Heart Touching Story: यह सत्य है कि दृष्टिकोण से ही सारा बदलाव आता है। किसी भी कंपनी या किसी भी व्यापार की उन्नति उसके कर्मचारियों की मेहनत और लग्न के साथ ईमानदारी पर निर्भर होती है। यह कोई मायने नहीं रखता कि आप कितने कर्मचारी अपने व्यापार की उन्नति के लिए रखते हो, मायने तो यह रखता है कि आप कितने अच्छे कर्मचारियों को चुनते हैं। एक अच्छा और ईमानदार कर्मचारी ही सफलता की गारंटी होता है।
इस पर एक कहानी है, जो अच्छे सकारात्मक और साधारण नकारात्मक कर्मचारी के बीच का फर्क समझाती है। जूते बनाने वाली एक ब्रिटिश कंपनी ने अपने दो सेल्समेन को अफ्रीका भेजा। उनकी इस यात्रा का मुख्य लक्ष्य नई मार्किट की छानबीन करना और आने के बाद मार्किट की पूरी जानकारी मुख्य कार्यालय में देना था। दोनों सेल्समैन अफ्रीका पहुंचे। उन्होंने अपनी अपनी समझ से रिपोर्ट तैयार कर ली तो वे वापिस ब्रिटेन आ गए।
पहला सेल्समैन एक खराब रिपोर्ट लेकर आया, जिसमें लिखा था वहां व्यापार की कोई संभावना नहीं है, क्योंकि वहां कोई जूते नहीं पहनता। दूसरा सेल्समैन अपनी कुछ अलग रिपोर्ट लेकर आया, जिसमें लिखा था, अफ्रीका में व्यापार करने की काफी संभावना है, क्योंकि वहां कोई जूते नहीं पहनता।
आप सोचेंगे कि दोनों ही सेल्समैन ने अपनी रिपोर्ट में एक ही बात कही है, जबकि ऐसा नहीं है। दोनों के वाक्य जरुर एक जैसे हैं, लेकिन दोनोंके लिखने का नज़रिया अलग-अलग है। इसलिए दोनों का अर्थ भी अलग-अलग है। जब आप यह कहानी पढ़ो तो ‘कोई और नहीं’ में खुद परिवर्तन कीजिए। ऐसा करने से आप दोनों परिस्थितियों को ठीक से समझ पाओगे, क्योंकि दोनों का परिस्थितियों को देखने, समझने और निष्कर्ष निकालने का नजरिया अलग-अलग है।
पहले सेल्समैन का मानना था कि चूंकि वहां कोई जूते नहीं पहनता, इसलिए वहां कंपनी जूता नहीं बेच सकती। जबकि दूसरे का मानना था कि चूंकि वहां अभी तक जूते पहनने का चलन नही है तो कंपनी वहां इसको बढ़ावा देकर अपने व्यापार को स्थापित कर सकती हैं यह एक सकारात्मक नजरिया था।
ये कहानी ‘दिल को छू लेने वाली कहानियाँ’ किताब से ली गई है, इसकी और कहानी पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर जाएं – Dil Ko Chhoo Lene Wali Kahaniyan (दिल को छू लेने वाली कहानियाँ)
