावरण में लोग अपना एकांत तलाशने के लिए आते हैं। इस मंदिर में बाहर से आए पर्यटकों की भीड़ लगी रहती है। इस जगह पर आकर लोग अपनी आस्था और श्रद्धा भाव को ज़ाहिर करते हैं। 

क्लॉक टावर अजमेर 

अजमेर में अलवर के चर्च रोड पर स्थित क्लॉक टॉवर को प्राचीन राजपूत शासन काल में बनवाया गया था। इसे आज भी एक शाही मोहरा के तौर पर देखा जाता है। यह क्लॉक टॉवर काफ़ी पुराना है और देखने वाले को उस ऐतिहासिक काल की याद दिलाता है जो समय के साथ साथ गुज़र गया। इस जगह से अजमेर और इसके आसपास के इलाके का दृश्य देखा जा सकट है। यदि आप अजमेर आने का विचार बना रहे हैं तो क्लॉक टावर जरूर देखे।

दुर्गाबाग़ गार्डन अजमेर 

दौलत बाग राजसी अना सागर झील के तट पर स्थित दुर्गाबाग गार्डन अजमेर का एक बहुत ही आकर्षक उद्यान है। इस गार्डन में शिमला की एक ख़ूबसूरत रमणीय पृष्ठभूमि दिखाई देती है, जिसे महाराजा मंगल सिंह द्वारा तैयार करवाया गया था। दौलत बाग के परिसर में बना संगमरमर का मंडप इस बगीचे का प्रमुख आकर्षण माना जाता है। इस गार्डेन में आने पर सुंदर खिले हुए फूल, ऊंचे पेड़ और शांत हवा मन को मोहित कर देती है।

सोनी जी की नसियां 

सोनी जी की नसियां जिसे लाल मंदिर के नाम से भी जाना जाता है अजमेर का प्रमुख दर्शनीय स्थल है। यह जैन धर्म के पहले तीर्थकर को समर्पित एक जैन मंदिर है। इस मंदिर का मुख्य आकर्षण मुख्य कक्ष है जिसे स्वर्ण नगरी के नाम से भी जाना जाता है। इस मंदिर में सोने की लकड़ी की कई ख़ूबसूरत आकृतियां बनी हुई हैं जोकि जैन धर्म की तमाम आकृतियों को दर्शाती जान पड़ती हैं। इस मंदिर में आने जाने वालों की मंदिर में आने वाले पर्यटकों की लम्बी कतार लगी रहती हैं।

तारागढ़ किला बूंदी 

अजमेर में घूमने लायक जगहों में से एक तारागढ़ फोर्ट बूंदी का भी आता है। यह किला अजमेर शहर की एक प्रभावशाली संरचनाओं में गिना जाता है। जिसका निर्माण 1354 में किया गया था। बूंदी शहर की बात की जाए तो यह अरावली पर्वतमाला के नाग पहाड़ी में स्थित एक ख़ूबसूरत शहर हैं, जिसकी स्थापना राव देव द्वारा की गई थी। यह वर्तमान में अपने मनोरम दृश्य के लिए दुनिया भर में जाना जाता है। 

अजमेर कैसे पहुंचे 

भारत के पर्यटक स्थल अजमेर जाने के लिए आप हवाई मार्ग, ट्रेन और सड़क मार्ग में से किसी का भी चुनाव कर सकते है। यदि आप फ्लाइट से जाना चाहते हैं तो अजमेर शहर से लगभग 135 किलोमीटर दूरी जयपुर का सांगानेर हवाई अड्डा अजमेर का सबसे निकटतम हवाई अड्डा है। यदि आपने अजमेर जाने के लिए रेल मार्ग का चुनाव किया हैं, तो अजमेर जंक्शन रेलवे स्टेशन अजमेर में ही है। यदि आपने अजमेर जाने के लिए बस का चुनाव किया है तो राजस्थान राज्य सड़क परिवहन निगम देश के सभी प्रमुख शहरों से अजमेर को जोड़ने के लिए डीलक्स और सेमी-डीलक्स बसें नियमित रूप से चलाता है। 

संजय शेफर्ड एक लेखक और घुमक्कड़ हैं, जिनका जन्म उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में हुआ। पढ़ाई-लिखाई दिल्ली और मुंबई में हुई। 2016 से परस्पर घूम और लिख रहे हैं। वर्तमान में स्वतंत्र रूप से लेखन एवं टोयटा, महेन्द्रा एडवेंचर और पर्यटन मंत्रालय...

Leave a comment