संघर्ष के बाद मिली सफलता

इनकी दिलचस्पी कॉलेज के दिनों से ही सामाजिक कार्य में थी। उनका कहना है कि
काफी संघर्षों के बाद जैसे-जैसे इशान्या के लाभार्थियों को सफलता मिली, तो दाखिलों की संख्या अपने-आप बढ़ती गई। अपने परिवार और दोस्तों की लगातार मदद से समाज की बेहतरी में योगदान देने से फाउंडेशन को पुणे के सम्मानित एनजीओ बनने में मदद मिली।

प्रोत्साहित करना सबसे बड़ी चुनौती
शुरूआत में हमारे सामने कई चुनौतियां थीं, जैसे लाभार्थियों का चयन करना, उन्हें वोकेशनल कोर्स में दाखिला लेने की खातिर प्रोत्साहित करना, आजीविका के फायदों के बारे में समझाना। लोगों को उनके आराम के दायरे से बाहर लाने और उनके मौजूदा कार्यों से हटाकर प्रशिक्षण के लिए प्रोत्साहित करना बड़ी चुनौती
थी।

सफलता का मंत्र सकारात्मक सोच
चुनौतियों और असफलताओं के बावजूद कड़ी मेहनत करना और अपने सपनों एवं लक्ष्यों की पूर्ति के लिए पूरे विश्वास के साथ प्रयासरत रहना। दृढ़ता, गंभीरता और सकारात्मक सोच से सकारात्मक चीजें होती हैं।

सबसे बड़ी उपलब्धि लाभार्थी
मेरी सबसे बड़ी सफलता और उपलब्धि वे महिलाएं हैं, जिन्होंने इन प्रोग्रामों से लाभ लिया है। उनकी आंखों में उपलब्धि और आत्मविश्वास की चमक देखकर मुझे बहुत सुकून मिलता है। अब वे असीमित संभावनाओं से भरपूर अपने भविष्य को बेहतर बनाने में सशक्त हैं।