संडे हो या मंडे, रोज खाओ अंडे।
बच्चे जब Eggs खाने में ना-नुकुर करते हैं तो यह पंचलाइन बच्चों के सामने बार-बार दोहराई जाती है। अंडे स्वास्थ्य के लिए काफी हेल्दी होते हैं और डॉक्टर भी इसे रोज-रोज खाने की सलाह देते हैं। एक अंडा खाने से शरीर को लगभग 7 ग्राम प्रोटीन प्राप्त होता है जिसके कारण शरीर को दो अंडे खाने से ही जरूरी मात्रा में ऊर्जा मिल जाती है। इसके अलावा अंडे में कई सारे पोषक तत्व जैसे अनसैचुरेटेड फैटी एसिड, आयरन, एमिनो एसिड, फास्फोरस, विटामिन ए, बी 6, बी 12 और फोलेट व सेलेनियम होते हैं जो शरीर को हेल्दी बनाते हैं और कई बीमारियों से बचाते हैं।

बच्चों के लिए अंडा क्यों है जरूरी
बच्चों की उम्र, वह उम्र होती है जिसमें उनके शरीर का संपूर्ण विकास होता है। संपूर्ण विकास के लिए शरीर को आवश्यक मात्रा में पोषक-तत्वों की जरूरत होती है जो अंडे के जरिए तुरंत प्राप्त होते हैं। बच्चों की हाइट बढ़ाने के लिए तो अंडे और दूध का कॉम्बिनेशन बहुत ही उपयोगी डाइट मानी जाती है। 1-3 साल की उम्र वाले बच्चों के लिए एक दिन में 14 ग्राम प्रोटीन की जरूरत होती है वहीं 4-8 साल के उम्र वाले बच्चों के लिए प्रतिदिन 20 ग्राम प्रोटीन की जरूरत होती है। एक अंडे में 6 से 7 ग्राम प्रोटीन होता है। ऐसे में एक से दो अंडा आपके बच्चे की रोजाना की प्रोटीन की मात्रा को पूरा करने के लिए काफी होता है। इसलिए अगर आपका बच्चा हरी सब्जियां या दूध ना पीने के बहाने बनाता है तो उन्हें रोज सुबह-शाम एक-एक अंडे उबालकर या अंडे का ऑमलेट बनाकर खिला दें। इससे बच्चे को रोजाना की प्रोटीन की खुराक भी मिल जाएगी और आपको खाना लेकर उसके आगे-पीछे भागने की भी जरूरत नहीं होगी।
लेकिन नकली अंडे से रहें सावधान
लेकिन रोज-रोज अंडे खरीदने के दौरान सावधान रहें। क्योंकि आजकल मिलावट के युग में अंडे भी बाजार में नकली आने लगे हैं और धड़ल्ले से बिक रहे हैं। खासकर तो अगर आप एक ही दुकान से रोज अंडे ले रही हैं तो वह शायद आपके भरोसे का गलत फायदा उठाकर आपको नकली अंडे बेच सकता है। इसलिए किसी पर अंधा विश्वास करने से बेहतर है कि आप खुद नकली अंडे की पहचान करना सीखें।
मांग बढ़ने पर बढ़ जाती है नकली अंडों की सप्लाई
वैसे तो नकली अंडे बाजार में साल भर पाए जाते हैं। लेकिन सर्दियों के मौसम में बाजार में अंडे की मांग काफी बढ़ जाती है। इस मांग को पूरा करने के लिए दुकानदार नकली अंडों की सप्लाई शुरू कर देते हैं। तो अगर आप भी रोज अंडे खरीदती हैं और अपने बच्चे को अंडे खिलाती हैं तो इन तरीकों से नकली व असली अंडे में पहचान करना सीख जाएं क्योंकि नकली अंडे खाने से बच्चे को बिल्कुल भी फायदा नहीं होता है।

ऐसे बनता है नकली अंडा
नकली अंडे को बनाने में जिप्सम चूर्ण, कैल्शियम कार्बोनेट और तेल युक्त मोम का इस्तेमाल होता है। इन चीजों से नकली अंडे के बाहरी आवरण को बनाया जाता है।
अंडा विशेषज्ञ डॉ. निकेतन बताते हैं कि नकली अंडे में कैल्शियम की मात्रा उतनी ही होती है कि जितना कि एक मनुष्य को एक दिन में जरूरत होती है। लेकिन इसमें इसके अलावा और कोई पोषक-तत्व नहीं होते।
नकली अंडे के अंदर वाला हिस्सा जिलोटिन, सोडियम एल्गिनाइट और कैल्सियम की मदद से बनाया जाता है। इसका रंग बिल्कुल असली अंडे की तरह होता है, इसलिए इसकी पहचान कर पाना मुश्किल है। लेकिन अगर आप थोड़ी सी समझदार होंगी और असली व नकली अंडे में अंतर करना जानती होंगी तो आप मार्केट में ठगी नहीं जाएंगी। यहां ठगने से ज्यादा जरूरी बच्चों की सेहत है। इसलिए नकली अंडे की समस्या को नजरअंदाज ना करें और इन 5 तरीकों को आजमाएं। ये तरीके आपको असली व नकली अंडे में अंतर करना सीखाएंगे।
छिलके को लगाएं आग
अंडे खरीदने के दौरान माचिस अपने पास रखें और जब भी संदेह हो कि अंडा नकली है तो अंडे को माचिस की तीली जलाकर उसके पास ले जाएं। नकली अंडों के छिलके को आग के पास लाने के दौरान वे तुरंत आग पकड़ लेते हैं। क्योंकि नकली अंडों का छिलका प्लास्टिक जैसी किसी चीज से बना होता है। वहीं असली अंडे को अगर आप आग के करीब ले जाएंगी तो उसे कुछ नहीं होता। केवल यह काला पड़ जाता है। वहीं नकली अंडे से प्लास्टिक जैसी महक आने लगती है।
चमकदार के चक्कर में ना रहे
अगर मार्केट में मिलने वाले अंडे चमकदार हैं और वह आपको पहली नजर में पसंद आ गए हैं और आप खरीदने वाली हैं तो सतर्क हो जाएं। क्योंकि असली अंडे का ऊपरी भाग चमकदार नहीं होता। पहली नजर में देखने पर यह नीरस लगता है। इसलिए चमक के चक्कर में ना पड़ें और धुंधला सा नीरस दिखाई देने वाला अंडा खरीदें।

मुलायम होता है असली अंडा
असली अंडे का ऊपरी हिस्सा काफी मुलायम होता है। इसमें खुरदारपन बिल्कुल भी नहीं होता। वहीं नकली अंड का बाहरी आवरण छूने में काफी रफ होता है। इसलिए यह सोचकर अंडे बिल्कुल भी ना लें कि असली अंडे का सरफेस रफ होगा। जो अंडा मुलायम होता है वह असली अंडा है, उसे तुरंत खरीदे लें।
आवाज से भी कर सकती हैं पहचान
असली व नकली अंडे की पहचान आप आवाज से कर सकती हैं। क्योंकि असली और नकली अंडे की पहचान में काफी अंतर होता है। जब आप असली अंडे को हाथ में लेकर हिलाएंगी तो इसमें से कोई आवाज नहीं आती है। वहीं नकली अंडे को हिलाने पर इसमें से कुछ हिलने की आवाज आती है। इसलिए असली अंडे की पहचान करने के लिए अंडे को कान के करीब ले जाकर हिलाएं। आप नकली अंडे के हिलने की आवाज आसानी से सुन लेंगे। इससे ही आप असली व नकली अंडे की पहचान कर लेंगी।

अंडे के अंदर का पीला हिस्सा
अगर आप ऊपर दिए गए सारे तरीकों के जरिए भी नकली अंडे की पहचान नहीं कर पाईं हैं तो यह अंतिम तरीका आजमाइए। अंडे को फोड़ने से पहले उसे अच्छी तरह से हिला लें। अब अंडे को फोड़ें। अगर अंडे के अंदर का पीला वाला भाग सफेद भाग के साथ पूरी तरह से मिल गया है तो उसे फेंक दें। यह नकली अंडा है। क्योंकि असली अंडो को आप कितनी भी तेजी से हिलाएंगी तो भी उसके अंदर का पीला भाग सफेद भाग से कभी मिक्स नहीं होता। असली अंडे का पीला वाला भाग सफेद भाग के साथ चम्मच से फेंटने पर ही मिक्स होता है वह भी कुछ देर के बाद अच्छी तरह से फेंटने पर। इसलिए असली व नकली अंडे की पहचान करने का यह सबसे अचूक तरीका माना जाता है। इस तरीके को अंतिम रामबाण तरीके की तरह आजमाएं और अपने बच्चे को नकली अंडे देने से बचें।