माना की अब कई तरह की चीजों में बदलाव आ रहा। बात अगर प्रजनन क्षमता से जुड़ी हुई हो तो अब स्थिति पहले से कहीं बेहतर हो रही है। जी हां हम बात कर रहे हैं बांझपन की। बांझपन की समस्या महिलाओं में धीरे धीरे कम होती जा रही है। और इस बात की उम्मीद भी जताई जा रही है कि ये आंकड़ा शून्य तक भी पहुंच सकता है। हमारे देश में जब भी किसी लड़की की उम्र 25 साल की होती है तो उस पर शादी करने का दबाव बनाया जाता है। जैसे ही लड़की की शादी होती है तो उसे बच्चे पैदा करने पर जोर देने लग जाते हैं। आज कल की महिलाएं समय के साथ खुद को तैयार रखने की कोशिश में रहती हैं। अब के समय में महिलाएं अपनी पसंद और जरूरत के अनुसार ही प्रेगनेंसी के फैसले लेती हैं और इसे नियंत्रित भी रखती हैं। शोध की मानें तो प्रजनन क्षमता में गिरावट महिलाओं की इसी रणनीति की वजह से हो रही है, क्योंकि महिलाएं कई तरह के प्रजनन उपचारों का जमकर विरोध भी कर रही हैं । हम ऐसे देश में रहते हैं जहां बांझपन की दर को कम करने के और भी कई कारण हैं, तो तनाव का कारण भी बनते हैं।
1.ज्यादा आय की जरूरत– अच्छी लाइफस्टाइल और आरामदायक जीवन जीने के लिए तनाव ना हो तो बेहतर है। आज कल घर खर्च की बात करें तो बदलते दौर में खर्चों में भी कई तरह के बदलाव आ रहे हैं। खर्चे तीन गुना तक बढ़ गये हैं। घर में पति और पत्नी दोनों को ही नौकरी करने की जरूरत पड़ रही है। वो एक से ज्यादा बच्चों के बारे में सोचते भी नहीं है। अगर उनके जीवन में बच्चे नहीं तो वो तब तक बच्चे पैदा नहीं करना चाहते जब तक उनके पास अच्छा बैकअप ना हो। आजकल बच्चे को पैदा करना ही सबकुछ नहीं होता। उनके पालन पोषण में भी हजारों का खर्चा आता है। इसलिए महिलाएं परिवार बसाने से पहले एक मजबूर बैंक बैलेंस को मेंटेन करने का विकल्प चुनती हैं।
2.सिर्फ उम्र नहीं वजह– आप में से कई लोग ऐसे हैं, जो ये सोचते हैं कि सही उम्र में बच्चे को पैदा करना सबसे अच्छा विकल्प होता है। लेकिन आप शायद ये नहीं जानते कि सिर्फ उम्र आपकी प्रजनन क्षमता को ही प्रभावित नहीं कर सकती। जानकारी के लिए बता दें कि अगर कोई महिला पीसीओडी की समस्या से ग्रसित है तो ऐसे में बांझपन का जोखिम बढ़ जाता है। आगे शादी के एक से दो साल तक प्रेगनेंसी में समस्या आ रही है तो ये सिर्फ पीसीओडी की वजह से हो सकता है। जिससे प्रेगनेंसी को लेकर समस्या होती है। इसके अलावा स्मोकिंग, शराब का सेवन बांझपन के कारण को बढ़ाते हैं।
3.बनाएं आगे की योजना– अगर आप प्रेग्नेंट होना चाहती हैं, तो आपके प्रेगनेंसी से जुड़ी अन्य विकल्पों को तलाश करने की जरूरत है। आप अपनी लाइफस्टाइल में बदलाव करें। अगर आप मादक पदार्थों का सेवन करती हैं तो इस आदत को बदल दें। इसके अलावा अगर किसी कपल की उम्र 35 साल से कम है तो नेचुरल तरीके अपनाने की कोशिश करें। क्योंकि प्रग्नेंसी के दौरान कई ऐसी प्रक्रियाएं होती हैं, जिसमें कोई और इलाज सम्भव नहीं होता है। अगर आप 20 से 30 तक की उम्र में बच्चा नहीं चाहती हैं तो आप अपना समय ले सकती हैं।
ये कुछ ऐसी वजहें हैं, जिनके चलते बच्चे ना होने का पूरा दोष बांझपन को नहीं दिया जा सकता है। जाहिर सी बात है इस बदलते दौर में खुद को बदलने की होड़ भी है, और ये ऐसी होड़ है जो प्रेगनेंसी ना होने का कारण भी बन रहे हैं। शोध के मुताबिक कुछ दम्पत्ति अपनी मर्जी से बच्चे पैदा नहीं कर रहे हैं तो कुछ दम्पत्ति पैसों को लेकर तनाव में रहते हैं, जिसके लिए वो बैकअप तैयार रखना चाहते हैं। जिसमें अगर देखा जाए तो बांझपन की दर में तो कमी आई है, लेकिन प्रेगनेंसी को लेकर कॉम्प्लीकेशन्स भी बढ़ गये हैं।
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