raja bhoj aur vyapari
raja bhoj aur vyapari

Hindi Motivational Story: एक बार राजा भोज की सभा में एक व्यापारी आया। उसे देख राजा के मन में आया कि इससे सब कुछ छीन लेना चाहिए। पर बाद में राजा ने अपनी इस विचित्र सोच के बारे में मंत्री से पूछा तो उसने राजा से कहा ‘इसका सही जवाब कुछ दिन बाद दे पाऊंगा।’

मंत्री व्यापारी से मिला और पूछा, ‘तुम चिंतित क्यों हो? तुम तो मुनाफे वाला चंदन का व्यापार करते हो।’ व्यापारी बोला, ‘इस बार चंदन की बिक्री नहीं हो रही। नुकसान से बचने का कोई उपाय नहीं है।’ व्यापारी की बातें सुन मंत्री ने पूछा, ‘क्या अब कोई रास्ता नहीं बचा है?’ व्यापारी ने हँस कर कहा कि अगर राजा की मृत्यु हो जाए तो उनके दाह संस्कार के लिए सारा चंदन बिक सकता है। मंत्री को राजा को उत्तर देने की सामग्री मिल चुकी थी।

अगले दिन मंत्री ने व्यापारी से प्रतिदिन राजा का भोजन पकाने के लिए एक मन चंदन भिजवाने को कह दिया। व्यापारी ख़ुश हुआ। वह अब राजा की लंबी उम्र की कामना करने लगा। एक दिन राज सभा चल रही थी। राजा को फिर वह व्यापारी दिखाई दिया। राजा ने मंत्री को बुलाया और पूछा, ‘मंत्रीवर, मैंने तुमसे कुछ पूछा था, उसका उत्तर तुमने अभी तक नहीं दिया। खैर, आज मैं इस पर ख़ुश हो रहा हूँ और इसे इनाम देना चाहता हूँ, ऐसा क्यों? मंत्री को इसी क्षण की प्रतिक्षा था। उसने कहा, ‘महाराज, जब यह पहले आया था, तब चन्दन का ढेर बेचने के लिए आपकी मृत्यु के बारे में सोच रहा था। लेकिन अब यह रोज़ आपके भोजन के लिए एक मन लकड़ियाँ देता है, इसलिए आपके लंबे जीवन की कामना करता है। यही कारण है कि पहले आप इसे दंडित करना चाहते थे और अब इनाम। हम जैसा दूसरे के लिए मन में भाव रखे हैं, वैसा ही भाव दूसरों के मन में हमारे प्रति हो जाता है। इसलिए हमें दूसरों के प्रति हमेशा सकारात्मक भाव रखना चाहिए।

ये कहानी ‘नए दौर की प्रेरक कहानियाँ’ किताब से ली गई है, इसकी और कहानी पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर जाएंNaye Dore ki Prerak Kahaniyan(नए दौर की प्रेरक कहानियाँ)