Manto story in hindi, manto ki kahani

Manto story in Hindi: ‘‘भाइयो, औरतों का मसला हमारा सबसे बड़ा मसला है। इसका हल हमें सबसे पहले सोचना है। अगर हम गाफिल रहे तो ये औरतें चकलों में चली जायेंगी। तुम्हारा फर्ज़ है कि तुम इनको इस खौफनाक भविष्य से बचाओ और अपने घरों में उनके लिए जगह पैदा करो। अपनी, अपने भाई की या अपने बेटे की शादी करने से पहले तुम्हें इन औरतों को हरगिज भूलना नहीं चाहिये।’’

कबीर फूट-फूटकर रोने लगा। तकरीर करने वाला रुक गया। कबीर की तरफ इशारा करके उसने बुलंद आवाज में हाज़रीन से कहा‒ ‘‘देखो, इस शख्स के दिल पर कितना असर हुआ है!’’

कबीर ने रुंधी हुई आवाज में कहा‒ ‘‘अल्फाज के बादशाह! तुम्हारी तकरीर ने मेरे दिल पर कुछ असर नहीं किया। मैंने जब सोचा कि किसी मालदार औरत सेे शादी करने की खातिर अभी तक कुंवारे बैठे हो तो मेरी आंखों में आंसू आ गये।’’

मुल्क का सबसे बड़ा नेता चल बसा तो चारों तरफ मातम-ही-मातम छा गया। अक्सर लोग बाजुओं पर सियाह बिल्ले बांधकर फिरने लगे। कबीर ने यह देखा तो उसकी आंखों में आंसू आ गये। सियाह बिल्ले वालों ने उससे पूछा‒ ‘‘क्या दुःख है?’’

कबीर ने जवाब दिया‒ ‘‘यह काले रंग की चंदियां अगर जमा कर ली जायें, तो सैकड़ों की सतरपोशी कर सकती हैं।’’

सियाह बिल्ले वालों ने कबीर को पीटना शुरू कर दिया- ‘‘तुम कम्युनिस्ट हो। पाकिस्तान के गद्दार हो।’’

कबीर हंस पड़ा‒ लेकिन दोस्तों! मेरे बाजू पर तो किसी रंग का बिल्ला नहीं!’’

कतारबद्ध फौजों के सामने जनरल ने तकरीर करते हुए कहा‒ ‘‘अनाज कम है, कोई परवाह नहीं। फसलें तबाह हो गई हैं, कोई फिक्र नहीं। हमारे सिपाही भूखे ही लड़ेंगे।’’

फौजियों ने ज़िंदाबाद के नारे लगाने शुरू कर दिये।

कबीर चिल्ला-चिल्लाकर रोने लगा। जनरल को गुस्सा आया चुनांचे वह पुकार उठा‒ ‘‘ऐ शख्स! बता सकता है, तू क्यों रोता है?’’

कबीर ने रोनी आवाज में कहा‒ ‘‘ऐ मेरे बहादुर! भूख से कौन लड़ेगा।’’

दो लाख आदमियों ने ‘कबीर मुर्दाबाद के नारे शुरू कर दिये।