modern parenting tips
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Child Development Hacks: आजकल की पैरेंटिंग पहले जैसी नहीं है, ना वह जमाना रहा और ना ही बच्चे वैसे हैं, जिन्हें पुराने तरीके से गाइड किया जाए। आजकल के बच्चों को डांट कर सीधा कर देना इतना आसान नहीं है। आजकल के बच्चे काफी स्मार्ट हैं। वह अपने मन में आने वाले सवाल को पूछते हैं। काफी एक्सप्लोर करना चाहते हैं और हर चीज के पीछे का लॉजिक उन्हें जानना होता है। ऐसे में हमें अपने पुराने तरीके को छोड़कर थोड़े मॉडर्न और समझदारी वाले तरीकों को अपनाना होगा। पैरेंटिंग का मतलब सिर्फ बच्चों को खाना खिलाना, स्कूल भेजना या उनका होमवर्क करवाना नहीं है।

बच्चों की मेंटल हेल्थ, सोशल बिहेवियर, इमोशनल इंटेलिजेंस और टैलेंट डेवलपमेंट का भी ध्यान रखना जरूरी है। इन सबके लिए सबसे जरूरी है अपने बच्चों से दोस्ती करना वरना बच्चा धीरे-धीरे आपसे दूरी महसूस करने लगेगा और बाद में हम यह समझ ही नहीं पाते कि हमसे कहां पर गड़बड़ी हो गई। आइए जानते हैं ऐसे पांच मॉडर्न पेरेंटिंग ट्रिक्स जो आपके बच्चों की तरक्की के लिए बहुत ही जरूरी है।

अगर आप बच्चों को बार-बार आर्डर देते हैं। जैसे यह मत करो, वह मत करो ऐसा बोलने से बच्चे बगावत की तरफ जाते हैं। आजकल के बच्चे चाहते हैं कि उनके हर चॉइस को सुना जाए। जैसे- अगर आप बच्चे को कहें कि पढ़ाई शुरू कर दो। शायद वह इस बात को टाल देंगे लेकिन अगर आप उनसे पूछो कि पहले खाना खाओगे या होमवर्क करोगे तो उन्हें लगता है जैसे उनकी बात को माना जा रहा है और उनकी सहमति भी ली जा रही है। इस तरीके के ऑप्शन देने से बच्चे अपना डिसीजन लेना सीखते हैं और जिम्मेदारी को भी समझते हैं। 

हम अक्सर यह सोचते हैं कि अगर अपने बच्चों के सामने उसकी तारीफ करेंगे तो वह सिर पर चढ़ जाएंगे लेकिन सच बात तो यह है कि बच्चों को जब उनकी छोटी-छोटी कोशिशों के लिए अप्रिशिएट किया जाता है। सराहा जाता है तो उनके अंदर कॉन्फिडेंस आता है। चाहे उसने एक लाइन ही अच्छी लिखी है या कोई छोटा सा काम अच्छा कर लिया हो बस उनसे यह कह लेना कि वह आज तो तुमने बहुत अच्छा काम कर दिया। इससे बच्चा आगे और भी अच्छा करने की कोशिश करता है। 

आजकल के पैरेंट्स मोबाइल, इंटरनेट इत्यादि को देखकर काफी घबरा जाते हैं। पैरेंट्स अक्सर बच्चों को इन चीजों से दूर रखना चाहते हैं लेकिन कोई भी बच्चा आज के टाइम पर पूरी तरह से दूर नहीं रह सकता क्योंकि स्कूल, कॉलेज हर जगह पर अब टेक्नोलॉजी का सहारा लिया जा रहा है। इसलिए बेहतर होगा कि पैरेंट्स खुद भी टेक्नोलॉजी को समझें और बच्चों को उसका सही इस्तेमाल करना सिखाएं। एजुकेशनल एप्स, डाक्यूमेंट्री, कोडिंग गेम्स इत्यादि बच्चों को सिखाएं और सही मतलब बताएं। हां बस आपको टाइम लिमिट तय कर देना चाहिए लेकिन पूरी तरह आप टेक्नोलॉजी से बच्चे को दूर न रखें। 

आजकल के बच्चे सब कुछ जानना चाहते हैं। स्कूल, सोशल मीडिया और दोस्तों से उन्हें हर तरीके की बातें पता चलती हैं लेकिन ऐसी कई बातें हैं जिसे बच्चों का घर पर करना गलत माना जाता है लेकिन पैरेंट्स को यह ध्यान रखना होगा कि कहीं बच्चे गलत जगह से गलत जानकारी तो नहीं ले रहे। सेक्स एजुकेशन से लेकर स्ट्रेस और डिप्रेशन तक की बातें, हर टॉपिक पर बच्चों से खुलकर बात करें, जिससे उन्हें यह फील हो कि उन्हें सही जानकारी अपने पेरेंट्स से मिल सकती है।

प्रतिमा 'गृहलक्ष्मी’ टीम में लेखक के रूप में अपनी सेवाएं दे रही हैं। डिजिटल मीडिया में 10 सालों से अधिक का अनुभव है, जिसने 2013 में काशी विद्यापीठ, वाराणसी से MJMC (मास्टर ऑफ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन) की डिग्री प्राप्त की। बीते वर्षों...