Signs of Trauma Test
emotional trauma test

Overview:

मानसिक, भावनात्मक और मनोवैज्ञानिक ट्रॉमा आपको अंदर से तोड़ सकता है। खासतौर पर महिलाओं को। क्योंकि जिंदगी में उन्हें कई उतार चढ़ाव देखने पड़ते हैं।

Trauma Test: हर इंसान की जिंदगी में कई प्रकार के ट्रॉमा होते हैं। शारीरिक ट्रॉमा आपको नजर आते हैं। लेकिन मानसिक, भावनात्मक और मनोवैज्ञानिक ट्रॉमा आपको अंदर से तोड़ सकता है। खासतौर पर महिलाओं को। क्योंकि जिंदगी में उन्हें कई उतार चढ़ाव देखने पड़ते हैं। पारिवारिक जिम्मेदारियां भी महिलाओं पर ज्यादा होती है। हालांकि अधिकांश महिलाओं को इसकी जानकारी ही नहीं होती कि वे इमोशनल ट्रॉमा की शिकार हैं। ट्रॉमा आपकी मेंटल हेल्थ पर असर करती है। हाल ही में माइंडसेट कोच सारा रॉब ने एक पोस्ट शेयर कर महिलाओं को ट्रॉमा के लक्षण बताए हैं।

1. आराम करने में परेशानी

Signs of Trauma Test
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इस स्थिति में महिलाओं को आराम करने में परेशानी होने लगती है। उन्हें लगता है कि वह दूसरों के लिए कुछ नहीं कर पा रही हैं। वह खुद को दोषी मानने लगती हैं।

2. खुद को हमेशा सही समझना

कई बार महिलाएं बहुत ही स्थिरता के साथ व्यवहार करने लगती हैं। उन्हें लगता है कि वे जो भी काम कर रही हैं, जो भी निर्णय ले रही हैं, सब सही है। दूसरों की सलाह उन्हें हमेशा गलत लगती है।

3. दूसरों की भावनाओं की जिम्मेदारी

ट्रॉमा की शिकार महिलाएं दूसरों की भावनाओं के लिए भी खुद को ही जिम्मेदार मानने लगती हैं। वे अपने आस पास के सभी लोगों को खुश रखने की पूरी कोशिश करती हैं। लेकिन अगर कोई दुखी या नाराज होता है तो इसके लिए खुद को ही दोष देने लगती हैं।

4. मदद लेने में संघर्ष

‘मैं सब कर सकती हूं’, ‘मुझे किसी की जरूरत नहीं है’, यही सोच बन जाती है ट्रोमा से पीड़ित महिलाओं की। वे दूसरों से मदद लेना पसंद नहीं करती हैं।

5. लोगों को खुश करने की कोशिश

ऐसी कई बातें होती हैं जिनपर महिलाएं ‘न’ कहना चाहती हैं, लेकिन सामने वाले को बुरा न लग जाए इसलिए वे ‘हां’ कर देती हैं। मतलब वह दूसरों को खुश करने के ​चक्कर में अपनी भावनाओं को दबा देती हैं और अंदर ही अंदर घुटती रहती हैं।

6. संघर्ष में चुप्पी साधना

ट्रॉमा की स्थिति महिलाओं के अंदर एक उलझन पैदा कर देती है। वह संघर्ष का सामना नहीं कर पातीं। जब कोई उनकी मदद मांगता है तो वह उसे सपोर्ट नहीं पातीं और चुप्पी साध लेती हैं।

7. सफलता से दूरी बनाना

इन महिलाओं में आत्मविश्वास की कमी आने लगती है। वे तारीफों को स्वीकार नहीं कर पाती हैं। उन्हें लगता है कि उन्हें सफलता मिल ही नहीं सकती है। वे खुद को इसके लायक नहीं समझती हैं।

8. खुशियों में महसूस करती हैं असहज

ट्रॉमा से पीड़ित महिलाएं जीवन में शांति पसंद नहीं करती हैं। इससे उन्हें तनाव महसूस होने लगता है। वह खुद को स्थितियों के अनुसार स्थिर नहीं रख पाती हैं।

9. निर्णय लेने में परेशानी

ऐसी महिलाओं को हमेशा खुद पर संदेह रहता है। ऐसे में वे कभी भी निर्णय नहीं ले पाती हैं। वे हमेशा ​फैसला लेने में कंफ्यूज हो जाती हैं।

10. नहीं पहचानतीं अपने संघर्ष

‘हम तो फिर भी ठीक है, दूसरे तो और भी परेशान हैं’, यह बात सुनने में भले ही पॉजिटिव लगे। लेकिन ट्रॉमा से ग्रस्त महिलाओं के लिए इसका नजरिया दूसरा है। ऐसा सोचकर वे अपने संघर्षों को नजरअंदाज करने की कोशिश करती हैं।

खुद की मददगार बनें

अगर आप भी ट्रॉमा के ऐसे ही लक्षण अपने आप में देख रही हैं तो खुद की मददगार बनें। अपने ऊपर फोकस करें। एक अच्छी दिनचर्या बनाएं। जिसमें योग और ध्यान को शामिल करें। ब्रीदिंग एक्सरसाइज करें। इससे आपका माइंड रिलेक्स होगा। अपने परिवार और दोस्तों के साथ क्वालिटी टाइम बिताएं। सात से आठ घंटे की नींद जरूर लें।

मैं अंकिता शर्मा। मुझे मीडिया के तीनों माध्यम प्रिंट, डिजिटल और टीवी का करीब 18 साल का लंबा अनुभव है। मैंने राजस्थान के प्रतिष्ठित पत्रकारिता संस्थानों के साथ काम किया है। इसी के साथ मैं कई प्रतियोगी परीक्षाओं की किताबों की एडिटर भी...