शोध कहते हैं कि प्रोबायोटिक्स(Probiotics), डाइजेशन और पेट के लिए काफी फायदेमंद होते हैं। लेकिन यहां सवाल ये उठता है कि प्रोबायोटिक योनि के स्वास्थ्य के लिए कितनी फायदेमंद है।
योनि (Vagina) महिलाओं के शरीर का अभिन्न अंग होती है। योनि में थोड़ी सी भी परेशानी हमें असुविधा में डाल सकती है। साथ ही इसका असर हमारी रोज की प्रोडक्टिविटी पर भी पड़ता है। इससे सेक्स लाइफ के साथ पार्टनर की भावनाएं तक प्रभावित हो सकती है। इसलिए योनि का स्वास्थ्य सही रहे, इस बात का ख्याल भी हमें ही रखना है। योनि के स्वास्थ्य को ठीक रखने के लिए प्रोबायोटिक्स का इस्तेमाल किया जा सकता है। योनि के स्वास्थ्य के लिए ये कैसे फायदेमंद हो सकते हैं, चलिए जान लेते हैं।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट

कोलंबिया एशिया हॉस्पिटल में सीनियर आब्सट्रिशियन एंड गायनोकोलॉजिस्ट डॉ मनीषा रंजन बताती हैं कि योनि में पीएच (Ph Balance) संतुलन बनाये रखने और इससे होने वाले कुछ इलाज प्रोबायोटिक्स की मदद से प्रभावी हो सकते हैं। आपको बता दें योनि के अंदर काफी छोटे-छोटे जीवाणु होते हैं, जो कम से कम 50 से ज्यादा विभिन्न प्रजातियों के होते हैं। जिनमें से कुछ बैक्टीरिया भी होते हैं, जिनका नाम लैक्टोबैसिली होता है। इनका मुख्य काम योनि को संक्रमण से मुक्त बनाए रखने में मदद करता है। अगर इनकी कमी योनि में होगी, तो कई परेशानी झेलनी पड़ सकती है।
प्रोबायोटिक से कम होगा इन्फेक्शन

काफी महिलाएं हैं जो प्रोबायोटिक्स का इस्तेमाल करती हैं। ऐसा करने से योनि में रहने वाली जीवाणु (Bacteria) सुरक्षित रहते हैं। जिससे योनि में संक्रमण का डर कम रहता है। योनि में अच्छे और बुरे दोनों ही तरह के जीवाणुओं का होना बेहद जरूरी है। प्रोबायोटिक्स से ये संतुलन बना रहता है।
प्रोबायोटिक के क्या हैं फायदे

योनि के लिए प्रोबायोटिक के कई फायदे हैं। कई महिलाएं हैं जो इन फायदों के बारे में जानती होंगी, लेकिन कई महिलाएं ऐसी भी हैं जो इन फायदों से अनजान होंगी। आप भी उनमें से एक हैं, तो चलिए जान लेते हैं इसके फायदे।
यीस्ट इन्फेक्शन से मिलेगी राहत

कई महिलाएं हैं जिन्हें योनि में यीस्ट इन्फेक्शन (Yeast Infection) जैसी समस्या को झेलना पड़ता है। कभी-कभी ये काफी दर्दनाक हो सकता है। ये स्थिति कैंडिडा नाम के फंगस की वजह से होती है। ज्यादातर समस्या तब बढ़ जाती है, जब बुरे बैक्टीरिया अच्छे बैक्टीरिया से ज्यादा हो जाते हैं।
बैक्टीरियल वेजिनोसिस की स्थिति होगी कम

योनि में पीएच लेवल का संतुलित होना काफी जरूरी है। अगर इसमें असंतुलन हो जाए तो आपको काफी बड़ी समस्या हो सकती है। ये समस्या इसलिए होती है क्योंकि, योनि में अच्छे बैक्टीरिया की मात्रा कम हो जाती है। योनि में पीएच की मात्रा को बैलेंस करने के लिए प्रोबायोटिक्स (Probiotics) एक बेहतर विकल्प है।
ट्राइकोमोनिएसिस से बचाव जरूरी

ट्राइकोमोनिएसिस काफी समान्य संक्रमण है, जिसका नाम एसटीआई है। शोध के मुताबिक लाखों ऐसी महिलाएं हैं जो, कभी भी और किसी भी समय ट्राइकोमोनिएसिस से संक्रमित हो सकती हैं। अगर आप चाहती हैं, कि आपको ये संक्रमण घेर सकता है तो इसके लक्षणों को पहचानना बेहद जरूरी है। और अगर आपको इन में से कोई भी लक्षण नजर आये तो, प्रोबायोटिक्स का इस्तेमाल कर सकती हैं।
क्या हैं लक्षण?

- योनि में खुजली, दर्द और जलन होना।
- पेशाब करते समय दर्द महसूस करना।
- योनि से गंध आना।
- योनि से गंध के साथ सफेद या पीला पानी स्त्राव होना।
कब पड़ेगी डॉक्टर की जरूरत?
आमतौर पर योनि से सम्बंधित किसी भी तरह की समस्या होने पर उसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। देखा जाए तो योनि में असंतुलित बैक्टीरिया होने के कारण गम्भीर स्वास्थ्य सम्बंधित परेशानी हो सकती है। अगर इसका इलाज सही समय पर ना किया जाए तो ये जानलेवा हो सकता है। सबसे ज्यादा यीस्ट संक्रमण आपको परेशान कर सकता है। इससे बचने के लिए डॉक्टर की मदद जरुर लें।
कुछ नेचुरल प्रोबायोटिक्स
योनि की हेल्थ के लिए क्रैनबेरी

ये बैक्टीरिया से लड़ने के लिए शक्तिशाली एसिडिक कंपाउंड होते हैं। एंटीऑक्सिडेंट, विटामिन ई और विटामिन सी से भरपूर होने के कारण आपकी इम्यूनिटी को मजबूत करते हैं।
शकरकंद है हेल्दी योनि के लिए

शकरकंदी में विटामिन ए की मात्रा होती है। जो योनि के स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद है। यही नहीं इसका सेवन मांसपेशियों को और टिशूज को स्ट्रांग बनाता है। जिससे आपकी वेजाइनल वॉल और गर्भाशय की वॉल मजबूत होती हैं।
प्लांट फैट्स एक अच्छे सेक्स और योनि के लिए

omega-3 युक्त फूड खाने से आपकी सेक्स ड्राइव बेहतर होती है क्योंकि आपकी योनि की दीवारों की फ्लैक्सिबिलिटी बढ़ जाती है। यह ओमेगा 3 एसिड बक्थार्न ऑयल में पाए जाते हैं। जैसे कि पामिटोलिक, लिनोलिक, ओलिक और पामिटिक आदि।
रोजाना एक सेब का सेवन भी है फायदेमंद

सेब के अंदर फाइटोएस्ट्रोजन फ़्लोरिडज़िन और एंटीऑक्सिडेंट होते हैं। जो वजाइना की हेल्थ को सही रखते हैं साथ ही एक अच्छी सेक्स लाइफ भी प्रमोट करते हैं। क्योंकि इनके सेवन से वजाइना
में लुब्रिकेशन और ऑर्गेज्म की पावर बढ़ती है।
सोया का सेवन भी है योनि के लिए फायदेमंद

सोया में प्लांट से निकला हुआ फाइटोएस्ट्रोजन होता है जो महिलाओं में एस्ट्रोजन लेवल को कम करता है और वजाइना के सूखे पन को कम और स्किन की बेहतरीन में बढ़ोतरी करता है। आपको जानकर हैरानी होगी कि पोस्टमैनोपोज़ के बाद महिलाओं की ब्लड वेसल्स के स्वास्थ्य के लिए सोया का सेवन बहुत फायदेमंद है
एवोकाडो का सेवन योनि के लिए है बेहतर

एवोकाडो लिबिडो की हेल्थ बढ़ाने वाला फैट और विटामिन बी सिक्स व पोटैशियम युक्त होता है। जिससे वजाइना का लुब्रिकेशन और दीवारों की मजबूती बढ़ती है।
प्रोबायोटिक्स की मदद से योनि में असंतुलित होने वाले बैक्टीरिया को रोकने के साथ इसका इलाज किया जा सकता है। ये एक काफी विश्वनीय इलाज है, जिस पर महिलाएं भरोसा कर सकती हैं। कुछ जानकारों और उनके द्वारा किये गये शोध में भी इस बात की पुष्टि की गयी है। प्रोबायोटिक पिल्स से किसी भी तरह की कोई परेशानी नहीं होती। लेकिन यहां आपको यही सलाह देंगे कि आप जब भी प्रोबायोटिक पिल्स का इस्तेमाल करने जा रही हैं, तो एक बार किसी जानकार या डॉक्टर की सलाह जरुर लें।
कुछ सवाल जो आपके मन में आ सकते हैं या अक्सर पूछे जाते हैं (Frequently Asked Questions)
प्रश्न: वजाइना कितनी बार बदलती है?
उत्तर: पूरी लाइफ टाइम में वजाइना की स्थिति में काफी बदलाव आता है। कुदरत ने इसकी संरचना सेक्स और बच्चे को जन्म देने के लिए कुछ इस प्रकार की है कि इस दौरान खासकर आकार और इसके कसाव में फर्क पड़ता है।
प्रश्न: क्या महिलाओं को प्रोबायोटिक्स के सप्लीमेंट्स लेने चाहिए?
उत्तर: महिलाओं के शरीर की प्रोबायोटिक्स की जरूरत पूरे लाइफटाइम में कई बार बदलती है। उदाहरण के लिए किशोरावस्था में शरीर की जरूरत कुछ और होती है। जबकि पोस्टमेनोपाजल और गर्भावस्था या ब्रेस्टफीडिंग के समय महिलाओं की वजाइना सेल सकती है या उसके आकार में कुछ बदलाव आ सकते हैं।
