Water Weight: आपने कुछ खाया और खाते ही अचानक आपको महसूस होने लगा कि आपका वजन बढ़ गया है। आपको हेवी सा महसूस होने लगा। जबकि हम सब जानते हैं कि सिर्फ एक मील के बाद वजन का बढ़ना नामुमकिन है। इसे ब्लॉटिंग कहते हैं और खाने के बाद इस भारीपन वाली फीलिंग को वॉटर रिटेंशन।
हम सब जानते हैं कि हमारे लिए सही हाइड्रेशन जरूरी है लेकिन जरूरत से ज्यादा पानी पीना भी खतरनाक हो सकता है। ऐसे भोजन, जो बॉडी में वॉटर रिटेंशन को बढ़ाएं, ये भी समस्या पैदा कर सकते हैं। चिकित्सकीय तौर पर इसे “एडेमा” कहा जाता है। मोटापे की तरह वॉटर वेट कोई बड़ा मुद्दा नहीं है, लेकिन यह आपको डल और थकान महसूस करवा सकता है। हम महिलाओं को वॉटर रिटेंशन अनईजी महसूस कराता है, खासकर मेंस्ट्रूअल साइकल के दौरान।
पानी से क्यों बढ़ जाता है वजन?
हमारे बॉडी फंक्शन में 60 से 70 प्रतिशत 60-70% पानी व्याप्त है। पेशाब और पॉटी से पानी बाहर निकलता है लेकिन कुछ ऐसे फूड होते हैं जो वॉटर रिटेंशन की ओर ले जाते हैं क्योंकि उनमें कार्बोहाइड्रेट और सोडियम होते हैं। बॉडी में कार्बोहाइड्रेट और सोडियम ग्लाइकोजेन के रूप में एनर्जी के लिए रहते हैं। ये न्यूट्रिएन्ट्स शायद ही कभी आपके सेल लाइनिंग के बाहर मौजूद पानी को अतरिक्त करते हैं और “सूजन” का कारण बनते हैं। अब आप उस समय के बारे में सोचिए जब आपने फ्राइड फूड्स खाए थे, जिनमें सोडियम की मात्रा ज्यादा थी और फिर आपको ब्लॉटेड और हेवी महसूस हुआ था। हर व्यक्ति का वॉटर वेट अलग- अलग होता है लेकिन माना जाता है कि औसतन हर व्यक्ति में 2 से 5 किलो वॉटर वेट रहता है। वेट लॉस की प्रक्रिया में व्यक्ति सबसे पहले इन्हें ही लूज करता है। खासकर तब जब आप लो कार्बोहाइड्रेट डाइट लेना शुरू करते हैं। डाइटीशियन कहते हैं कि पहले हफ़्ते में आप जो वेट लॉस करते हैं, वे वॉटर कॉन्टेंट की वजह से होते हैं, जो आप कम कर रहे होते हैं।
कैसे कम होता है वॉटर वेट?
सबसे पहले तो यह जान और समझ लें कि वेट लॉस एक लंबी प्रक्रिया है और कोई भी ऐसी डाइट या फोड़ नहीं है, जो एक दिन में आपकी समस्या को कम कर दे। इसके लिए लंबा समय लगता अहि, साथ ही आपकी मेहनत भी! हां, लेकिन वॉटर वेट और ब्लॉटिंग की वजह से आए वेट को आप आसान तरीके से कम जरूर कर सकते हैं।
होल फूड्स का सेवन

कुछ अनाज, सब्जियों और फलों में फाइबर, विटामिन और पोटैशियम जैसे मिनरल प्रचुर मात्रा में होते हैं, जो बॉडी के फंक्शन को रेग्युलेट करते हैं और अतिरिक्त फ्लुइड बिल्ड- अप को रोकते हैं। पोटैशियम रिटेंशन को कम करता है, यह सब्जियों में मिलता है। यानी कि आपको प्लांट- बेस्ड डाइट की सहयता से ब्लॉटिंग से निजात मिल सकती है।
कम करें कार्बोहाइड्रेट
जंक फूड से परहेज करना जिस तरह से वेट लॉस करने के लिए कम है, वही फॉर्मूला वॉटर रिटेंशन से मुक्ति पाने का भी है। जंक फूड में बहुत सारे कार्बोहाइड्रेट, सोडियम और बहुत कम न्यूट्रिशन होता है। ये सब मिलकर डाइजेशन की ऐसी- तैसी कर देते हैं और वॉटर रिटेंशन, वजन बढ़ने और अन्य कई स्वश्टी संबंधी समस्याओं का कारण बनते हैं। ऐसे में जंक फूड कम कर देने से और एक हेल्दी डाइट लेने से आप अपनी बॉडी में हुए डैमेज को धीरे- धीरे ठीक कर सकते हैं।
अच्छे से एक्सरसाइज

यह कहने की जरूरत नहीं है कि अपने वेट को कंट्रोल करने के लिए एक्सरसाइज करना बहुत जरूरी है। पसीने के साथ पानी भी बाहर निकलता है, जिससे कम समय में वॉटर वेट कम होता है। कुछ रिसर्च यह भी कहते हैं कि एक्सरसाइज बॉडी को मसल्स में अच्छे से पानी ट्रांसफर करने देता है, जिसे अच्छे से रिकवर होने की जरूरत भी पड़ती है।
स्ट्रेस को बोलें बाय
दिनोंदिन बढ़ता स्ट्रेस लेवल बॉडी में कॉर्टिसोल लेवल को भी बढ़ाता है, जो फ्लुइड रिटेंशन और हार्मोन में असुंतलन उत्पन्न करता है। यह वॉटर बैलेंस- एंटी डाययूरेटिक हार्मोन या एडीएच को कंट्रोल करता है। स्ट्रेस लेवल की वजह से आप अपना कंफर्ट फूड खाना चाहते हैं, जो हेल्दी नहीं ही होता है।
वॉटर वेट जाने में कितना समय लगता है?
वॉटर वेट का जाना कई चीजों पर निर्भर करता है, आपकी बॉडी साइज, आपकी लाइफस्टाइल आदि। यदि आप अपनी लाइफ स्टाइल को बदलते हैं और अनुशासन में रहकर उसको फॉलो करते हैं तो आप एक या दो दिन में डेढ़ किलो तक लूज कर सकती हैं।
क्या ज्यादा पानी पीने से सोडियम बाहर हो जाएगा?
ज्यादा पानी पीना और यह सोचना कि अधिक वजन अपने आप कम हो जाएगा, कोई समाधान नहीं है। सोडियम को बाहर निकलने में समय लगता है, जो वॉटर रिटेंशन का कारण बनता है। आप अन्य उपाय ढूंढ सकते हैं, वर्क आउट कर सकते हैं, या होल ग्रेन खा सकते हैं, लेकिन आपकी बॉडी अपने समय के अनुसार ही काम करती है।
वॉटर रिटेंशन कम करने वाले फूड्स

गाजर : आपकी बॉडी से अतिरिक्त वॉटर वेट निकालने में गाजर मदद करता है। इसमें व्याप्त मैग्नीशियम और पोटैशियम वॉटर रिटेंशन से लड़ता है।
सेब : डाइजेशन के लिए सेब से बढ़िया कोई और फल नहीं है। इसमें फाइबर और पेक्टिन होता है। इसमें व्याप्त पोटैशियम आपकी बॉडी से एक्स्ट्रा वॉटर को कम करता है।
बादाम : इसमें ओमेगा 3 फैटी एसिड, विटामिन बी 6, मैग्नीशियम और पोटैशियम होता है, जो गट हेल्थ को सुधारता है और वॉटर वेट कम करता है।
केला : यदि आपको हेल्दी वेट मेंटेन करना है तो केले से बढ़िया कोई और फल नहीं है। इसमें पोटैशियम होता है, जो वॉटर वेट को कम करने के साथ ही बॉडी फैट को भी दूर रखता है।
आम : हमारी सोच के ठीक विपरीत आम में विटामिन सी, पोटैशियम और बी 6 होता है, जो वॉटर रिटेंशन से लड़ने में कारगर होते हों। आप इन्हें सलाद और स्मूदी के तौर पर खा सकते हैं।
भिन्डी : इसमें मैग्नीशियम और पोटैशियम होता है, ये दोनों बॉडी से अतिरिक्त पानी को बाहर निकालते हैं। लेकिन इनका सेवन अधिकता में नहीं करना चाहिए।
एप्रीकॉट : ये आपकी किडनी, दिल और पतले पेट के लिए जरूरी हैं। इनमें भी मैग्नीशियम और पोटैशियम होता है।
चेरी : इसमें पोटैशियम बहुत ज्यादा होता है, जो वुँत्र रिटेंशन से लड़ने में बॉडी की मदद करता है।
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