यार उसे देखो! कितना सही फिगर है..मैं इतनी मोटी क्यों हूं? उसके बाल कितने सिल्की है..और मेरे देखलो रफ..। वो इतनी खुश कैसे है? उसने गोल्ड की ज्वेलरी पहनी हुई है और मैनें आर्टिफीशियल, कितनी सही लाइफ है उसकी..वो इतने महंगे और ब्रांडेड कपड़े पहनी हुई है..और मेरे इतने सस्ते हैं…। यार मैं उसके जैसे क्यों नहीं हूं..?

कुछ ऐसी ही बाते आती हैं एक महिला के मन में जब वह खुद से ज्यादा किसी दूसरी स्त्री को बेहतर समझती है। पर बात यहां पर इन सवालों की नहीं है..बात यहां हो रही है कि आखिर यह सवाल मन में आता क्यों है और इन्हें आने से कैसे रोके?
वैसे तो हर महिला या लड़की अपने आप में ही खूबसूरत होती है लेकिन कहीं ना कहीं उनके अंदर आत्म सम्मान की कमी रह जाती है। ऐसा नहीं है कि वो पढ़ी लिखी नहीं होती या प्रतिभाशाली नहीं होती, वह वो सब काम कर सकती हैं जो वो औरत कर रही है जिससे वह अपनी तुलना करती हैं..लेकिन तब भी मन में यह ख्याल कई बार आता है मैं उसके जैसे क्यों नहीं..
आप उसके जैसी नहीं हैं क्योंकी आप वो नहीं हैं और वो आप नहीं है। यह बात जितनी आसानी से पढ़ ली गई है उसे समझना उतना ही मुश्किल है। तो इसे मैं आपको आसानी से बताती हूं।

दरअसल, हमारा दिमाग वही सोचता है जो हम चाहते हैं। अगर हम यह सोचेंगे कि सामने वाला व्यकित हमसे बेहतर दिखता है तो आप वैसा ही महसूस करेंगी और फिर आप जैसा महसूस करेंगी वैसा ही आपकी पर्सनेलिटी पर दिखेगा जिससे आप खराब नहीं भी लग रही होंगी तो लगते लगेंगी।
यह सारा खेल आपके विचारों का होता है। सामने वाले ने क्या पहना है? वो कैसा लग रहा है अगर इन सब चीजों से आपको फर्क पड़ रहा है तो आप में निश्चिंत ही आत्म सम्मान की कमी है। तो क्या हुआ अगर आप का वजन ज्यादा है? आप जैसी हैं वैसी ही अच्छी है..तो क्या हुआ अगर आपके पास ब्रैंडेड कपड़े नहीं है ? इंसान कपड़ो से नहीं अपने स्वभाव और व्यवहार से अच्छा बनता है।
आपके पास कुछ हो ना हो आत्मसम्मान होना बहुत जरूरी है। क्योंकी एक यही वो हथियार है जिससे आप किसी को भी कभी भी हरा सकती हैं। तो कोई कैसा भी हो नहीं पड़ना चाहिए आप पर असर..बस आत्म सम्मान रखने में मत छोड़िए कोई कसर…
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