Yogasana for Back Pain: आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में कमर दर्द एक आम शिकायत बन गई है। ऑफिस में घंटों कुर्सी पर जमे रहना, खराब पॉश्चर और व्यायाम से दूर रहना – ये सब कमर दर्द को जन्म देते हैं। हमारी बिगड़ती लाइफस्टाइल में जहाँ हम खुद को फुर्सत नहीं दे पाते, वहीं ढेर सारे बहाने बनाकर एक्सरसाइज को भी टालते रहते हैं लेकिन यही निष्क्रियता आगे चलकर सेहत को खराब कर देती है। कमर दर्द के अलावा भी कई तरह की बीमारियां हमें घेर लेती हैं। ऐसे में शरीर को सक्रिय रखना बेहद जरूरी है।
इस सक्रियता को बनाए रखने के लिए योग एक बेहतरीन विकल्प है। योगासन न सिर्फ आपके शरीर को लचीला बनाते हैं और मांसपेशियों को मजबूत करते हैं, बल्कि ये तनाव को भी कम करते हैं, जो अक्सर पीठ दर्द का एक मुख्य कारण होता है। तो कमर दर्द को जड़ से खत्म करने के लिए अपनाएं योग का सहारा, और पाएं एक स्वस्थ और सुखी जीवन।
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1)भुजंगासन

भुजंगासन नाम का ये आसान योगासन आपकी कमर दर्द को दूर भगाने में मददगार हो सकता है। “भुजंगासन” का मतलब होता है ‘सांप का आसन’ – जी हां, इस आसन को करते समय हमारा शरीर कुछ-कुछ एक उठे हुए हुए सांप जैसा लगता है। भुजंगासन न सिर्फ कमर दर्द में राहत देता है, बल्कि ये आपके पूरे शरीर के लिए फायदेमंद है। यह आसन रीढ़ की हड्डी को लचीला बनाता है, जिससे पीठ दर्द की समस्या भी दूर होती है। साथ ही, भुजंगासन सीने और कंधों को खोलकर फेफड़ों को ज्यादा जगह देता है, जिससे आपकी सांस लेने की क्षमता भी बढ़ती है। इतना ही नहीं, भुजंगासन पाचन तंत्र को दुरुस्त रखने में भी मदद करता है, तो कमर दर्द से छुटकारा पाने के लिए और अपने पूरे शरीर को स्वस्थ रखने के लिए भुजंगासन को अपनी दिनचर्या में शामिल करें।
भुजंगासन करने की विधि
- पेट के बल जमीन पर लेट जाएं। पैरों को मिलाकर सीधा रखें और माथे को जमीन से सटाएं.
- हाथों को कंधों के नीचे रखें, कोहनियां जमीन की तरफ टिकी होंगी।
- सांस छोड़ते हुए, धीरे-धीरे छाती, कंधों और सिर को ऊपर उठाएं। ध्यान दें कि पीठ के निचले हिस्से को जमीन से ना उठाएं।
- इस दौरान कूल्हों को जमीन से सटाकर रखें और पेट की मांसपेशियों को अंदर की ओर खींचें।
- कुछ देर इस मुद्रा में रुकें और गहरी सांस लेते रहें।
- सांस लेते हुए धीरे-धीरे वापस नीचे आएं और शरीर को पूरी तरह से आराम दें।
2)अर्ध मत्स्येंद्रासन

अर्ध मत्स्येंद्रासन, जिसे “आधा मछली का आसन” के नाम से भी जाना जाता है, रीढ़ की लचक बढ़ाने और कमर दर्द को कम करने के लिए एक बेहतरीन योगासन है। यह आसन न सिर्फ पीठ और कमर को मजबूत बनाता है, बल्कि पूरे शरीर में ऊर्जा का प्रवाह बेहतर कर सुस्ती को दूर भगाता है। अर्ध मत्स्येंद्रासन का अभ्यास रीढ़ से लेकर सिर तक रक्त संचार को बढ़ाता है, जिससे पूरे शरीर में एक नई ऊर्जा का संचार होता है। यह आसन कमर की जकड़न को दूर कर कमर दर्द से राहत दिलाता है। साथ ही, रीढ़ की हड्डी को लचीला बनाकर उसकी सेहत को भी दुरुस्त रखता है।
अर्ध मत्स्येंद्रासन करने की विधि
- दंडासन में बैठ जाएं। पैरों को सीधा रखें और रीढ़ की हड्डी को सीधा करें।
- बाएं पैर को मोड़कर दाहिने घुटने के ऊपर से रखें। बाएं पैर का तलवा दाहिने जांघ के अंदर की ओर रखें।
- दाहिने हाथ को पीठ के पीछे ले जाकर, बाएं घुटने को पकड़ें।
- श्वास छोड़ते हुए, धीरे-धीरे अपनी रीढ़ को दाईं ओर मोड़ें। कोशिश करें कि आपकी बाईं कोहनी दाहिनी जांघ के बाहर जमीन को छू ले।
- इस मुद्रा में कुछ देर रुकें और गहरी सांसें लें।
- श्वास लेते हुए, धीरे-धीरे वापस दंडासन में आएं।
- अब दूसरी तरफ से भी इसी प्रक्रिया को दोहराएं।
3)बालासन

बालासन, जिसे “बच्चे का आसन” के नाम से भी जाना जाता है, एक ऐसा सरल योगासन है जो न सिर्फ कमर दर्द को दूर भगाता है बल्कि पूरे शरीर को आराम देकर थकान मिटाने में भी कारगर है। बालासन के फायदे सिर्फ कमर दर्द से राहत तक ही सीमित नहीं हैं। यह आसन पीठ और कूल्हों को खींचकर उन्हें लचीला बनाता है, साथ ही मांसपेशियों में जमे तनाव को भी कम करता है। इतना ही नहीं, बालासन पाचन क्रिया को भी दुरुस्त रखता है और रक्तचाप को नियंत्रित करने में भी सहायक होता है। अगर आप सिरदर्द या अनिद्रा की समस्या से जूझ रहे हैं, तो बालासन आपके लिए फायदेमंद हो सकता है। यह आसन दिमाग को शांत रखता है और तनाव को कम करने में मदद करता है, जिससे सिरदर्द और अनिद्रा की समस्या दूर हो जाती है।
बालासन करने की विधि
- वज्रासन की मुद्रा में बैठ जाएं। घुटने जमीन पर सटे हुए हों और पैरों की उंगलियां पीछे की ओर होनी चाहिए।
- श्वास छोड़ते हुए, धीरे-धीरे आगे की ओर झुकें।
- माथे को जमीन पर टिकाएं और हाथों को शरीर के बगल में रखें।
- कुछ देर इसी मुद्रा में रुकें और गहरी सांसें लें।
- श्वास लेते हुए, धीरे-धीरे वापस वज्रासन की मुद्रा में आएं।
4)अधोमुख श्वान आसन

अधोमुख श्वान आसन, जिसे “डाउनवर्ड-फेसिंग डॉग पोज़” के नाम से भी जाना जाता है, एक ऐसा योगासन है जो पूरे शरीर को मजबूत और लचीला बनाने के लिए अत्यंत लाभकारी है। यह आसन न सिर्फ रीढ़ की हड्डी को स्ट्रेच करता है, बल्कि कंधों, पैरों और हाथों को भी मजबूत बनाता है। अधोमुख श्वान आसन रक्त संचार को बढ़ाकर तनाव और चिंता को कम करने में भी सहायक होता है। साथ ही, ये आसन एकाग्रता और स्मरण शक्ति को बढ़ाने के साथ-साथ अवसाद से लड़ने में भी मदद करता है। हालांकि, अगर आपको कलाई, कंधे या पीठ में दर्द रहता है, तो अधोमुख श्वान आसन करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें। वैसे तो यह आसान सरल है, लेकिन अपनी क्षमता और शरीर की स्थिति को ध्यान में रखते हुए ही इसका अभ्यास करें।
अधोमुख श्वान आसन करने की विधि
- चारों हाथों और घुटनों के बल जमीन पर आ जाएं।
- श्वास छोड़ते हुए, कूल्हों को ऊपर उठाते हुए पीठ को सीधा करें।
- हाथों को कंधों के नीचे और पैरों को कूल्हों के नीचे रखें।
- एड़ी को जमीन की तरफ खींचने का प्रयास करें, लेकिन घुटनों को मोड़ें नहीं।
- इस मुद्रा में कुछ देर रुकें और गहरी सांसें लें।
- श्वास लेते हुए, धीरे-धीरे वापस चारों हाथों और घुटनों के बल आ जाएं।
