Stomach pain
Stomach pain

Stomach Cancer: जब स्वास्थ्य की बात आती है तो हमें पता ही नहीं होता कई बार कि हम किस बीमारी से जूझ रहे होते है। और यदि कैंसर की बात आती है तो कैंसर कई बार सबसे अंतिम स्टेज पर जाकर पता चलता है। कि कैंसर है। कैंसर में यदि पेट की कैंसर की बात की जाए तो इससे निपटना बेहद मुश्किल है। आमाशय के कैंसर को गैस्ट्रिक कैंसर भी कहा जाता है। यह एक ऐसा कैंसर है जो पेट को प्रभावित करता है। पेट का कैंसर तब होता है। जब पेट की कोशिकाएं नियंत्रण से बाहर हो जाती है और वह ट्यूमर का रूप ले लेती है।

अक्सर पेट में जो कैंसर होता है वह भी कई प्रकार के है जिनमे से सबसे आम प्रकार एडिनोकार्सिनोमा है। जो अक्सर लोगों में होता देखा जाता है। इसके अलावा पेट के कैंसर में लिम्फोमा, सार्कोमा, न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर और गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल स्ट्रोमल ट्यूमर (जीआईएसटी) शामिल है जो कम ही होते है।
आमाशय के कैंसर के कारण
पेट के कैंसर का वैसे कोई भी सही कारण नहीं है लेकिन कई ऐसे कारण हो सकते है। जिनके कारण पेट के कैंसर का होने का खतरा बढ़ सकता है।
धुम्रपान-यदि आप बहुत ज्यादा धुम्रपान ज्यादा करते है तो पेट का कैंसर होने का खतरा बढ़ सकता है। क्योंकि धुम्रपान का असर आपकी पूरे शरीर पर पड़ता है। खासकर पेट पर इसका असर ज्यादा हो जाता है।
आहार-आजकल लोग बहुत ज्यादा बाहर का खाते है जिसमे प्रोसेस्ड फूड,जंक फूड और लाल मांस आदि आपके पेट के लिए किसी खतरे से कम नहीं है। जिसके कारण आप फल सब्जियां कम खाते है। और आपको पेट का कैंसर होने का ज्यादा खतरा हो जाता है। बाहर का खाना खाने के साथ नमकीन,बिस्कुट,आचार आदि मसालेदार चीजों के कारण भी इसका खतरा बढ़ जाता है।
पेट की सर्जरी-यदि आप किसी भी तरह की पेट से जुड़ी सर्जरी हुई है तो भी आपके कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है।  
पारिवारिक इतिहास-यदि आपके किसी करीबी को पेट का कैंसर रहा हो तो भी कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है।

-आरम्भ में आपको बहुत ज्यादा लक्षण इसके महसूस नहीं होते है। सिर्फ महसूस होता है कि खाना सही से पच नहीं पा रहा है। या फिर कोई संक्रमण हो गया है।
-इसकी आरंभिक अवस्था में बहुत ज्यादा पेट में दर्द या फिर पेट में सूजन आ जाती है। आपको पेट में सूजन अलग से महसूस होती है।
-आपको भोजन में कम रूचि महसूस होने लगती है। साथ ही मतली और भूख नहीं लगती है।
-जब कैंसर बढ़ने लगता है तो खून की कमी और थकान जैसे लक्षण पनपने लगते है।

सबसे पहले डॉक्टर यह पता लगाते है कि जो लक्षण दिख रहे है आखिर वे किस तरह के है। और अगर पेट के कैंसर के है तो उसके लिए एंडोस्कोपी की जाती है जिसमें पता लगाया जाता है कि कहीं टयूमर तो नहीं है फिर उसके बाद बायोप्सी के जरिए छोटा सा टुकड़ा लेकर टेस्ट के लिए भेजा जाता है। जिसमें पता लगाया जाता है कि कैंसर है या नहीं ।

कीमोथेरेपी और कभी-कभी रेडियोथेरेपी या लक्षित चिकित्सा जैसे अन्य तौर-तरीकों का भी उपयोग किया जाता है क्योंकि वे परिणामों को बेहतर बनाने में मदद कर सकते हैं। इसके अलावा डॉक्टर कैंसर की स्टेज देखकर इसका इलाज करते है।

इलाज के दौरान डॉक्टर मरीज को धूम्रपान और शराब के लिए बिल्कुल मना कर देते है। साथ ही कुछ व्यायाम जैसे गहरी सांस लेना और वॉक करने के लिए कहते है। साथ जिन लोगों को मधुमेह,उच्च रक्तचाप, हृदय या फेफड़े के रोग है उनको अपना ध्यान सही से रखने की सलाह देते है।