शराब का दुष्परिणाम-गृहलक्ष्मी की कहानियां: Hindi Kahaniya
Sarab ka Dusparinam

Hindi Kahaniya: नवीन और प्रवीण दो बहुत अच्छे मित्र आस पास रहते थे।दोनों एक दूसरे से अपनी बातें साझा किया करते थे।एक दिन दोनों मित्र बाज़ार से कुछ सामान लेकर लौट रहे थे।घर के पास पहुँच कर नवीन प्रवीण से बोला,मित्र दो मिनट रुको,मैं कुछ सामान रखकर आता हूँ।यह कहकर वह घर के बगल के पेड़ पर चढ़ गया,प्रवीण आश्चर्यचकित होकर उसके वापस आने पर पूछा,भाई वहाँ क्या छुपाकर आया है?वह बोला शराब छिपा कर आया हूँ क्योकि अगर यह तेरी भाभी मालिनी के हाथ लग गई तो मुझे एक बूँद भी नहीं मिलेगी,वह अकेली ही सारा पी जाएगी और नशे में टुन्न होकर सारा घर सिर पर उठा लेगी।घर में छुपाने पर वो पता नहीं कैसे सूँघ कर ढूँढ़ लेती है।
प्रवीण अचम्भित स्वर में बोला,भाई मालिनी भाभी और शराब!उन्हें तो इससे सख्त चिढ़ थी,तुम दोनों में इसी बात पर पहले झगड़ा भी होता था।
नवीन बेबसी में बोला,भाई सब मेरी मूर्खता भरी सोच का नतीजा है,
मेरे पीने पर उसकी लड़ाई से तंग आकर मैन सोचा कि अगर इसको भी साथ में पिलाने लगूँ तो ये विरोध नहों करेगी और घर में पीने पिलाने वाला साथी मिल जाएगा,मेरे प्यार,मनुहार और अपनी कसम देने पर वो धीरे-धीरे मेरे साथ पीने लगी।किन्तु अब वही भारी पड़ रहा है। वो मुझसे भी ज्यादा पियक्कड़ हो गई है।
अब तो सारी जमा-पूँजी भी खर्च हो गई है,उधार लेना पड़ रहा है,जिस दिन घर में शराब नहीं लाता, कलह होने लगती है।समझ में नहीं आ रहा क्या करूँ?नवीन भर्राई आवाज में बोला।
प्रवीण उसके कन्धे पर हाथ रखकर दिलासा देते हुए बोला,भाई कल ही भाभी के साथ पास के नशा मुक्ति केंद्र में भर्ती हो जाओ और दोनों इस लत से जल्दी से जल्दी छुटकारा पाने का प्रयास करो।
नवीन हिचकिचाते हुए बोला,मैं कैसे सबको बताऊँगा कि मेरी घरवाली शराब पीती है?मेरी इज्जत तो धूल में मिल जाएगी।
प्रवीण ने उसे समझाया,झूठी इज्जत और घुट-घुट कर जीने से बेहतर है,बुरी आदत से छुटकारा पाना।

नवीन ने सहमति में सिर हिलाया…

घर – परिवार , मान – मर्यादा,
भूल चला , लेने हाला,
धन – दौलत,शोहरत,सम्मान,
भावुक,पी जाता मधु प्याला…