मेरा दर्द-हाय मैं शर्म से लाल हुई: Mera Dard Funny Story Hindi
Mera Dard

Mera Dard Funny Story Hindi: बात उन दिनों की है जब मेरी  शादी हुई। मैं बहुत शांत और अकेला रहना पसंद करती थी, लेकिन शादी ऐसे घर में हुई जहां काफी लोग थे। दिन भर बच्चों की उछल कूद होती रहती। मुझे शोर बिल्कुल पसंद नही आता था। शाम होते होते मेरा सिर दर्द हो जाता था। जब संदीप, मेरे पति घर आते तो मेरे मुँह से ये  ही निकलता कि सिर दर्द हो गया आज तो। आप जल्दी से दवा दे दो और बेचारे अपना बैग रख कर  मुझे दवा देते थे। ये रोजाना की कहानी हो गई।

मेरे ससुर का कमरा पास ही था। तो बेचारे मुझे पूछने जरूर आ जाते और आराम  से सोने की नसीयत दे जाते। मेरा सिर दर्द वाकई ही मेरे लिए सिरदर्द बनता जा रहा था। अब तो कहने में भी शर्म आती थी। और मेरे ससुर मजाक में कहते थे बेटा आदत हो जायेगी शोर की, तो दर्द भी खत्म हो जायेगा।  मेरा भी नियम हो गया कि संदीप आयें तो दवा दें तब मैं ठीक होती थी।  मैं अपने आप कभी अपनी दवा नहीं लेती थी। संदीप इस बात से  परेशान नही होते थे, बल्कि आराम से दवा दे देते थे। एक दिन सब लोग बैठे थे हंसी मजाक चल रहा था। मैं भी बैठी थी, संदीप ने पूछा सिर दर्द तो नहीं हो रहा, मैने कहा नही, तो उन्होंने बड़ी ही मासूमियत से कहा कि अब दर्द हो तो बताना ,पूरे घड़े में ही  डिस्प्रिन की दस टेबलेट डाल दूंगा, पीती रहना। उनकी इस बात से सारा घर ठहाके लगा कर हँस पड़ा और मैं शर्म से लाल हो अपने कमरे की तरफ़ लपकी।