Uses of Thermometer: आजकल मौसम बदल रहा है। इस मौसम के बदलने की वजह से बहुत से लोग बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं। इस बदलते मौसम में एक आम चीज है बुखार। अगर बार-बार बुखार होता है तो अक्सर डॉक्टर आपको सुबह-शाम इसे चैक करने की सलाह देते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि कई बार हम जानकारी के आभाव में कुछ गलत तरीके से थर्मामीटर का इस्तेमाल करते हैं। आज हम इस लेख में जानेंगे कि बुखार चैक करते समय हमें किन गलतियों से बचना चाहिए।
यह भी देखे-डेंगू के बढ़ते मामलों के दौरान जरूर करें इन ड्रिंक्स को ट्राई: Dengue Diet
Uses of Thermometer:समय करें फिक्स

अगर आपको डॉक्टर यह सलाह देते हैं कि आपको दिन में दो बार या चार बार बुखार चैक करना है तो उसका एक टाइम फिक्स कर लें। ऐसा न हो कि जब भी मन किया दिन में चार बार आने बुखार चैक किया। कई बार डॉक्टर बुखार चैक कोई पैटर्न जानना चाहते हैं। अलग-अलग समय पर लेने वो पैटर्न सामने नहीं आ पाएगा। इसके अलावा बुखार चैक करने की जो ड्यूरेशन है वह भी सेम होनी चाहिए। जैसे कि अगर आपको दो बार बुखार मापना है तो दोनों के बीच में 12 घंटे का गैप होना चाहिए।
जुबान मत हिलाएं
पारे वाला थर्मामीटर हम सभी इस्तेमाल करते आ रहे हैं। हमने इसे इतना इस्तेमाल किया है कि हमें लगता है कि हमें इसके बारे में सब मालूम है। लेकिन आपको पता है थर्मामीटर को सिर्फ जुबान के नीचे रखना ही काफी नहीं होता। आप मुंह के अंदर ही जुबान को बार-बार हिलाएंगे डुलाएंगे तो आपकी बॉडी का तापमान ठीक नहीं आएगा। पांच मिनट के लिए जुबान को स्थिर रख बॉडी का टेम्प्रेचर लें। कई बार लोग समय का भी ध्यान नहीं रखते। वहीं अगर डिजिटल थर्मामीटर सै चैक कर रहे हैं तो इस बात का ध्यान रखें कि उसकी बैटरी दुरुस्त हो। उसे ऐसी जगह रखें जहां वह गिरे नहीं। इस बात पर भी ध्यान दें कि आपका मुंह पूरी तरह से बंद हों
ये चीज़ें न खाएं

आप याद रखें कि जब भी आपको बुखार मापना है उसके 20 मिनट पहले कुछ भी बहुत ठंडा या गर्म न खाएं। बहुत गर्म या ठंडा खाने से बॉडी के तापमान में फर्क आता ही है। इस वजह से रीडिंग सही नहीं आ पाती। इसके अलावा अगर आपने एसी कमरे में थर्मामीटर को रख रखा है और आप नॉन एसी कमरे में इसका इस्तेमाल कर रहे हैं तो थर्मामीटर को पंद्रह मिनट के लिए रुम टेम्प्रेचर पर आने दें।
साफ़ सफाई का रखें ध्यान
चाहें आप डिजिटल थर्मामीटर यूज करें या पारे वाला दोनों ही ही सफाई का ध्यान दें। कई बार डिजिटल थर्मामीटर के लेंस पर धूल, मिट्टी या गंदगी आ जाती है। जाहिर है कि गंदगी लगी होगी तो टेम्प्रेचर में फर्क आएगा ही। इसके अलावा अगर आप डिजिटल थर्मामीटर यूज कर रहे हैं तो बीप की आवाज खत्म होने के बाद ही थर्मामीटर निकालें। कई बार लोग बहुत जल्दबाजी करते हैं। हालांकि कि आपको लगेगा कि यह बहुत छोटी बातें हैं लेकिन कई बार इनकी वजह से बड़े नुकसान होते हैं। सेहत के मामले में सतर्कता बहुत जरुरी है।
