Raja Beta Syndrome Symptoms: अति हर चीज की बुरी होती है फिर चाहे वो प्यार ही क्यों न हो। दुनिया में मां ही वह इंसान है, जो सबसे ज्यादा प्यार और दुलार करती है। कई बार बच्चों की गलतियों को भी नजरअंदाज करके उन्हें डांटती नहीं हैं। हालांकि कभी-कभी एक मां का अपने बेटे के लिए प्यार बच्चे को बिगाड़ने या एक राजा की तरह व्यवहार करने के लिए मजबूर कर सकता है। जिसे हम बिगड़ैल बच्चा कह सकते हैं। यदि मां अपने पालन-पोषण की स्टाइल पर नियंत्रण नहीं रखती हैं तो इससे उनको राजा बेटा सिंड्रोम हो सकता है, जो बच्चे के बड़े हो जाने पर भी बना रह सकता है। ये बच्चे के लिए खतरनाक हो सकता है साथ ही बच्चा जिद्दी और बदतमीज भी हो सकता है। यदि आप भी इस सिंड्रोम का शिकार हैं तो इन लक्षणों से करें पहचान।
विलासता का जीवन

राजा बेटा की मां बच्चे की हर इच्छा और सनक को इनकार नहीं कर सकतीं। वे अपने बच्चे को खुश करने के लिए हर मुमकिन कोशिश करती हैं। उन्हें महंगी से महंगी चीजें और खिलौने दिलाती हैं, फिर चाहे उसे उन चीजों को आवश्यकता की क्यों न हो। हर बार जो वो खाना चाहता है वही खाने में बनाना। बच्चे की हर जिद्द को पूरा करना। बच्चे को गतल बात के लिए न टोकना भी इस सिंड्रोम के लक्षण हैं।
किचन में न जाने देना
बेटे को बचपन से ही सिखाया जाता है कि किचन में राजा बेटा को जाने की जरूरत नहीं है। बेटे केवल मां को किसी भी चीज के लिए ऑर्डर करते हैं और मां तुरंत उन चीजों को उपलब्ध कराने या बनाने में जुट जाती है। ऐसे बच्चे हमेशा भोजन के लिए अपनी मां या पत्नी पर निर्भर रहते हैं। अगर वे खाना पकाने को हीन या महिलाओं का काम समझें तो इसमें आश्चर्य नहीं होगा।
बेटे की देखभाल के लिए बहू पर नजर रखना
बेटे के बड़े होने के बाद भी यदि मां बेटे को इंडिपेंडेंट नहीं बनाना चाहतीं तो ये राजा बेटा सिंड्रोम का लक्षण हो सकता है। भले ही बेटा कामकाजी, विवाहित और वयस्क हो लेकिन मां उसकी हर छोटी-बड़ी चीज का ख्याल रखती हैं। इस वजह से वे कई बार बहू की जासूसी भी करती नजर आ सकती है। वे बहू से बेटे के खाने, रहने और ऑफिस से संबंधित सवाल भी कर सकती हैं। हो सकता है कि वह इस स्थिति में बहू पर ध्यान न दें।
बेटे की गलतियों को नजरअंदाज करें

सभी बच्चे ऐसी गलतियां करते हैं जो उनके आसपास के लोगों को चोट पहुंचा सकती हैं। ये माता-पिता की एक बड़ी जिम्मेदारी है कि वे अपने बच्चे को इतना सहानुभूतिपूर्ण होना सिखाएं कि वह न केवल अपने बारे में बल्कि दूसरों के बारे में भी सोचे। हालांकि यदि आप अपने बेटे के गलत व्यवहार पर उसे टोकती हैं या सही करती हैं तो गलत काम न करने की प्रेरणा मिलेगी। बच्चे को बचपन से ही सही और गलत के बारे में समझाएं।
बेटा अपने फैसले नहीं ले पाएगा
माताओं के लिए ये स्वीकार करना कठिन होता है कि उनका छोटा बेटा अब बड़ा हो गया है और इतना स्मार्ट कि वह अपनी देखभाल या फैसले खुद ले सकता है। वह बेटे को हमेशा छोटा बच्चा होने का अहसास दिलाती हैं। नतीजतन, वे हमेशा इस बारे में चिंतित रहती हैं कि वह कहां गया है या किसके साथ गया है। हो सकता है कि वह बच्चे की खोज-खबर रखने के लिए उसे फोन करती रहें। बच्चे के निर्णय में बीच में आना, उसके करियर और विकास को बाधित कर सकता है। यदि ऐसा लक्षण आपमें हैं तो उसका सही उपचार करें।