Whole Grains in Pregnancy
Whole Grains in Pregnancy

प्रेग्नेंसी में साबुत अनाज खाने से दूर होंगी कई समस्याएं

Whole Grains in Pregnancy : गर्भावस्था के दौरान साबुत अनाज का सेवन करना काफी हेल्दी साबित हो सकता है। आइए जानते हैं इसके फायदे

Whole Grains in Pregnancy : प्रेग्नेंसी के दौरान पोषण का ध्यान रखना बेहद जरूरी होता है, क्योंकि मां का खानपान सीधे शिशु के विकास और स्वास्थ्य को प्रभावित करता है। साबुत अनाज का सेवन करना प्रेग्नेंसी में एक बेहतरीन पोषण विकल्प हैं। इनमें फाइबर, विटामिन, मिनरल्स और एंटीऑक्सीडेंट्स भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं, जो गर्भावस्था के दौरान आने वाली कई समस्याओं को दूर करने में मदद करते हैं।

Pregnancy
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प्रेग्नेंसी में कब्ज एक सामान्य समस्या है। साबुत अनाज जैसे गेहूं, जई (Oats), बाजरा, रागी और जौ में फाइबर की भरपूर मात्रा होती है, जो पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने और कब्ज से राहत दिलाने में मदद करती है।

साबुत अनाज में कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स होता है, जो रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करता है और गेस्टेशनल डायबिटीज के खतरे को कम करता है।

Diabetes
Diabetes

प्रेग्नेंसी के दौरान शरीर की एनर्जी कम होने लगती है। साबुत अनाज में कार्बोहाइड्रेट होते हैं, जो धीरे-धीरे ऊर्जा प्रदान करते हैं। यह प्रेग्नेंसी के दौरान थकान और कमजोरी को दूर करने में सहायक होते हैं।

साबुत अनाज में विटामिन बी, फोलिक एसिड, आयरन और मैग्नीशियम पाए जाते हैं, जो शिशु के मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र के विकास के लिए आवश्यक हैं। अगर आप शिशु का शरीरीरिक और मानसिक विकास बेहतर चाहते हैं, तो नियमित रूप से साबुत अनाज का सेवन करें।

साबुत अनाज फाइबर से भरपूर होते हैं, जो भूख को नियंत्रित करते हैं और अनावश्यक वजन बढ़ने से रोकते हैं। इतना ही नहीं, साबुत अनाज में मैग्नीशियम पाया जाता है, जो ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करता है और प्रीक्लेम्पसिया (प्रेग्नेंसी में उच्च रक्तचाप) के जोखिम को कम करता है।
साबुत अनाज पाचन क्रिया को बेहतर बनाते हैं, जिससे शरीर के पोषक तत्वों का अवशोषण सही तरीके से होता है।

Weight Loss
Weight Loss

प्रेग्नेंसी के दौरान हृदय पर ज्यादा दबाव पड़ता है। साबुत अनाज हृदय स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करते हैं और कोलेस्ट्रॉल स्तर को नियंत्रित करते हैं।

प्रेग्नेंसी में साबुत अनाज न केवल मां की सेहत को बेहतर बनाते हैं, बल्कि शिशु के स्वस्थ विकास में भी सहायक होते हैं। इन्हें नियमित आहार में शामिल करके कई सामान्य गर्भावस्था समस्याओं से बचा जा सकता है।

निक्की मिश्रा पिछले 8 सालों से हेल्थ और लाइफस्टाइल से जुड़े मुद्दों पर लिख रही हैं। उन्होंने ग्वालियर के जीवाजी यूनिवर्सिटी से इकनॉमिक्स में एमए और भारतीय विद्या भवन से जर्नलिज़्म की पढ़ाई की है। लिखना उनके लिए सिर्फ एक प्रोफेशन...