अंधेरे का साया
Andhere ka Saya

Crime Story: दिल्ली की हलचल भरी गलियों में, जहां हर दिन नई कहानियां जन्म लेती हैं, एक कहानी ने पूरे शहर को हिला कर रख दिया। यह कहानी थी वकील आर्यन वर्मा और उसकी पत्नी निष्ठा के अजीबोगरीब मर्डर केस की।

आर्यन वर्मा का शव उसकी शानदार कोठी के स्टडी रूम में मिला। उसके गले पर रस्सी के निशान थे, और उसकी आंखों में डर साफ झलक रहा था। निष्ठा, जो उसी घर में मौजूद थी, लापता थी। पुलिस ने जब घर की जांच की, तो उन्हें निष्ठा के कमरे में खून के छींटे मिले।

आर्यन के स्टडी रूम से एक चिट्ठी बरामद हुई, जिसमें लिखा था:
“सच कभी न कभी सामने आता है।”
इस चिट्ठी ने पुलिस की परेशानी और बढ़ा दी।

केस की जिम्मेदारी इंस्पेक्टर विद्या शर्मा को सौंपी गई। विद्या अपनी तेज तर्रार बुद्धि और अपराधियों को उनकी सच्चाई सामने लाने के लिए जानी जाती थी।

विद्या ने आर्यन के दोस्तों, रिश्तेदारों और कर्मचारियों से पूछताछ शुरू की। पता चला कि आर्यन वर्मा एक ऐसा केस लड़ रहा था, जिसमें उसने एक बड़े बिज़नेसमैन, विजय मल्होत्रा, के खिलाफ सबूत पेश किए थे। विजय पर हत्या और मनी लॉन्ड्रिंग जैसे गंभीर आरोप थे।

विद्या को एक गुमनाम फोन कॉल आया। कॉल करने वाले ने दावा किया कि निष्ठा जिंदा है और उसने हत्या नहीं की। लेकिन कॉल करने वाले ने अपनी पहचान नहीं बताई।

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विद्या ने इस सुराग का पीछा किया और निष्ठा का मोबाइल ट्रैक किया। फोन का आखिरी लोकेशन दिल्ली के बाहरी इलाके में था। विद्या तुरंत अपनी टीम के साथ वहां पहुंची।

वहां एक पुरानी फैक्ट्री में निष्ठा बेहोशी की हालत में मिली। उसने होश में आने पर बताया कि विजय मल्होत्रा ने उसे और आर्यन को मारने की साजिश रची थी। उसने आर्यन को पहले जहर देने की कोशिश की, लेकिन जब वह विफल हुआ, तो उसने आर्यन का गला घोंट दिया। निष्ठा ने उसे रोकने की कोशिश की, लेकिन विजय के आदमियों ने उसे बेहोश कर दिया और वहां से ले गए।

निष्ठा के बयान और सबूतों के आधार पर विजय मल्होत्रा को गिरफ्तार कर लिया गया। विद्या की सूझबूझ और मेहनत ने इस केस को सुलझा दिया।

दिल्ली ने एक बार फिर न्याय का चेहरा देखा। लेकिन इस केस ने यह सवाल छोड़ा कि सत्ता और पैसे के लालच में लोग कितनी हद तक गिर सकते हैं। इंस्पेक्टर विद्या ने साबित कर दिया कि अंधेरे का साया कितना भी घना क्यों न हो, सच की रोशनी उसे मिटा देती है।


यह कहानी पूरी तरह से काल्पनिक है और किसी भी जीवित व्यक्ति या घटना से मेल खाना संयोग मात्र होगा।

मैं मधु गोयल हूं, मेरठ से हूं और बीते 30 वर्षों से लेखन के क्षेत्र में सक्रिय हूं। मैंने स्नातक की शिक्षा प्राप्त की है और हिंदी पत्रिकाओं व डिजिटल मीडिया में लंबे समय से स्वतंत्र लेखिका (Freelance Writer) के रूप में कार्य कर रही हूं। मेरा लेखन बच्चों,...